राज्यसभा की 12 सीटों पर चुनाव, BJP को फायदा या कांग्रेस को नुकसान, समझें पूरा गणित
लोकसभा चुनाव के बाद अब बारी राज्यसभा चुनाव की है. निर्वाचन आयोग ने बुधवार यानी 7 अगस्त को नौ राज्यों की 12 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव का ऐलान कर दिया है. महाराष्ट्र, असम और बिहार की 2-2 राज्यसभा सीटें और हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, त्रिपुरा, तेलंगाना और ओडिशा के एक-एक राज्यसभा सीट पर तीन सितंबर को चुनाव होने हैं. 2024 के चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस और उसकी अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन को राज्यसभा में झटका लग सकता है. बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को फायदा हो सकता है.
देश के जिन 9 राज्यों की 12 राज्यसभा सीट पर चुनाव की तारीखों का ऐलान किया गया है, उसमें से 10 सीटें लोकसभा चुनाव के जीतने के चलते खाली हुई हैं. इसके अलावा तेलंगाना से डॉ केशव राव के बीआरएस छोड़कर कांग्रेस में जाने और ओडिशा से ममता मोहंता के बीजेडी छोड़कर बीजेपी में जाने के बाद सीटें खाली हुई हैं. इस तरह से बीजेपी कोटे की सात राज्यसभा सीटें खाली हुई हैं तो कांग्रेस कोटे की दो. जबकि, आरजेडी, बीआरएस और बीजेडी कोटे की एक-एक राज्यसभा सीट है. ऐसे में सवाल उठता है कि देश की जिन छह राज्यों की 10 राज्यसभा सीटें खाली हुई हैं, उन राज्यों के विधानसभा में विधायकों की संख्या को देखें तो एनडीए का सियासी पलड़ा भारी नजर आ रहा है. हालांकि, बीजेपी के लिए उसके सहयोगी दल ही चुनौती बन सकते हैं, क्योंकि बिहार और महाराष्ट्र दोनों ही राज्यों में सहयोगी दलों के सहारे बीजेपी अपने नंबर बढ़ा सकती है. बीजेपी को सात राज्यसभा सीटें जीतना तय है, लेकिन महाराष्ट्र, बिहार, और हरियाणा में चुनावी मुकाबला होने की उम्मीद है. ऐसे में अब देखना है कि राज्यसभा चुनाव की सियासी बाजी कौन जीतता है ?
बीजेपी को नफा या फिर नुकसान
राज्यसभा चुनाव में मध्य प्रदेश, राजस्थान, त्रिपुरा और ओडिशा की एक-एक और असम की दो राज्यसभा सीटें बीजेपी आसानी से जीत सकती है. इन राज्यों में विधानसभा के सदस्यों का आंकड़ा बीजेपी के पक्ष में है, जिसके चलते पार्टी का जीतना तय है. बिहार में आरजेडी और बीजेपी एक-एक सीटें जीत सकती है, लेकिन महाराष्ट्र, हरियाणा की सीटों पर चुनाव होने का आसार है, क्योंकि विधानसभा में बीजेपी और विपक्ष दलों के बीच बहुत ज्यादा अंतर नहीं है. इन दोनों ही राज्यों में विधानसभा चुनाव है, जिसके चलते राज्यसभा चुनाव को सेमीफाइनल माना जा रहा है. बीजेपी एक सीट बिहार में आसानी से जीत लेगी और एक सीट महाराष्ट्र में जीत सकती है. इस तरह बीजेपी को एक सीट का लाभ मिल सकता है.
