राज्य के पास कोई अधिकार नहीं है, CM ममता के बांग्लादेश के लोगों को आश्रय देने की बात पर केंद्र सरकार के सूत्र
पिछले कुछ दिनों से पड़ोसी देश बांग्लादेश में बवाल मचा हुआ है. देश में आरक्षण विरोधी हिंसा की आग भड़की है जिसमें कई लोगों की मौत हो चुकी है तो कई लोग देश छोड़कर जा रहे हैं. वहीं इस आग की आंच असर अब भारत में भी दिखाई देने लगा है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है कि अगर हिंसा प्रभावित बांग्लादेश के लोग पश्चिम बंगाल में शरण लेने आते हैं तो उन्हें शरण दी जाएगी.
अब सीएम ममता की इस बात पर सियासत गरमा गई है. बांग्लादेश के लोगों को आश्रय देने की पेशकश पर केंद्र सरकार के सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार के पास इस मुद्दे पर कोई अधिकार नहीं है. सूत्रों ने कहा कि इन मामलों को केंद्र सरकार देखती है ये उनके अधीन आते हैं. सीएम की टिप्पणियां पूरी तरह से गलत है. मामले केंद्र सरकार के अधीन आते हैं.
‘सीएम ममता की टिप्पणी गलत’
दरअसल राजधानी कोलकाता में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान सीएम ममता बनर्जी ने हिंसा प्रभावित बांग्लादेश का जिक्र करते हुए कहा कि वह पड़ोसी देश के संकटग्रस्त लोगों के लिए पश्चिम बंगाल के दरवाजे खुले रखेंगी और उन्हें आश्रय प्रदान करेंगी. जिस पर केंद्र सरकार के एक सूत्र का कहना है कि ये ऐसे मामले हैं जिन्हें केंद्र सरकार संभालती है. इस मुद्दे पर राज्य सरकार का कोई अधिकार नहीं है. ऐसे में सीएम का बयान उचित नहीं है.
CM ने किया युक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का जिक्र
वहीं सीएम ममता बनर्जी ने अपनी इस बात के समर्थन में शरणार्थियों पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का उल्लेख किया था. पिछले कुछ दिनों में बांग्लादेश में कानून और व्यवस्था की स्थिति खराब हुई है और इस कारण वहां मानवीय संकट की आशंका बन रही है. सीएम ने कहा कि उन्हें बांग्लादेश के मामलों पर नहीं बोलना चाहिए क्योंकि वह एक संप्रभु राष्ट्र है और इस मुद्दे पर जो कुछ भी कहा जाना चाहिए वह केंद्र का विषय है.तृणमूल कांग्रेस की ‘शहीद दिवस’ रैली में उन्होंने कहा कि वह यह कह सकती हैं कि अगर असहाय और मजबूर लोग बंगाल के दरवाजे पर दस्तक देंगे तो वह निश्चित रूप से उन्हें आश्रय देंगी.
नौकरी कोटा प्रणाली को खत्म करने की मांग
दरअसल शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार से विवादास्पद नौकरी कोटा प्रणाली को खत्म करने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ बांग्लादेश घातक झड़पों से जूझ रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. हालात को देखते हुए
बांग्लादेश में कर्फ्यू लगा दिया है क्योंकि देश भर में नौकरी कोटा प्रणाली को वापस लेने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें जारी हैं. प्रदर्शनकारी बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में लड़ने वाले पूर्व सैनिकों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत तक आरक्षण दिए जाने की प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं.