ये बुरी आदतें साइलेंट किलर बीमारियों की बनती हैं वजह, वक्त रहते दें ध्यान

डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, जैसी बीमारियां साइलेंट किलर की तरह होती हैं, क्योंकि इससे आपके शरीर की पूरी हेल्थ प्रभावित होती है और अन्य बीमारियां के होने की संभावना बढ़ जाती है. जिन हेल्थ प्रॉब्लम को पहले बढ़ती उम्र की समस्या माना जाता था, आज लोग कम उम्र में भी ऐसी बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं. इसके पीछे की वजह होती है खराब लाइफस्टाइल. डेली रूटीन में आपकी खुद की कुछ ऐसी आदतें होती हैं, जिनकी वजह से आपके शरीर में बीमारी पनपने लगती है और आपको पता भी नहीं चलता है.
वातावरण और पानी में बढ़ता हुआ पॉल्यूशन और यहां तक कि फलों सब्जियों में केमिकल की वजह से पहले ही बीमार होने की संभावना ज्यादा होती है और अगर इसपर भी आप सही खानपान नहीं रखते हैं तो गंभीर बीमारियों की चपेट में आने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है. इस वजह से साइलेंट किलर बीमारियां चुपके से शरीर में घर कर जाती हैं और कई बार इस वजह से स्थिति काफी गंभीर हो जाती है. इनके लक्षणों पर वक्त रहते ध्यान देने के अलावा सही लाइफस्टाइल अपनाना भी जरूरी होता है. तो चलिए जान लेते हैं कि डेली रूटीन में कौन सी खराब आदतें हेल्थ खराब होने की वजह होती हैं.
देर रात तक जागते रहने की आदत
मॉर्डन लाइफस्टाइल में ज्यादातर लोग देर रात तक जागते रहते हैं और उनके सोने का डेली रूटीन 12 से 1 या 2 के बीच होता है, लेकिन क्या आपको पता है कि इससे न सिर्फ आपकी मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है और इससे आप मोटापा, डायबिटीज, स्ट्रेस, एंग्जायटी जैसी समस्याओं का शिकार हो सकते हैं.
खाना देर से खाना और न टहलने की आदत
जिस तरह से लोग देर रात तक जागते हैं, तो खाना भी लेट ही खाते हैं और इसके बाद वॉक करने का वक्त नहीं बचता है. इस वजह से खाने के बाद ज्यादातर लोग बिस्तर पर सोने चले जाते हैं. यह आदत बढ़ते वजन की वजह बनती है. इस पर ध्यान न दिया जाए तो न सिर्फ मोटापा बढ़ेगा बल्कि आप की हेल्थ प्रॉब्लम की चपेट में आ जाते हैं.
फिजिकल एक्टिविटी न के बराबर होना
महानगरों में एक बड़ी आबादी सिटिंग जॉब करती है और इस वजह से 8 घंटे कुर्सी पर बैठकर काम करते हुए बिताने पड़ते हैं और ऐसे में अगर आप किसी तरह का वर्कआउट, योग या फिर फिजिकल एक्टिविटी जैसे टहलना, हल्की रनिंग, साइकलिंग जैसी गतिविधियां नहीं करते हैं तो स्वास्थ्य समस्याओं की चपेट में आ सकते हैं.
स्मोकिंग और ड्रिंक करने का चलन
युवाओं में आजकल ड्रिंक करने और स्मोकिंग का चलन काफी ज्यादा बढ़ गया है. जिसकी वजह से हृदय रोग, फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं कम उम्र में भी पकड़ लेती हैं. कुछ वक्त पहले ही लैसेंट पत्रिका में छपा एक अध्ययन कहता है कि 1990 के बाद से अगले 9 साल में सिगरेट पीने वालों की संख्या 150 मिलियन बढ़ी है, जिसमें महिला और पुरुष दोनों शामिल हैं.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *