राज ठाकरे को किनारे करके सरकार नहीं चल सकती… CM शिंदे के साथ हुई बैठक पर बोली मनसे
महाराष्ट्र में मनसे प्रमुख राज ठाकरे की मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात के बाद राजनीतिक सस्पेंस खड़ा हो गया है. बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच में यह बैठक सीएम आवास पर बहुत ही सीक्रेट तरीके से हुई है. सीएम आवास पर हुई इस बैठक में क्या बातचीत हुई ये स्पष्ट नहीं हुआ है. इस बीच मनसे नेता अविनाश अभ्यंकर का बड़ा बयान सामने आया. उन्होंने कहा कि राज ठाकरे को किनारे करके सरकार नहीं चल सकती है.
सूत्रों की मानें तो महायुति में उनकी संभावना भी तलाशी जा रही है, लेकिन दिक्कत ये है की अगर राज ठाकरे साथ आते हैं तो उत्तर भारतीयों का एक बड़ा वोट बैंक छिटक सकता है. ऐसे में चुनाव पर सीधा असर भी पड़ सकता है. माना जा रहा है कि राज ठाकरे महायुति में शामिल नहीं होंगे, लेकिन कुछ सीटों पर उन्के उम्मीदवारों का अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन किया जा सकता है. हालांकि, कहा जा रहा है कि इसके लिए शिवसेना कोई जल्दबाजी नहीं करेगी.
मनसे नेता बोले- दो मित्र मिल सकते हैं
राज ठाकरे और सीएम की मुलाकात पर मनसे नेता अविनाश अभ्यंकर ने कहा कि दो मित्र मिल सकते हैं, दोनों ही राजनीति के पुराने लोग हैं. राज्य में एमएनएस और राज ठाकरे को डिलीट करके सरकार चल नहीं सकती. राज्य में रेल इंजन के सिवाय दूसरा कोई पर्याय नहीं है. जहां तक अमित ठाकरे को लेकर सवाल है तो इसके लिए 288 सीटों पर पूरी तैयारी है और कार्यकर्ताओं की भावनाओं का आदर होगा.
वहीं, दोनों नेताओं की बैठक पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने बहुत संभलकर बयान दिया है. बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि जो भी होगा उसे पार्लियामेंट्री बोर्ड तय करेगा, लेकिन हर मुलाकात का मतलब राजनीतिक नहीं होता है. राज ठाकरे ने राज्य का दौरा किया था हो सकता है विकास की बात करने आए हो .रही बात राज के एनडीए में आने को लेकर तो इन सब चीजों को पार्लियामेंट्री बोर्ड तय करता है, यह अकेले का विषय नहीं है.
वर्ली सीट पर भी फंस सकता है पेंच
मनसे ने मुंबई की वर्ली विधानसभा सीट को लेकर सियासत तेज हो गई है. ये वो सीट हैं जहां से उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे विधायक हैं. 2019 में उन्होंने इसी सीट से चुनाव लड़ा था. अब इस सीट से मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने संदीप देशपांडे को मैदान में उतारने का ऐलान कर दिया है. वर्ली सीट को शिवसेना का गढ़ भी माना जाता है. ऐसे में सीएम और राज ठाकरे के मुलाकात को इस सीट पर बन सियासी समीकरणों से भी जोड़ा जा रहा है.