ये देशवासियों की मेहनत का नतीजा…देश की शानदार GDP पर PM मोदी का एक्स पर पोस्ट

मोदी सरकार के लिए चुनावी नतीजों से पहले एक बड़ी खुशखबरी आई है. 4 जून को सत्ता में किसकी वापसी होगी, यह जनता तय करेगी, लेकिन ग्रोथ की पटरी पर इंडिया की रफ्तार में कमी नहीं आने जा रही है. यह इस रिपोर्ट से तय हो गया है. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.8% की दर से बढ़ी है और आगे 8.2% की दर से ग्रोथ जारी रखने का अनुमान है. इस रिपोर्ट के आने के बाद खुद पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि यह देशवासियों के मेहनत का नतीजा है.
मोदी ने किया ये ट्वीट
पीएम मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा कि 2023-24 के लिए चौथी तिमाही के जीडीपी वृद्धि के आंकड़े हमारी अर्थव्यवस्था में मजबूत गति को दर्शाते हैं, जो आगे और भी तेज होने वाली है. हमारे देश के मेहनती लोगों की बदौलत, वर्ष 2023-24 के लिए 8.2% की वृद्धि इस बात का उदाहरण है कि भारत वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है. जैसा कि मैंने कहा, यह आने वाली चीजों का सिर्फ एक ट्रेलर है.

The Q4 GDP growth data for 2023-24 shows robust momentum in our economy which is poised to further accelerate. Thanks to the hardworking people of our country, 8.2% growth for the year 2023-24 exemplifies that India continues to be the fastest growing major economy globally. As
— Narendra Modi (@narendramodi) May 31, 2024

क्या कहती है रिपोर्ट?
रिपोर्ट के मुताबिक, 2023-24 में सकल घरेलू उत्पाद में 8.2% तक रहने की उम्मीद है , जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में वृद्धि दर 7.0% है. 2023-24 में रियल जीडीपी में 7.2% की वृद्धि हुई है, जबकि 2022-23 में यह वृद्धि दर 6.7% थी. वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में रियल जीवीए और रियल जीडीपी में 6.3% और 7.8% की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है.
वित्त वर्ष 2023-24 में रियल जीडीपी या स्थिर कीमतों पर बेस्ड जीडीपी 173.82 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि 2022-23 के लिए पहला संशोधित अनुमान (FRE) 160.71 लाख करोड़ रुपए है. 2023-24 में वास्तविक जीडीपी की वृद्धि दर 8.2% अनुमानित है, जो 2022-23 में 7.0% से अधिक है. जीडीपी या मौजूदा कीमतों पर आधारित जीडीपी 2023-24 में 295.36 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है, जबकि 2022-23 में यह 269.50 लाख करोड़ रुपए थी, जो 9.6% की वृद्धि दर को दर्शाता है.

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