यमुना एक्सप्रेसवे पर फिर बढ़ा टोल टैक्स, जानिए अब तक कितना महंगा हो चुका है सफर?
यमुना एक्सप्रेसवे पर अब गाड़ियों को रफ्तार भरने के लिए पहले से अधिक पैसे खर्च करने होंगे. क्योंकि एक बार फिर से टोल टैक्स में इजाफा किया गया है. ये फैसला यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी ने अपनी 82वीं बैठक में लिया है. नई दरें 1 अक्टूबर से लागू होंगी. बता दें कि यमुना एक्सप्रेसवे को ताज एक्सप्रेसवे के नाम से भी जाना जाता है. भारत में कुल 24 एक्सप्रेसवे हैं, जो विभिन्न राज्यों से होकर गुजरते हैं और इनमें से प्रत्येक पर वाहन चालकों को टोल चुकाना होता है. इनमें से एक सबसे चर्चित और व्यस्त एक्सप्रेसवे है नोएडा से आगरा तक का यमुना एक्सप्रेसवे. इसलिए आज की स्टोरी में हम यह जानेंगे कि जब से यह एक्सप्रेसवे चालू हुआ है तब से अबतक इसके टोल टैक्स में कितना बदलाव हुआ है.
इतना महंगा हुआ है सफर
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस एक्सप्रेसवे पर रोजाना लगभग 35,000 वाहनों की आवाजाही होती है, जबकि वीकेंड पर यह संख्या 50,000 तक पहुंच जाती है. यानी आसान भाषा में कहें तो इन लोगों पर इसकी सीधी मार पड़ने वाली है. हाल ही में हुई बैठक में तय किया गया है कि एक्सप्रेसवे पर टोल दरों में 4% की वृद्धि की जाएगी. इस नई वृद्धि के बाद दो पहिया वाहनों के लिए दरें 1.30 रुपये प्रति किलोमीटर से बढ़कर 1.50 रुपये हो जाएंगी.
वहीं, जीप और कारों के लिए दरें 2.70 रुपये प्रति किलोमीटर से बढ़कर 2.95 रुपये हो जाएंगी. हल्के व्यावसायिक वाहनों के लिए टोल 4.35 रुपये से 4.70 रुपये प्रति किलोमीटर हो गया है. इसी प्रकार, बसों और ट्रकों के लिए टोल दरें 8.95 रुपये प्रति किलोमीटर से बढ़कर 9.35 रुपये हो जाएंगी. भारी निर्माण वाहनों की दर 12.90 रुपये से 13.35 रुपये प्रति किलोमीटर हो गई है और ओवरसाइज वाहनों के लिए दरें 17.60 रुपये से बढ़ाकर 18.10 रुपये प्रति किलोमीटर कर दी गई हैं.
नई दरें लागू होने के बाद, ग्रेटर नोएडा से आगरा तक कार से यात्रा करने पर टोल की राशि 270 रुपये से बढ़कर 295 रुपये हो जाएगी. इसी तरह, बसों के लिए यह राशि 895 रुपये से बढ़कर 935 रुपये हो जाएगी. ओवरसाइज वाहनों के लिए यह टोल 1760 रुपये से बढ़कर 1835 रुपये हो जाएगा.
अब तक इतनी बार बढ़ा टोल टैक्स
यमुना एक्सप्रेसवे पर टोल दरों में यह पहली वृद्धि नहीं है. जब 2012 में इस एक्सप्रेसवे का परिचालन शुरू हुआ था, तब कारों के लिए टोल दर 2.10 रुपये प्रति किलोमीटर थी, जबकि बसों और ट्रकों के लिए यह दर 6.60 रुपये प्रति किलोमीटर थी. भारी निर्माण वाहनों के लिए यह दर 10.10 रुपये प्रति किलोमीटर थी. इसके बाद 2014 में टोल दरों में पहली बार वृद्धि की गई, जिसमें कारों के लिए दरें 2.10 रुपये से बढ़ाकर 2.50 रुपये प्रति किलोमीटर कर दी गईं. बसों और ट्रकों के लिए यह दर 6.60 रुपये से बढ़कर 7.50 रुपये प्रति किलोमीटर और भारी वाहनों के लिए 10.10 रुपये से 12.05 रुपये प्रति किलोमीटर कर दी गई थी.
इसके बाद 2022 में फिर से टोल दरों में वृद्धि हुई. कारों के लिए टोल दर 2.50 रुपये से बढ़ाकर 2.65 रुपये प्रति किलोमीटर की गई, जबकि बसों और ट्रकों के लिए यह दर 7.50 रुपये से बढ़ाकर 8.45 रुपये प्रति किलोमीटर कर दी गई. भारी निर्माण वाहनों के लिए यह दर 12.05 रुपये से बढ़ाकर 12.90 रुपये और ओवरसाइज वाहनों के लिए यह दर 15.55 रुपये से बढ़कर 18.80 रुपये प्रति किलोमीटर कर दी गई थी.
जेब पर पड़ेगा असर
बता दें कि इस नई वृद्धि के बाद यमुना एक्सप्रेसवे पर यात्रा करने वालों को और अधिक पैसा खर्च करना होगा. यह वृद्धि यात्रियों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डाल सकती है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो रोजाना इस मार्ग का उपयोग करते हैं. हालांकि, टोल दरों में इस वृद्धि का उद्देश्य एक्सप्रेसवे की रखरखाव और सुरक्षा को बनाए रखना है, ताकि यात्री सुविधाजनक और सुरक्षित यात्रा का अनुभव कर सकें.