‘ये ट्रॉफी उनकी ही है…’ कुलदीप यादव ने किसे समर्पित किया टीम इंडिया का T20 वर्ल्ड कप?
19 नवंबर 2023 की हार का दर्द कुछ कम हो गया है. पूरे देश के क्रिकेट फैंस को जश्न के लिए एक नया दिन मिल गया है क्योंकि टीम इंडिया ने उनके सपनों को साकार कर दिया है. अरसे से एक खिताब का इंतजार कर रहे भारतीय फैंस को रोहित शर्मा और उनकी कप्तानी वाली टीम इंडिया ने आखिर सुकून की सांस लेने का मौका दे ही दिया. टी20 वर्ल्ड कप 2024 जीतने के साथ ही 11 साल से चला आ रहा ट्रॉफी का इंतजार भी खत्म हो गया. इस जीत में रोहित, हार्दिक पंड्या, जसप्रीत बुमराह जैसे दिग्गजों की हर कोई चर्चा कर रहा है, लेकिन इसमें स्पिनर कुलदीप यादव का भी उतना ही बड़ा योगदान था, जिनके बचपन का सपना सच हो गया.
बारबाडोस में टी20 वर्ल्ड कप जीतकर टीम इंडिया 4 जुलाई को भारत लौट आई. इस दौरान टीम इंडिया का उसके फैंस ने प्यार, जोश और जज्बे के साथ यादगार स्वागत किया. पहले दिल्ली और फिर मुंबई में फैंस ने अपने सितारों के लिए पलकें बिछा दीं और आवाज बुलंद करते हुए वर्ल्ड चैंपियंस को उनकी सफलता के असर का एहसास दिलाया. टीम इंडिया भी फैंस के इस प्यार से बेहद खुश नजर आई, तभी तो स्पिनर कुलदीप यादव ने इसे सिर्फ टीम की नहीं, बल्कि फैंस की जीत और उनकी ट्रॉफी भी बताया.
‘हम बेकरार थे, सपना पूरा हुआ’
टीम इंडिया की वापसी के बाद कुलदीप यादव ने टीवी9 नेटवर्क से खास बातचीत में वर्ल्ड कप की सफलता और फैंस के स्वागत के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि भारत में किसी भी बच्चे की तरह उनका सपना भी क्रिकेटर बनने का था. जब ये सपना पूरा हुआ तो एक क्रिकेटर के रूप में अगला सपना भारत के लिए वर्ल्ड कप जीतने का था और आखिरकार ये सपना भी उन्होंने जी लिया. कुलदीप ने वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल की हार को याद करते हुए कहा कि उसने हर किसी का दिल तोड़ दिया था और इसलिए हर कोई इस बार जीत के लिए ज्यादा बेकरार था.
‘ये वर्ल्ड कप उनका ही है’
टी20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के लिए 10 विकेट लेने वाले बाएं हाथ के स्पिनर कुलदीप ने रोहित शर्मा के नेतृत्व की भी जमकर तारीफ की और साथ ही कहा कि सीनियर खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ ने सभी का अच्छा साथ दिया. मुंबई में ओपन बस में टीम इंडिया की विक्ट्री परेड निकली थी, जिसमें फैंस की भीड़ जुटी थी. कुलदीप ने इस प्यार के लिए फैंस को धन्यवाद देते हुए कहा कि ये वर्ल्ड कप उनके लिए ही है. कुलदीप ने आखिर में कहा कि जिस तरह 2007 और 2011 की जीत के बाद उन्हें क्रिकेटर बनने की प्रेरणा मिली, उसी तरह इस जीत से आज के युवाओं को भी मेहनत करने का जज्बा मिलेगा.