यूसुफ पठान ने चुनाव जीतकर रचा इतिहास, टूटा 25 सालों का रिकॉर्ड, सबसे पहले करेंगे ये काम
यूसुफ पठान क्रिकेट की पिच पर तो हिट थे ही अब राजनीति में भी कदम उन्होंने धमाकेदार अंदाज में रखा है. TMC यानी तृणमुल कांग्रेस के टिकट पर वेस्ट बंगाल की बहरमपुर सीट से चुनाव जीतकर यूसुफ पठान ने इतिहास रचा है. इसमें इतिहास उनका कांटे की टक्कर में उस नेता को हराना रहा, जो पिछले 25 साल से कभी नहीं हारा था. यूसुफ पठान ने राजनीति की पिच पर उतरते ही अधीर रंजन चौधरी को शिकस्त दी है.
अधीर रंजन चौधरी कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता माने जाते हैं और वेस्ट बंगाल की बहरमपुर सीट पर उनका दबदबा था. लेकिन, भारतीय क्रिकेट के बड़े पठान ने अब उनके उस दबदबे को खत्म कर दिया है. इसी के साथ उन तमाम लोगों को जवाब भी मिल गया, जिनके मन में ये सवाल चल रहा था कि बड़ौदा का पठान पश्चिम बंगाल के बहरमपुर का सुल्तान कैसे बन सकता है?
यूसुफ पठान ने जीता चुनाव, अधीर रंजन चौधरी को हराया
25 साल के रिकॉर्ड को ध्वस्त करते हुए चुनाव जीतने के साथ ही यूसुफ पठान ने इस बात की भी घोषणा कर दी कि अब आगे वो क्या करने वाले है? PTI से बातचीत में यूसुफ पठान ने सबसे पहले तो जीत पर अपनी खुशी जाहिर की. फिर सबको धन्यवाद कहा. उन्होंने आगे कहा कि ये उनकी नहीं बल्कि पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं की जीत है.
VIDEO | Lok Sabha Election Result: Here’s what TMC candidate from Baharampur Yusuf Pathan said about his win from the constituency.
“I congratulate all of you who have been with me. I am happy. It is not only my win but also of all the workers. Records are made to be broken. I pic.twitter.com/b7sox8zyZE
— Press Trust of India (@PTI_News) June 4, 2024
यूसुफ पठान ने अपने विरोधी अधीर रंजन चौधरी को लेकर भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि वो अधीर रंजन का सम्मान करते थे और आगे भी करते रहेंगे. इन सब बातों के बाद यूसुफ पठान सीधे मुद्दे की बात पर आए और ये बताया कि वो अब क्या करने वाले हैं?
सबसे पहले इस काम पर रहेगा जोर
यूसुफ पठान ने कहा कि सबसे पहले तो वो बहरमपुर में एक अच्छी स्पोर्ट्स एकेडमी बनाना चाहेंगे ताकि बच्चे अपना करियर बना सकें. इसके बाद उन्होंने इंडस्ट्री खोलने की बात की. उन्होंने कहा कि वो अब बहरमपुर में ही रहेंगे और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर काम करेंगे. उन्होंने कहा कि मेरी एक फैमिली गुजरात में है. लेकिन, अब बहरमपुर के लोग भी मेरा परिवार हैं.