कांग्रेस की सीटें घटने का आसार
कांग्रेस कोटे की दो राज्यसभा सीटें खाली हुई हैं, जिसमें एक सीट राजस्थान और एक हरियाणा की है. राजस्थान से राज्यसभा सदस्य रहे केसी वेणुगोपाल अब लोकसभा के सांसद चुन लिए गए हैं तो हरियाणा के राज्यसभा सदस्य रहे दीपेंद्र हुड्डा लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंच गए हैं. राजस्थान विधानसभा में विधायकों का आंकड़ा बीजेपी के पक्ष में है, जिसके चलते उसका जीतना तय है. हरियाणा में बीजेपी और कांग्रेस के बीच बहुत ज्यादा अंतर नहीं है, जिसके चलते राज्यसभा चुनाव में दोनों किस्मत आजमाने के मूड में है.
राजस्थान में होने वाले नुकसान की भरपाई कांग्रेस तेलंगाना से कर लेगी, क्योंकि वहां पर उसके पास विधानसभा में नंबर गेम है. इस तरह से कांग्रेस को अपने पुराने आंकड़े रखने के लिए एक सीट और जीतना होगा. इसके लिए उसकी नजर हरियाणा और महाराष्ट्र की सीट पर टिकेगी. इन दोनों राज्यों में कांग्रेस को कड़ी मशक्कत ही नहीं बल्कि विपक्ष के वोटों में सेंधमारी करनी होगी, उसके बाद ही जीत तय होगी. महाराष्ट्र की दोनों राज्यसभा सीटें बीजेपी कोटे की खाली हुई हैं, जिसके चलते वो ही चुनाव लड़ेगी. ऐसे में इंडिया गठबंधन के बीच यह तय करना होगा कि उनकी तरफ से कौन चुनाव लड़ेगा. कांग्रेस को यह सीट मिलती है तो फिर उद्वव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की पार्टी के विधायकों का विश्वास बनाए रखने का दांव चलना होगा.
हरियाणा में होगा चुनावी संग्राम
हरियाणा के 90 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल 87 सदस्य हैं, जिसमें बीजेपी के पास 41 और कांग्रेस के पास 29 विधायक हैं. दुष्यंत चौटाला की जेजेपी के 10 विधायक, पांच निर्दलीय, इनेलो के एक, एचएलपी के एक विधायक हैं. एक निर्दलीय विधायक बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. इसके अलावा एचएलपी के गोपाल कांडा और निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत ने बीजेपी को समर्थन कर रखा है. इस तरह बीजेपी के पास 43 विधायक का नंबर हो रहा है जबकि, बाकी 44 विधायक विपक्षी खेमे में है. निर्दलीय तीन विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन कर रखा है. इसके अलावा एक निर्दलीय और अभय चौटाला ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं.
दुष्यंत चौटाला के 6 विधायक उनसे नाराज माने जा रहे हैं. जिसमें दो बीजेपी के समर्थन में है. जेजेपी ने इन दोनों ही विधायकों के खिलाफ दलबदल कानून के तहत कार्रवाई की मांग की है. इस तरह से जेजेपी विधायकों में बिखराव के आसार राज्यसभा चुनाव में दिख रहे हैं. इस तरह से कांग्रेस अगर अपना उम्मीदवार उतारती है तो चुनावी लड़ाई होती, नहीं तो बीजेपी का जीतना तय है. इसी तरह महाराष्ट्र में चुनावी मुकाबले के आसार है.
राज्यसभा में सांसदों की कुल संख्या 245 है. फिलहाल राज्यसभा में 225 सांसद हैं, जबकि 20 सीटें खाली हैं, लिहाजा बहुमत का आंकड़ा 114 है. खाली सीट में जम्मू-कश्मीर से 4 और नामित सदस्यों की 4 सीटें हैं. इन चार राज्यसभा सीटों को छोड़कर बाकी 12 सीट पर चुनाव हो रहे हैं. राज्यसभा में भाजपा के पास 86 सीटें और सहयोगी दलों को मिलाकर यानी एनडीए के पास 101 सीटें हैं. इस तरह एनडीए बहुमत के आंकड़े से 13 सीटें कम हैं. वहीं, विपक्षी गुट के पास 87 सीटें हैं तो अन्य के पास 28 सीटें है.