राजस्थान में सिर्फ 20 भिखारी… पुलिस के इस दावे पर विधानसभा में घमासान

राजस्थान में भीख मांगने को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. राजस्थान विधानसभा में चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह के सवाल पर सरकार ने जवाब दिया. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के मंत्री अविनाश गहलोत ने बताया कि पूरे प्रदेश की पुलिस को सिर्फ 20 भिखारी मिले हैं. इसमें 3 भिखारी जयपुर में मिले और बाकी के 17 भिखारी पूरे प्रदेश में मिले हैं, जिसमें 19 के खिलाफ चालान पेश हुआ और एक के खिलाफ एफआर लगी है.
उन्होंने आगे कहा कि राजस्थान पुलिस पूरे प्रदेश में उमंग अभियान चलाया जा रहा हैं. इसके बावजूद भी पुलिस को 20 भिखारी मिले हैं. इस खुलासे के बाद नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का भी एक बयान सामने आया है. टीकाराम ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये सरकार आंकड़े छुपाने में माहिर है. गलत जानकारी देना और जनता को गुमराह करना भाजपा की पुरानी आदत है. आगे उन्होंने कहा कि भिक्षावृत्ति प्रदेश में बड़ी समस्या है. कांग्रेस राज में हमने ऑपरेशन उमंग चलाया पर भाजपा की सरकार ने इसकी कोई सुध नही ली. सरकार सिर्फ बचने और बचाने का काम कर रही है.
पुनर्वास केंद्र का उठा मुद्दा
अविनाश गहलोत ने अपने बचाव में कहा कि सभी सार्वजनिक स्थानों पर भीख मांगी जा रही है. रेलवे स्टेशन, गुरुद्वारा, मंदिरों और बस स्टैंड पर भिक्षावृत्ति होती है. इनके लिए पुनर्वास खोले गए हैं. इसमें गृह विभाग, सामाजिक न्याय विभाग और महिला विकास विभाग मिलकर काम कर रहा है. 18 साल से कम उम्र से कम उम्र वालों को जेजे एक्ट के तहत कार्रवाई होती है. जैसे ही 18 साल उम्र पूरी होती है उन्हें पुनर्वास में भेजा जाता है.
केंद्र की स्माइल योजना पर हुई चर्चा

उन्होंने कहा केंद्र सरकार की तरफ से स्माइल योजना चलाई जा रही है. नकली किन्नरों के द्वारा भी भिक्षावृत्ति कराई जाती है. तीन जगह चिह्नित किया गया है. सिटी पैलेस जयपुर, उदयपुर और जैसलमेर को चिह्नित किया गया, जहां भिक्षवृत्ति कराई जाती है.

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