मौसम की मार झेल रहे जिम्बाब्वे, जाम्बिया और मलावी को भारत ने बढ़ाया मदद का हाथ, चावल-मक्का भेजा

भारत सरकार ने सूखे की मार झेल रहे मलावी को मानवीय सहायता के तौर पर शनिवार को 1,000 मीट्रिक टन चावल भेजा. दक्षिण-पूर्वी अफ्रीकी देश सूखे से प्रभावित है. यहां फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचा है और खाद्य उत्पादन पर भी असर पड़ा है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा कि अल-नीनो के प्रभाव के कारण उत्पन्न गंभीर सूखे के परिणामों से निपटने के लिए मलावी को 1000 मीट्रिक टन चावल की एक खेप भेजी गई है. मलावी सरकार ने मार्च में देश के 28 जिलों में से 23 में सूखे के बाद आपदा की स्थिति घोषित कर दी थी.

MEA Spokesperson Randhir Jaiswal tweets, “Humanitarian assistance in solidarity with the people of Malawi. A consignment of 1000MT rice departed today for Malawi, to address the consequences of the severe drought caused by El Niño phenomenon.” pic.twitter.com/G6iQsHcYT1
— ANI (@ANI) September 7, 2024

जिम्बाब्वे, जाम्बिया और मलावी को भेजी मदद
रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ने शनिवार को मलावी के अलावा जिम्बाब्वे, जाम्बिया को भी खाद्य मदद भेजी. एक्स पर एक पोस्ट में, जायसवाल ने कहा कि भारत ने जिम्बाब्वे को मानवीय सहायता भेजी है. 1000 मीट्रिक टन चावल की एक खेप जिम्बाब्वे के लिए न्हावा शेवा बंदरगाह से रवाना हुई. इससे जिम्बाब्वे के लोगों की खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी.

sends humanitarian aid to Zimbabwe.
A consignment of 1000MT rice departed from the Nhava Sheva port for Zimbabwe today. This would help meeting food security needs of the Zimbabwean people. pic.twitter.com/jt3Bb1WRAL
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) September 7, 2024

1,300 मीट्रिक टन मक्का जाम्बिया भेजा
भारत ने जाम्बिया के लोगों की खाद्य और पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए 1,300 मीट्रिक टन मक्का भी भेजा.रणधीर जायसवाल ने कहा कि इससे हमारे मित्रवत जाम्बियाई लोगों की खाद्य और पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने अल नीनो घटना के कारण उत्पन्न गंभीर सूखे के परिणामों से निपटने के लिए मलावी के लोगों के लिए मानवीय सहायता भी भेजी है.

s humanitarian assistance for the people of Zambia.
A shipment of food grains (1300MT Maize) departed today for Zambia. This would help to meet food and nutrition needs of our friendly Zambian people. pic.twitter.com/XMjkPCQ13m
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) September 7, 2024

दुनिया भर के मौसम प्रभावित
एल नीनो और ला नीना प्रशांत महासागर में जलवायु पैटर्न हैं जो दुनिया भर के मौसम को प्रभावित कर सकते हैं. अल जजीरा के अनुसार, इससे पहले 26 अप्रैल को तंजानिया में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन के परिणामस्वरूप कम से कम 155 लोगों की जान चली गई थी.
बारिश ने काफी नुकसान पहुंचाया
गुरुवार को संसद में एक संबोधन में, तंजानिया के प्रधानमंत्री कासिम मजालिवा ने कहा कि मौजूदा बारिश का मौसम एल नीनो जलवायु पैटर्न से बदतर हो गया है, जिसके परिणामस्वरूप बाढ़ आई है और सड़कें, पुल और रेलमार्ग नष्ट हो गए हैं. मजालिवा ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में तेज हवाओं, बाढ़ और भूस्खलन के साथ भारी एल नीनो बारिश ने काफी नुकसान पहुंचाया है.

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