रतन टाटा यहां खर्च करेंगे 27 हजार करोड़, 30 हजार लोगों को मिलेगी जॉब

रतन टाटा के ग्रुप ने अब सेमीकंडक्टर पर तेजी के साथ काम करना शुरू कर दिया है. जिसका पहला प्लांट असम में लगने जा रहा है. असम सरकार ने इसके लिए टाटा ग्रुप को जमीन भी अलॉट कर दी है. जानकारी के अनुसार इस प्लांट पर टाटा ग्रुप 27 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने जा रहा है. जिसके बनने के बाद करीब 30 हजार लोगों को जॉब मिलेगी. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर टाटा के इस सेमीकंडक्टर प्लांट को लेकर किस तरह की खबरें सामने आई हैं.
प्लांट के लिए मिली 170 एकड़ लैंड
असम सरकार ने टाटा समूह के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत कंपनी को मोरीगांव जिले के जगीरोड में 27,000 करोड़ रुपये के सेमीकंडक्टर संयंत्र के लिए 170 एकड़ से अधिक जमीन पट्टे यानी लीज पर दी जाएगी. टाटा ग्रुप बोर्ड के सदस्य रंजन बंदोपाध्याय और असम औद्योगिक विकास निगम (एआईडीसी) के प्रबंधक (तकनीकी) और परियोजना प्रभारी धीरज पेगु द्वारा उप-पंजीयक कार्यालय में 60 साल के पट्टे समझौते को अंतिम रूप दिया गया. इस अवसर पर जिला आयुक्त (डीसी) देवाशीष शर्मा, कनिनिका ठाकुर, आशीष मिश्रा और अविनाश धाबड़े सहित टाटा समूह के अधिकारी मौजूद थे. डील पर हस्ताक्षर करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए शर्मा ने कहा कि यह पूरे राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है.
30 हजार लोगों को मिलेगी नौकरी
हिंदुस्तान पेपर कॉरपोरेशन लिमिटेड की पूर्व साइट पर बनने वाली इस सुविधा से 30,000 से अधिक नौकरियों के सृजन की उम्मीद है, जिसका पहला चरण 2025 के मध्य तक चालू हो जाएगा. डीसी ने कहा कि भूमि का हस्तांतरण पूरा हो चुका है. टाटा ग्रुप की टीम ने हमें बताया है कि जल्द ही काम शुरू हो जाएगा. हम उनके प्रति आभार व्यक्त करते हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 13 मार्च को इस संयंत्र की आधारशिला रखी थी. कंपनी ने कहा कि इस संयंत्र का उद्देश्य एआई, औद्योगिक और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स में बढ़ती वैश्विक मांग को पूरा करना है. कंपनी एडवांस पैकेजिंग टेक्नोलॉजी के साथ वायर बॉन्ड, फ्लिप चिप और इंटीग्रेटिंग सिस्टम पैकेजिंग (आईएसपी) पर फोकस करेगी.

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