‘ये नाइंसाफी की चरम सीमा है’ डूंगरपुर केस में आजम खान को 10 साल की सजा पर बोलीं पत्नी तंजीम फातिमा
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को गुरुवार को आठ साल पुराने एक मामले में 10 साल की कैद की सजा सुनाई गई थी. साथ ही 14 लाख रुपया जुर्माना भी लगाया. रामपुर जिले की एक विशेष अदालत ने एक व्यक्ति का घर जबरन खाली कराकर उसे ध्वस्त करवाने के मामले में ये फैसला सुनाया था. इस पर आजम की पत्नी तंजीम फातिमा ने रिएक्शन दिया है.
तंजीम फातिमा ने कहा कि आजम खान को दस साल की जो सजा सुनाई गई है, ये नाइंसाफी की चरम सीमा है. उनका डूंगरपुर मामले से कोई ताल्लुक नहीं था. जब ये मामला हुआ, उस वक्त वो सरकार में मंत्री जरूर थे लेकिन योजना सरकारी थी. जिलाधिकारी के आदेश पर मकान बनाए गए थे. सभी पेपर लगे थे. डूडा के जितने अधिकारी थे, वो भी शामिल थे.
‘सजा दी गई है क्योंकि सजा देनी ही थी’
खान की पत्नी ने कहा कि आजम पर आरोप लगाए गए कि उनके इशारे पर डूंगरपुर में घर तोड़े गए. किसी के इशारे पर सजाएं नहीं मिलती हैं. सजा सबूतों के आधार पर मिलती है. आजम के खिलाफ कोई सबूत नहीं, फिर भी सजा दी गई है क्योंकि सजा देनी ही थी. उनका नाम एफआईआर में नहीं था. सिर्फ गवाहों के बयान पर सजा दी गई है. दूसरी तरफ अब्दुल्ला आजम के जन्म प्रमाण पत्र मामले में सभी सबूत दिए, मगर किसी की गवाही नहीं मानी गई. ये दोहरा मापदंड क्यों.
#WATCH | Rampur, UP: Samajwadi Party leader Azam Khan’s wife Tazeen Fatima says, “… The punishment of 10 years of imprisonment pronounced upon Azam Khan has crossed all limits of injustice. Azam Khan had nothing to do with all this even though he was a minister… This was a pic.twitter.com/m8bmPJ5luz
— ANI (@ANI) May 31, 2024
‘नाइंसाफी के खिलाफ आखिरी सांस तक लड़ेंगे’
तंजीम फातिमा ने कहा कि नाइंसाफी के खिलाफ हम लोग आखिरी सांस तक लड़ेंगे. उन्होंने लोकसभा चुनाव को लेकर भी प्रतिक्रिया दी. फातिमा ने कहा कि जेल से बाहर आने के बाद जितना देखा है, उससे लग रहा है कि जनता बदलाव चाहती है. जनता चाहती है कि सरकार बदले क्योंकि उनकी अपनी शिकायते हैं.