रईसी की मौत का गम भुला अपने मिशन में जुटे ईरान के सुप्रीम लीडर, अमेरिकी छात्रों को लिखा स्पेशल लेटर

ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनेई अपने भाषण और उपदेशों के लिए चर्चाओं में रहते हैं. सुप्रीम लीडर बहुत कम मुद्दों पर अपने विचार रखते हैं, लेकिन उनकी बातों का पूरी दुनिया में बड़ा असर देखने मिलता है. गुरुवार को आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने अमेरिका के छात्रों के लिए एक पत्र लिखा है. इस पत्र में ख़ामेनेई ने फिलिस्तीन के लिए अमेरिकी यूनिवर्सिटीज में प्रदर्शन करने वाले छात्रों की हौसला अफजाई की है, साथ ही उनको कई हिदायत भी दी हैं.
ख़ामेनेई ने छात्रों के प्रदर्शनों पर कहा, “आपने रेसिस्टेंस मोर्चे की एक ब्रांच बना ली है और अपनी सरकार के क्रूर दबाव के सामने एक सम्मानजनक संघर्ष शुरू कर दिया है. आपका संघर्ष एक ऐसी सरकार से है, जो खुले तौर पर हड़पने वाले और क्रूर ज़ायोनी शासन का समर्थन करती है.

Dear university students in the United States of America, you are standing on the right side of history.
— Khamenei.ir (@khamenei_ir) May 29, 2024

पत्र की खास बातें
सुप्रीम लीडर ने अपने पत्र में छात्रों के सामने कई अहम बातें रखी हैं. पत्र की शुरुआत अल्लाह (ईश्वर) के नाम से की गई है, खामेनेई ने कहा, “मैं यह पत्र उन युवाओं को लिख रहा हूं जिनके जागे हुए ज़मीर ने उन्हें गाजा की उत्पीड़ित महिलाओं और बच्चों की रक्षा करने के लिए प्रेरित किया है. अमेरिका के विश्वविद्यालय के प्रिय छात्रों, यह संदेश आपके साथ हमारी सहानुभूति और एकजुटता दिखाता है, जैसे-जैसे इतिहास का पन्ना पलट रहा है, आप इस दौर में सच्चे रास्ते पर खड़े हो.”
उन्होंने छात्रों से कहा आपसे हजारों किलोमीटर दूर आप जैसी सोच रखने वाला एक बड़ा संघर्ष दशकों से चल रहा है. खामेनेई ने आगे कहा, “इस संघर्ष का मकसद उस ज़बरदस्त दमन को ख़त्म करना है जो ज़ायोनी आतंकवादी नेटवर्क ने कई सालों से फ़िलिस्तीनी राष्ट्र पर ढाया है. उनके देश पर कब्जा करने के बाद इजराइल ने उन पर कई अत्याचार किए हैं.”
फिलिस्तीन सिर्फ मुसलमानों का देश नहीं
खामेनेई ने फिलिस्तीन को सिर्फ मुसलमानों का देश नहीं बताया है. बल्कि उन्होंने अपने पत्र में लिखा, “आज का नरसंहार इजराइल द्वारा किए जा रहे दशकों के दमनकारी व्यवहार का ही परिणाम है. फिलिस्तीन एक आजाद देश है, जिसका इतिहास बहुत पुराना है. यह मुसलमानों, ईसाइयों और यहूदियों से बना एक राष्ट्र है.”
साथ ही उन्होंने फिलिस्तीन पर हो रहे जुल्म के पीछे अमेरिका और ब्रिटेन का हाथ होने पर खुल कर बात की है. उन्होंने कहा है कि सच अब दुनिया के सामने आ रहा है और दुनियाभर में लोग क्रूर ज़ायोनी शासन को समझ चुके हैं.
कुरान से जुड़ने की अपील
पत्र के आखिर में खामेनेई ने कहा कि जल्द ही ईश्वर की कृपा से हमारी जीत होगी और छात्रों को सलाह दी कि वे सच्चे रास्ते पर चलने के लिए कुरान की शिक्षाओं के बारे में जानें और उसे पढ़ें.

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