राइडर करते हैं घटिया हेलमेट यूज, हेलमेट्स फॉर होप मिशन से बढ़ी जागरूकता

टू-व्हीलर राइडर अभी भी हेलमेट का यूज चालान से बचने के लिए करते हैं. इसके लिए ये लोग घटिया क्वालिटी के हेलमेट सस्ती कीमत पर खरीद लेते हैं और जब दुर्घटना होती है तो ये हेलमेट राइडर के सिर की सुरक्षा नहीं कर पाते. अक्सर एक्सीडेंट में होने वाली मौत में घटिया हेलमेट सबसे बड़ा कारण बनते हैं.

इसी बात को ध्यान में रखकर संयुक्त राष्ट्र महासचिव (यूएन-सेक्रेटरी जनरल) में सड़क सुरक्षा पर विशेष दूत जीन टॉड ने रोड सेफ्टी को लेकर लंबे समय से कार्यरत टू-व्हीलर्स हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रेजिडेंट और स्टीलबर्ड हेलमेट्स के एमडी राजीव कपूर के साथ मिलकर एक खास पहल हेलमेट्स फॉर होप पर काम कर रहे हैं और अब इसके सार्थक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं.
स्टैंडर्डाइज्ड हेलमेट के प्रोडक्शन पर जोर
हेलमेट्स फॉर होप के केंद्र में राजीव कपूर ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव के सड़क सुरक्षा के विशेष दूत को एक प्रस्ताव पेश किया है. इस प्रस्ताव में हेलमेट के उपयोग में बढ़ोतरी के माध्यम से दुनिया भर में सड़क दुर्घटनाओं में तेजी से और व्यापक स्तर पर कमी लाने के लिए महत्वपूर्ण कदमों की विस्तार से योजना दी गई है. यह प्रस्ताव सरकारों और उद्योगों के लिए स्टैंडर्डाइज्ड हेलमेट निर्माण, वितरण और इसे पहनना लागू करने वाली इन्फोर्समेंट एजेंसियों को बढ़ावा देने के लिए एक योजना का खाका प्रदान करता है.

इस प्रस्ताव में कहा गया है कि उन कानूनों को अनिवार्य और लागू करने पर जोर देना है, जिनके तहत दोपहिया वाहन निर्माताओं को बेचे जाने वाले प्रत्येक वाहन के साथ कम से कम दो स्टैंडर्डाइज्ड, कम्पलाइंट वाले हेलमेट की आपूर्ति करनी होगी, जो कि एक राइडर और एक पीछे बैठे सवार के लिए है. सर्टिफाइड हेलमेट्स को ज्यादा आसानी से सुलभ और किफायती बनाने के लिए प्रस्ताव में करों और शुल्कों को कम करने की बात कही गई है. भारत में यह हेलमेट्स पर 18 पर्सेंट जीएसटी को घटाकर केवल 5-12 फीसदी करने की सिफारिश करता है. स्थानीय उत्पादन सुविधाओं के बिना देशों के लिए यह हेलमेट्स पर आयात शुल्क और स्थानीय करों को पूरी तरह से समाप्त करने का भी पक्षधर है.
50 फीसदी हेलमेट सेफ्टी स्टैंडर्ड्स पूरा नहीं करते
यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि केवल वास्तविक, उच्च गुणवत्ता वाले हेलमेट उपभोक्ताओं तक पहुंचें. हेलमेट स्टैंडर्ड्स को प्रमाणित करने और बाजार से नॉन-कम्पलाइंट, घटिया और नकली उत्पादों को खत्म करने के लिए गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से स्वतंत्र टेस्टिंग लैब्स स्थापित करने को लेकर भी प्रस्ताव में डिटेल जानकारी दी गई है. मौजूदा समय में वैश्विक स्तर पर दोपहिया वाहन सवारों द्वारा उपयोग किए जाने वाले 50 फीसदी से ज्यादा हेलमेट्स सेफ्टी स्टैंडर्ड्स को पूरा नहीं करते हैं.

निगमों को गुणवत्ता वाले हेलमेट प्रदान करने और सड़क सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी फंड्स का एक हिस्सा आवंटित करने जैसे प्रोत्साहनों के माध्यम से निजी क्षेत्र की भागीदारी को सुविधाजनक बनाने की भी सिफारिश प्रस्ताव में की गई है. भारत के अनिवार्य कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी कानूनों जैसी सफल पहलों को वैश्विक स्तर पर दोहराने से हेलमेट प्रावधान कार्यक्रमों के लिए महत्वपूर्ण फंड्स मिल सकता है.

इसके साथ ही यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है कि एमेजॉन, ओला, उबर, स्विगी, जोमैटो, डेल्हीवरी और अन्य जैसे बड़े दोपहिया वाहन डिलीवरी बेड़े अपने सभी ड्राइवरों और सवारों को स्टैंडर्डाइज्ड हेलमेट खरीदें और प्रदान करें, जो वर्तमान में अक्सर घटिया हेडगियर का उपयोग करते हैं.

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