यूक्रेन से अपनी सेना वापस बुलाए रूस, बोला अमेरिका, भारत से भी की शांति का समर्थन की अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा के बाद अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल से गुरुवार को कहा कि भारत के साथ हम कई प्रमुख क्षेत्रों में भागीदार हैं. साथ ही यूक्रेन-रूस जंग के संदर्भ में उन्होंने कहा कि हम भारत समेत सभी भागीदारों से यूक्रेन के लिए एक स्थायी और न्यायपूर्ण शांति के प्रयासों का समर्थन करने के लिए कहते रहेंगे. वेदांत पटेल ने रूस से भी अपील किया कि वह यूक्रेन के क्षेत्र से अपनी सेना को वापस बुलाए.
पीएम नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा के मद्देनजर भारत-अमेरिका संबंधों के बारे में पूछे जाने पर वेदांत पटेल ने कहा कि भारत एक ऐसा देश बना हुआ है, जिसके साथ हम कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में साझेदार हैं. उन्होंने कहा कि यह पिछली गर्मियों में दिखा था, जब हमने प्रधानमंत्री मोदी की राजकीय यात्रा की मेजबानी की थी.
पीएम मोदी की रूस यात्रा पर निराशा
बता दें कि पीएम मोदी 8-9 जुलाई को रूस की आधिकारिक यात्रा पर थे और उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी. जिसके बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पीएम मोदी की रूस यात्रा पर निराशा व्यक्त की, जिसे उन्होंने शांति प्रयासों के लिए विनाशकारी कहा. रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ अपनी द्विपक्षीय वार्ता के दौरान, पीएम मोदी ने संघर्षों के दौरान बच्चों की हत्याओं का मुद्दा उठाया और कहा कि जब निर्दोष बच्चे मरते हैं तो यह दिल दहला देने वाला होता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि मानवता में विश्वास करने वाला हर व्यक्ति जान गंवाने से आहत होता है.
मिसाइल हमले में 37 बच्चों की मौत
गौरतलब है कि कीव में बच्चों के अस्पताल पर हाल ही में हुए मिसाइल हमले में 37 बच्चे मारे गए थे. इस पर पीएम मोदी ने कहा था कि चाहे युद्ध हो या आतंकी हमले हों, मानवता में विश्वास रखने वाला हर व्यक्ति जान जाने पर दुखी होता है. लेकिन जब हम मासूम बच्चों को मरते देखते हैं, तो यह दिल दहला देने वाला होता है.
शांति और कूटनीति की वकालत
पीएम मोदी ने कहा था कि युद्ध के मैदान में कोई समाधान नहीं है और उन्होंने कहा कि बम, बंदूक और गोलियों के बीच शांति वार्ता सफल नहीं होती है. 2022 में मास्को और कीव के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से यह पीएम मोदी की पहली रूस यात्रा थी. भारत ने हमेशा यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष को सुलझाने के लिए शांति और कूटनीति की वकालत की है.