यूपी बीजेपी में खटपट के बीच आज दिल्ली आ रहे सीएम योगी, मोदी-शाह और नड्डा से होगी मुलाकात

लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद उत्तर प्रदेश बीजेपी में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. यूपी में खराब प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने तो जैसे मोर्चा खोल दिया है. बीते करीब एक महीने से उत्तर प्रदेश सरकार और संगठन की लड़ाई का अखाड़ा बना हुआ है. ऐसे में आज सीएम योगी दोपहर बाद दिल्ली पहुंच रहे हैं. सीएम कल नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेंगे. इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी उनकी मुलाकात होनी है.
नीति आयोग की बैठक में शामिल होंगे योगी
प्रधानमंत्री मोदी बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों के साथ 27 और 28 जुलाई को बैठक करेंगे. इस दौरान लोकसभा चुनाव के परिणामों और मोदी 3.0 के पहले बजट के साथ 100 दिनों की कार्ययोजना पर चर्चा की जाएगी. साथ ही केंद्र सरकार की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर भी रोडमैप भी तैयार होगा.
PM मोदी, शाह और नड्डा के साथ बैठक पर नज़र
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही नीति आयोग की बैठक के लिए दिल्ली आ रहे हों लेकिन सबकी निगाहें इससे इतर होने वाली बैठकों पर हैं. लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद पहली बार मुख्यमंत्री औपचारिक तौर पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे. इससे पहले 14 जुलाई को प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में जेपी नड्डा से ही उनकी मुलाकात हुई थी. लिहाजा माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और जेपी नड्डा के साथ होने वाली बैठकों में सीएम योगी ना केवल अपना पक्ष रखेंगे बल्कि प्रदेश में सरकार और संगठन के बीच चल रही खींचतान पर भी चर्चा हो सकती है. दिल्ली आने से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में ताबड़तोड़ बैठकें की हैं इससे यही संकेत मिलते हैं कि मुख्यमंत्री ने दिल्ली में होने वाली बैठकों के लिए अपनी तैयारी पूरी कर ली है.
सरकार-संगठन के बीच तनाव पर चर्चा संभव
यूपी में आक्रामक तेवर दिखा रहे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी लगातार संगठन को सरकार से बड़ा बताते हुए खेमेबंदी में जुटे हैं. एक ओर मुख्यमंत्री की बैठकें चल रहीं हैं तो दूसरी ओर मौर्य भी पार्टी व गठबंधन के नेताओं से मेल-मिलाप बढ़ाते नजर आ रहे हैं. हालांकि इससे पहले केशव प्रसाद मौर्य दिल्ली आए थे लेकिन उनकी मुलाकात सिर्फ पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा से ही हो पाई थी. इसके अलावा यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी ने भी दिल्ली दौड़ लगाई थी जिसमें उन्होंने पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात कर लोकसभा चुनाव में हार को लेकर एक 15 पन्नों की फीडबैक रिपोर्ट सौंपी थी. भूपेंद्र चौधरी की इस रिपोर्ट में हार के कारण के लिए प्रशासनिक मनमानी और राज्य सरकार के प्रति कार्यकर्ताओं का असंतोष जैसे कारण गिनाए गए थे. हो सकता है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा के साथ होने वाली बैठकों में इन तमाम मुद्दों को उठाएं.
चुनाव से पहले ‘ऑल इज वेल’ की कोशिश
लोकसभा के नतीजों को तो अब बदला नहीं जा सकता, ज़ाहिर है पार्टी की कोशिश होगी कि हार के कारणों और तमाम मुद्दों को समय रहते हुए सुलझा लिया जाए. सरकार और संगठन के बीच का मतभेद अब मनभेद में बदलता जा रहा है, अगर शीर्ष नेतृत्व ने अब इसका कोई ठोस उपाय नहीं निकाला तो आने वाले समय में ये सारी खींचतान पार्टी के लिए ही मुसीबत का सबब बन सकती है.
कुछ महीनों में प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हैं, तो वहीं 2027 में ही यूपी में विधानसभा चुनाव होने हैं. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन ने ना केवल 43 सीटें जीती हैं बल्कि इनका वोट प्रतिशत भी 43 फीसदी से ज्यादा है, वहीं बीजेपी ने सिर्फ 33 सीटों पर जीत हासिल की है और पार्टी का वोट प्रतिशत महज 41 फीसद पर सिमट गया है. ऐसे में पार्टी के लिए चिंता का विषय है. पार्टी की कोशिश होगी कि विधानसभा चुनाव से पहले सब ठीक कर दिया जाए. इसी लिहाज से सीएम योगी का दिल्ली दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री के लखनऊ वापसी के बाद सरकार और संगठन के बीच की जंग थमती या फिर इसमें और कोई ट्विस्ट आता है.

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