राफा पर फ्रांस-तुर्की-इजिप्ट नाराज, नेतन्याहू भी जिद पर अड़े… मिडिल ईस्ट में अब मचेगा बवाल!

राफा में शरणार्थी शिविर पर हमले के बाद मिडिल ईस्ट में एक बार फिर तनाव बढ़ता जा रहा है. गाजा में इजराइल के विध्वंसक हमलों पर फ्रांस और तुर्की के राष्ट्रपति नाराजगी जता चुके हैं. अमेरिका लगातार इजराइल से संयम बरतने को कह रहा है. इजिप्ट की ओर से भी मोर्चा खुलते दिख रहा है. सोमवार को इजिप्ट के सैनिकों ने भी इजराइल के सैनिकों को निशाना बनाया. हालांकि नेतन्याहू अभी भी अपनी जिद पर अड़े है. नेतन्याहू ने एक बार फिर ये ऐलान कर दिया है कि वह पीछे हटने वाले नहीं है.
मिडिल ईस्ट में जिस तरह की परिस्थितियां बन रही हैं वह इशारा कर रही है कि फिलहाल खाड़ी में शांति दूर की बात है. हमास और इजराइल का युद्ध इस स्थिति में पहुंचेगा शायद किसी ने भी इस बात का अंदाजा नहीं लगाया होगा. सोमवार को जब इजिप्ट और इजराइल के सैनिकों में गोलीबारी की खबरें सामने आईं तो एक बारगी फिर लगने लगा कि अब मिडिल ईस्ट बड़ी जंग की आग में जलने की तैयारी कर रहा है. यह हैरान करने वाली बात इसलिए है, क्योंकि गोलीबारी से कुछ देर पहले ही फ्रांस और तुर्की के राष्ट्रपति ने गाजा पर इजराइल की ओर से लगातार किए जा रहे हमलों की निंदा की थी.
चौतरफा घिरे नेतन्याहू
नेतन्याहू की मुश्किल बढ़ाने का काम रविवार को किए गए उस हमले ने किया, जिसमें गाजा का एक शरणार्थी शिविर निशाना बना. फिलस्तिीन चिकित्सा सूत्रों का दावा है कि इस हमले में कम से कम 35 लोग मारे गए. दर्जनों लोग घायल हो गए. स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा ये भी है कि मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं. इस हमले के बाद इजराइल की चौतरफा निंदा शुरू हो गई. सबसे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि वह इजरायली हमलों से क्रोधित हैं, जिससे राफा में विस्थापित फिलिस्तीनियों के शिविर में बड़े पैमाने पर मौत और विनाश हुआ है, उन्होंने तत्काल युद्ध विराम की मांग की.
यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने भी हमलों की निंदा की. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा की इजराइल के हमलों में दर्जनों विस्थापित लोगों की मौत की खबर सुनकर स्तब्ध हूं. तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने भी राफा की निंदा की है. उन्होंने इजराइल की आलोचना की और उस पर अपराध और नरसंहार करने का आरोप लगाया.
आयरलैंड नार्वे और स्पेन फिलिस्तीन के पक्ष में
नेतन्याहू की एक और मुश्किल ये है कि हाल ही में आयरलैंड, नार्वे और स्पेन ने घोषणा की है कि वे 28 मई से औपचारिक तौर पर फिलिस्तीन को मान्यता प्रदान करेंगे. इस फैसले के बाद इजराइल गुस्से में है. डबलिन में इजराइल के राजदूत ने चेतावनी दी है कि फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने से आयरलैंड और इजराइल के द्विपक्षीय संबंधों को ग्रहण लगेगा.

Outraged by the Israeli strikes that have killed many displaced persons in Rafah.
These operations must stop. There are no safe areas in Rafah for Palestinian civilians.
I call for full respect for international law and an immediate ceasefire.
— Emmanuel Macron (@EmmanuelMacron) May 27, 2024

