यूपी के सीएम योगी को पीएम मोदी ने दी जन्मदिन की बधाई, जानें क्या कहा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आज जन्मदिन है. उनके बर्थडे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभकामनाएं दी हैं. साथ ही साथ उन्होंने सीएम योगी को यूपी के गरीबों और वंचितों के लिए काम करने वाला बताया है. सीएम योगी आज अपना 52वां जन्मदिवस मना रहे हैं. उनका जन्म उत्तराखंड के पौढ़ी गढ़वाल जिले में 5 जून 1972 में हुआ है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं. वे उत्तर प्रदेश की प्रगति और गरीबों व वंचितों के सशक्तिकरण के लिए काम कर रहे हैं. मैं उनके आने वाले समय में दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं.’
Birthday wishes to Uttar Pradesh CM, @myogiadityanath Ji on his birthday. He is working for UPs progress and for empowering the poor and downtrodden. I wish him a long and healthy life in the times to come.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 5, 2024
1998 में गोरखपुर से सबसे कम उम्र में बने सांसद
साल 1972 में सीएम योगी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के आंदोलन में शामिल होने के लिए उन्होंने घर छोड़ दिया था और गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ के शिष्य बन गए. महंत अवैद्यनाथ के निधन के बाद वे गोरखनाथ मठ के मुख्य पुजारी भी बने. योगी ने 1998 में गोरखपुर से सबसे कम उम्र के सांसद बनकर अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की. वे 1998 से 2017 तक लगातार पांच बार गोरखपुर के सांसद रहे.
वे मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और बाद में 2022 में दूसरे कार्यकाल के लिए चुने गए. अपने राजनीतिक जीवन के अलावा, वे उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में स्थित एक हिंदू मंदिर गोरखनाथ मठ में मुख्य पुजारी का पद भी संभालते हैं. योगी आदित्यनाथ अपनी युवावस्था से ही बीजेपी से जुड़े रहे हैं और उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में एक छात्र नेता के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की. वे 1991 में बीजेपी में शामिल हुए और 1998 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए.
सीएम योगी हिंदुत्व विचारधारा को लेकर रहे हैं मुखर
योगी आदित्यनाथ हिंदुत्व विचारधारा के बारे में बहुत लोकप्रिय और मुखर हैं. सीएम के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान और उससे पहले सांसद के रूप में, उन्होंने गोरक्षा की पुरजोर वकालत की है और देश भर में गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने का समर्थन किया है. अपने राजनीतिक जीवन से पहले आदित्यनाथ ने गणित में स्नातक की डिग्री हासिल की और 1990 के दशक में अयोध्या राम मंदिर आंदोलन में शामिल हुए. 21 साल की उम्र में उन्होंने अपने परिवार को त्याग दिया था.