यूपी में सियासत गरमाई… जेपी नड्डा और केशव प्रसाद मौर्य के बीच दिल्ली में 1 घंटे तक बैठक, भूपेंद्र चौधरी के साथ भी चर्चा
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच 1 घंटे से ज्यादा समय तक बैठक चली. यह बैठक खत्म होने के तुरंत बाद जेपी नड्डा ने यूपी बीजेपी के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के साथ भी बैठक की है. खबर लिखे जाने तक यह बैठक चल रही थी. दिल्ली में जेपी नड्डा के साथ एक के बाद एक बैठक को लेकर यूपी की सियासत पारा चढ़ गया है.
नड्डा और यूपी बीजेपी के नेताओं के बीच यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब दो दिन पहले ही लखनऊ में प्रदेश कार्यसमिति की बैठक हुई थी. माना जा रहा है कि इस बैठक में केशव प्रसाद मौर्य के संगठन सरकार से बड़ा है करने के बाद विवाद शुरू हुआ था. कार्यसमिति की बैठक में यूपी बीजेपी के सभी बड़े नेताओं के साथ-साथ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल हुए थे.
बैठकों से भी दूर नजर आए
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही केशव प्रसाद मौर्य नाराज बताए जा रहे हैं. कैबिनेट की बैठक में भी वो शामिल नहीं हो रहे हैं. लखनऊ में रहने के बाद भी सरकार और मौर्य के बीच में दूरी देखने को मिली रही थी. हाल ही में सीएम योगी ने राज्य में पौधारोपण कार्यक्रम को लेकर एक बैठक बुलाई थी, लेकिन डिप्टी सीएम उसमें भी शामिल नहीं हुए थे. अब दिल्ली में हुई बैठक के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं.
संजय निषाद ने मौर्य को पिछड़ों का बड़ा नेता बताया
यूपी में केशव प्रसाद मौर्य की गिनती पिछड़ों के बड़े नेताओं में होती है. मंगलवार को बीजेपी के सहयोगी दल निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने भी उनसे मुलाकात की थी. मुलाकात के बाद निषाद ने केशव प्रसाद मौर्य को पिछड़ों का सबसे बड़ा नेता बताया था. निषाद के इस बयान के भी अलग-अलग सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.
चुनाव में बीजेपी को हुआ बड़ा नुकसान
इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को यूपी में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा. चुनाव में बीजेपी के हाथ से ऐसी कई सीटें निकल गईं जिस पर उसका पहले से कब्जा था. यूपी में हुए नुकसान का असर ये हुआ कि बीजेपी बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई. इस बार के चुनाव में यूपी को 29 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा. पिछली बार के चुनाव में बीजेपी को यूपी में 62 सीटें मिली थीं जबकि इस बार उसके हिस्से मात्र 33 सीटें आई हैं.