राजकोट अग्निकांड: ये है TRP गेमिंग जोन का मालिक, कितना होता था बिजनेस?

शनिवार को गुजरात के राजकोट के प्राइवेट गेमिंग जोन में जबरदस्त अग्निकांड में 28 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर सामने आ चुकी है. इस गेमिंग जोन का नाम टीआरपी गेमिंग जोन बनाया जा रहा है. इस हादसे में 12 से ज्यादा बच्चों की जान जाने की सूचना मिली है. इस गेमिंग जोन के मालिक और इस गेमिंग जोन के मैनेजर को हिरासत में लिया गया है. इस गेमिंग जोन के तीन पार्टनर्स भी हैं. वहीं दूसरी ओर गुजरात सरकार ने मृतकों और घायलों के लिए मुआवजे का ऐलान ​कर दिया है. देश के प्रधानमंत्री के अलावा राहुल गांधी और दूसरे अन्य नेताओं की ओर से इस हादसे पर काफी दुख जताया गया है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर टीआरपी जोन के मालिक कौन हैं और उनका नाम क्या है? साथ ही इस गेमिंग जोन में कितने तरह के खेलों की व्यवस्था की गई थी? साथ ही कितना बिजनेस होता था?
ये है गेमिंग जोन का मालिक
खास बात तो ये है कि आखिर इतने बड़े गेमिंग जोन को चला कौन रहा था. क्या इनमें से कोई गिरफ्तार या हिरासत में लिया गया? जानकारों की मानें तो इस हादसे में 10 से ज्यादा लोगों हिरासत में लिया गया है. जिसमें गेमिंग जोन के मालिक युवराज सिंह सोलंकी है. साथ ही इस गेमिंग जोन के मैनेजर नितिन जैन को भी हिरासत में लिया गया है. युवराज सोलंकी के अलावा टीआरपी गेमिंग जोन के तीन पार्टनर्स भी बताए जा रहे हैं. जिनके नाम प्रकाश जैन, राहुल राठौड़, महेंद्र सिंह सोलंकी हैं. पुलिस इन तीनों की तलाश कर रही है.
किस तरह के होते हैं गेम्स
अगर बात टीआरपी गेमिंग जोन के गेमिंग सेक्शन की करें तो, यहां पर बाइक रेसिंग के अलावा, आर्केड गेम्स, बॉलिंग, डांसिंग, इनडोर फुटबॉल और वॉलीबॉल, बास्केट बॉल, मिरर मेज, कार्ट रेसिंग, लाइव म्यूजिक शोज, जैसे गेम्स और प्रोग्राम होते हैं. जानकारी के अनुसार इस तरह के गेम्स और शोज की संख्या 20 से ज्यादा है. जिनकी एंट्री फीस अलग—अलग बताई जा रही है. जिसकी शुरुआत 100 रुपए से है. जानकारी के मुताबिक समर वैकेशन और वीकेंड होने की वजह से टीआरपी गेमिंग जोन में लोगों की संख्या ज्यादा थी.
कितना होता था बिजनेस
जानकारी के अनुसार टीआरपी गेमिंग जोन के लिए सीजन शुरू हो चुका था. समर वैकेशन की वजह से बच्चों और लोगों की भीड़ आनी शुरू हो गई थी. वहीं दूसरी ओर ऑफ सीजन यानी बच्चों की छुट्टियां नहीं भी पड़ी होती तो शाम के समय लोगों की मौजूदगी खासकर यंगस्टर की बढ़ जाती थी. जिसकी वजह से टीआरपी गेमिंग जोन का बिजनेस काफी अच्छा चल रहा था. जानकारी के अनुसार टीआरपी गेमिंग जोन हर महीने लाखों रुपयों का रेवेन्यू जेनरेट हो रहा था. एग्जैक्ट फिगर सामने नहीं आया है. पुलिस इसके बारे में पड़ताल करने में जुटी हुई है.

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