रईसी के दफन होते ही बढ़ गई ईरान की ताकत, सामने आई सीक्रेट रिपोर्ट

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत को एक हफ्ता भी नहीं गुजरा है कि ईरान का अपना एजेंडा और मिशन सामने आने लगा है. दुश्मनों को लग रहा था राष्ट्रपति रईसी की मौत के बाद ईरान कमजोर हो जाएगा, लेकिन उसकी ताकत और बढ़ती जा रही है. ईरान के हथियारों की क्षमता बढ़ता देख अमेरिका भी मध्य पूर्व में अपने दोस्त सऊदी अरब को खतरनाक हथियार एक्सपोर्ट करने का इरादा बना रहा है. हाल ही में IAEA (International Atomic Energy Agency) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ईरान ने अपने यूरेनियम प्रोग्राम को ऊर्जा से आगे बढ़ प्रोग्राम को वेपन ग्रेड बनाने में लग गया है.
IAEA के मापदंडों के मुताबिक, 60 फीसदी तक लगभग 42 किलोग्राम यूरेनियम वह मात्रा है जिस पर एक परमाणु हथियार बनाना सैद्धांतिक रूप से संभव है. रिपोर्ट में दावा किया गया ईरान यहां तक पहुंच गया है. 60 फीसद शुद्धता 90 फीसदी के हथियार-ग्रेड स्तर से बस एक छोटा तकनीकी कदम दूर है, जिसके बाद परमाणु हथियार बनाए जा सकते हैं.
तनाव के बाद बढ़ा यूरेनियम प्रोग्राम
IAEA की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल जून और नवंबर के बीच ईरान ने संवर्धन (Enrichment) को कम करके 3 किलोग्राम प्रति माह कर दिया था, लेकिन साल के अंत में दर को फिर से बढ़ाकर 9 किलोग्राम कर दिया है. जिससे जाहिर हो रहा है कि गाजा में हमले के बाद ईरान खुद को परमाणु संपन्न बनाने में लग गया है.
क्या हटेंगे प्रतिबंध?
UN की एजेंसी IAEA दुनियाभर में न्यूक्लियर प्रोग्रामों पर नजर रखती है और इसके मानदंडों का उल्लंघन करने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाए जाते हैं. ईरान के ऊपर से प्रतिबंधों को कम करने के लिए IAEA ईरान सरकार के साथ बातचीत कर रही है और उसके न्यूक्लियर प्रोग्राम पर नजर बनाए हुए है. पश्चिमी देश पहले ही ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम पर सवाल खड़े कर चुके हैं, अब IAEA की रिपोर्ट भी इन सवालों पर मुहर लगाती दिख रही है.
वाशिंगटन बेस्ड न्यूक्लियर थ्रेट इनिशिएटिव के उपाध्यक्ष एरिक ब्रेवर ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि ईरान संभावित रूप से कई परमाणु बम बना सकता है. उन्होंने चेतावनी दी है कि ईरान परमाणु बम बनाने से कुछ ही हफ्ते दूर है.

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