नेतन्याहू बोले- जीत न मिलने तक लड़ता रहूंगा
चौतरफा घिरे होने के बावजूद इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने नेसेट मंच से सोमवार को कहा कि इजराइल के हमले की अंतरराष्ट्रीय निंदा के बावजूद गाजा में लड़ाई जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि जो लोग दबाव से डर जाते हैं वे हार का झंडा उठाते हैं, मैं ऐसा नहीं करूंगा, मैं तब तक लड़ूंगा, जब तक जीत का झंडा नहीं उठा लेता. मैं लक्ष्य हासिल किए बिना युद्ध समाप्त करने का इरादा नहीं रखता. यदि हम हार मान गए तो नरसंहार फिर से शुरू हो जाएगा. हम आतंक को और ईरान को बहुत बड़ी जीत दिला देंगे.
जो घटना हुई वह दुखद : नेतन्याहू
नेतन्याहू ने रविवार को शरणार्थी शिविर पर हमले को दुखद बताया. उन्होंने कहा कि इजराइल ने हमास के शीर्ष कमांडरों पर हमला किया था, उससे जो आग फैली वह शिविर के तंबू में लग गई, जिसमें कुछ लोग मारे गए हैं. हम ऐसा करना नहीं चाहते थे, हम गाजा के नागरिकों को सुरक्षित रखने का प्रयास कर रहे हैं. अब तक इजराइल ने राफा से 10 लाख लोगों को निकाला है. घटना कैसे हुई हम इसकी जांच कर रहे हैं. यह हमारे लिए एक त्रासदी है, हमास इसे एक रण्रनीति की तरह ले रहा है.
तो क्या अब मिडिल ईस्ट में बबाल होगा?
गाजा पर ताबड़तोड़ हमलों को लेकर अंतरराष्ट्रीय दबाव झेलने के बावजूद नेतन्याहू जिद पर अड़े हैं. माना जा रहा है कि इससे मिडिल ईस्ट में बबाल और बढ़ सकता है. दरअसल युद्ध सीधे तौर पर इजराइल और हमास के बीच है, हूती और हिज्बुल्लाह लगातार हमले कर रहे हैं. लेबनान भी इनके साथ है.इजराइल आरोप लगा रहा है कि हमास को ईरान सपोर्ट दे रहा है. अमेरिका भी इस मामले में इजराइल के साथ है वह भी लगातार इस बात पर जोर दे रहा है कि हमास को ईरान सपोर्ट कर रहा है और ईरान को मदद चीन और रूस पहुंचा रहा है.
सोमवार को इजराइल पहुंची अमेरिकी नेता निक्की हेली ने भी यही बात दोहराई. ईरान भी अंदरखाने रईसी की मौत की वजह इजराइल को मान रहा है. इधर इजिप्ट पर भी इजराइल से नाराज नजर आ रहा है. सोमवार को इजिप्ट के सैनिकों और इजराइल के सैनिकों के बीच गोलीबारी हुई. इसमें मिस्र के दो सैनिकों की मौत हो गई. अंदेशा जताया जा रहा है कि यदि इस युद्ध में अगर इजिप्ट कूदा तो मिडिल ईस्ट में इजराइल अलग-थलग पड़ जाएगा. ये नेतन्याहू के लिए बड़ा झटका इसलिए भी होगा, क्योंकि अब तक कतर के साथ इजिप्ट ही वो देश था जो हमास और इजराइल के बीच शांत समझौतों की वकालत कर रहा था.
गोलीबारी पर आमने-सामने इजराइल-इजिप्ट
इजराइल और इजिप्ट के बीच हुई गोलीबारी को लेकर दोनों देश आमने-सामने हैं. इजराइल जहां इजिप्ट पर इसका आरोप लगा रहा है तो इजिप्ट इजराइल को इसका दोषी बता रहा है. बताया जा रहा है कि इस गोलीबारी में इजिप्ट के दो सैनिकों की मौत हुई और तकरीबन 9 सैनिक घायल हो गए हैं. मिस्र के ब्रिगेडियर जनरल समीर राघेब के मुताबिक जो हुआ वह व्यक्तिगत व्यवहार नहीं है. एक इजराइली सैन्य ट्रक सीमा पर घुसा था इसीलिए गोलीबारी की गई थी. IDF ने भी गोलीबारी की बात स्वीकारी है, हालांकि मिस्र के सैनिकों की मौत की पुष्टि नहीं की गई है. इजराइली सेना की ओर से ये भी कहा गया है कि इसकी जांच कराई जा रही है. इसके साथ ही ये दावा किया गया कि पहले इजिप्ट ने गोलीबारी की थी.

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