राजनीतिक मजबूरी या तवज्जो जरूरी, बजट में आंध्र प्रदेश और बिहार को बंपर बेनिफिट
लोकसभा चुनाव के बाद से ही बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठने लगी थी. मोदी सरकार ने भले ही विशेष राज्य की मांग से इनकार कर दिया हो, लेकिन बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए खजाना खोल दिया है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए स्पेशल पैकेज का ऐलान किया है. बिहार के लिए कई अलग-अलग घोषणाएं की गई हैं, तो आंध्र प्रदेश के लिए 15 हजार करोड़ का ऐलान किया. इस तरह बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश को बंपर बेनिफिट मिला है. ऐसे में सवाल उठता है कि यह राजनीतिक मजबूरी है या फिर तवज्जो…?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया है कि औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाया जाएगा. इसी के तहत बिहार में गया को औद्योगिक केंद्र बनाया जाएगा. इस गलियारे से पूर्वोत्तर क्षेत्र के औद्योगिक विकास को बल मिलेगा. गया का यह केंद्र प्राचीन सांस्कृतिक केंद्रों को आधुनिक अर्थव्यवस्था के साथ कनेक्ट करेगा. यह कॉरिडोर औद्योगिक विकास को कार्यान्वित करेगा. यह मॉडल बहुत ही अच्छा होगा. इस मॉडल में विकास भी दिखेगी और विरासत भी की झलक होगी.
बिहार में सड़कों के लिए 26 हजार करोड़
वित्त मंत्री ने बजट में बिहार की सड़क-संपर्क परियोजनाओं के लिए 26 हजार करोड़ रुपये देने का ऐलान किया. इससे पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे और बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाएगा. बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा सड़क संपर्क परियोजनाओं का भी विकास होगा. इसके अलावा बक्सर में गंगा नदी पर दो लेना वाला एक अतिरिक्त पुल बनाया जाएगा. बिहार में 21 हजार 400 करोड़ रुपये की लागत से विद्युत परियोजनाएं शुरू की जाएंगी. इसमें पिरपैंती में 2400 मेगावॉट के एक नए संयंत्र की स्थापना भी शामिल है.
निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि बिहार में नए एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेजों और खेलकूद की अवसंरचना का भी निर्माण होगा. पूंजीगत निवेशों में सहायता के लिए अतिरिक्त आवंटन उपलब्ध कराया जाएगा. बिहार सरकार के बहुपक्षीय विकास बैंकों से बाह्य सहायता के अनुरोध पर तेजी से कार्यवाही होगी. वित्त मंत्री ने कहा कि पर्यटन के विकास पर केंद्र सरकार का विशेष ध्यान है.
बोधगया के महाबोधि मंदिर के लिए कॉरिडोर निर्माण का ऐलान किया गया है. गया के विष्णुपद मंदिर के लिए कॉरिडोर बनेगा. यह काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के विकास पर आधारित होंगे. राजगीर भी बौद्ध और जैन श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण हैं. राजगीर के तीर्थ क्षेत्रों का भी विकास होगा. नालंदा को भी पर्यटन केंद्र के रूप में मजबूत करने के लिए वहां विकास जाएगा.
आंध्र प्रदेश को भी मिला बंपर बेनिफिट
बिहार की तरह आंध्र प्रदेश के लिए भी मोदी सरकार ने सरकारी खजाना खोल दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आंध्र प्रदेश के लिए बजट में एलान करते हुए कहा कि ‘सरकार का आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए समन्वित प्रयास किया. बहुपक्षीय विकास एजेंसियों के माध्यम से आंध्र प्रदेश को वित्तीय सहायता की सुविधा प्रदान करेंगे. चालू वित्त वर्ष में 15 हजार करोड़ और आगामी वर्षों में अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था की जाएगी.
वित्त मंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश के पोलावरम सिंचाई परियोजना को जल्दी पूरा कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध. इससे हमारे देश को खाद्य सुरक्षा में भी सहायता मिलेगी. विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे में कोप्पार्थी क्षेत्र में बुनियादी ढांचे पर जोर दिया जाएगा. आर्थिक विकास के लिए पूंजीगत निवेश के लिए एक वर्ष तक अतिरिक्त आवंटन. अधिनियम में रायलसीमा, प्रकाशम और उत्तर तटी आंध्र प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों के लिए अनुदान दिया जाएगा.
निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि केंद्र सरकार बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए ‘पूर्वोदय’ योजना भी लाएगा. सीतारमण ने कहा कि सरकार पूर्वी क्षेत्र में विकास के लिए औद्योगिक गलियारे का समर्थन करेगी.वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार हर साल एक लाख छात्रों को सीधे ई-वाउचर उपलब्ध कराएगी, जिसमें ऋण राशि का तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान भी शामिल होगा.
नीतीश और नायडू को बजट से थी खास उम्मीद
मोदी सरकार ने भले ही आंध्र प्रदेश और बिहार को स्पेशल राज्य का दर्जा न दिया हो, लेकिन दोनों ही राज्यों के विकास के लिए सरकारी खजाना खोलकर नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को साधकर रखने की कोशिश की है. 2014 और 2019 की तरह बीजेपी इस बार अपने दम पर सरकार नहीं बना सकी. बीजेपी इस बार 240 सीटें ही जीत सकी है और बहुमत के आंकड़े से दूर रह गई थी.
चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार के सहारे सरकार बनी. ये दोनों ही नेता अपने-अपने राज्य को स्पेशल स्टेटस दिलाने की मांग उठाते रहे हैं. ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार को अपनी स्थिरता बनाए रखने के लिए जेडीयू और टीडीपी को अपने साथ बनाए रखना जरूरी है. मोदी सरकार और बीजेपी के लिए पहली बड़ी परीक्षा बजट था. दोनों नेताओं को बजट से खास उम्मीद थी. ऐसे में मोदी सरकार ने उनकी उम्मीदों पर पूरी तरह से खरे उतरे हुए सरकारी खजाना खोल दिया है.