युवाओं-छात्रों की आत्महत्या दर बढ़ने से राहुल गांधी चिंतित, केंद्र सरकार से की ये मांग
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने छात्रों की आत्महत्या की बढ़ती दर पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने अपने वाट्सएप चैनल पर एक लंबा पोस्ट शेयर किया है. उन्होंने कहा है कि शून्य से 24 साल तक के बच्चों की जनसंख्या घटी है, लेकिन आत्महत्याओं की संख्या 6 हज़ार 654 से बढ़कर 13 हज़ार 44 हो गई है. उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि मेरी सरकार से अपेक्षा है कि वो विद्यार्थियों और युवाओं के इस कठिन रास्ते को आसान करने की हर संभव योजना बनाएं. उनके रास्ते में बाधाएं नहीं, उन्हें समर्थन पहुंचाएं.
वाट्सएप पोस्ट में राहुल गांधी लिखते हैं, “देश में युवाओं के बीच बढ़ता आत्महत्या दर बहुत ही दुखद और चिंताजनक है. पिछले दशक में, जबकि 0-24 आयु के बच्चों की जनसंख्या 58.20 करोड़ से घटकर 58.10 करोड़ हो गई, छात्र आत्महत्याओं की संख्या चौंकाने वाले रूप से 6,654 से बढ़कर 13,044 हो गई.”
गहरी समस्या की ओर किया इशारा
राहुल गांधी ने कहा कि भारत आज सबसे बड़ी युवा आबादी वाला देश है. अफसोस की बात है कि इस शक्ति को सही से इस्तेमाल करने की जगह उन्हें कठिनाइयां और मजबूरियां मिल रही हैं. उन्होंने कहा, “ये सामाजिक, आर्थिक और मनोवैज्ञानिक रूप से बहुत ही गहरी समस्याओं की ओर इशारा कर रहा है. भयंकर बेरोज़गारी, पेपर लीक, शिक्षा में भ्रष्टाचार, महंगी पढ़ाई, सामाजिक उत्पीड़न, आर्थिक असमानता, पैरेंटल प्रेशर (माता-पिता का दबाव), आज के विद्यार्थी ऐसी अनगिनत समस्याओं से जूझते हुए सफलता तलाशने की कोशिश कर रहे हैं.”
राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार से उनकी अपेक्षा है कि वो विद्यार्थियों और युवाओं के इस कठिन रास्ते को आसान करने की हर संभव योजना बनाएं. उन्होंने कहा युवाओं के रास्ते में बाधाएं नहीं, उन्हें समर्थन पहुंचाएं.
माता पिता से की ये अपील
राहुल गांधी ने विद्यार्थियों के माता-पिता और अभिवावकों से गुज़ारिश करते हुए कहा कि बच्चों को मानसिक समर्थन और प्रोत्साहन दें. उन्होंने कहा, “देश के युवा साथियों से अपील है कि समस्याओं के खिलाफ आवाज़ उठाओ, सवाल करो, अपना हक मांगो- डरो मत. मैं आपके साथ खड़ा हूं और आपके अधिकार दिलाने के लिए सड़क से संसद तक लड़ता रहूंगा.” एक्स, इंस्टाग्राम और फेसबुक की तरह राहुल गांधी मैसेजिंग ऐप वाट्सएप पर भी काफी एक्टिव हैं.