रामोजी राव कैसे बने भारत के मीडिया मुगल, बनाया दुनिया का सबसे बड़ा फिल्म स्टूडियो, जानें सक्सेस स्टोरी
हैदराबाद की रामोजी फिल्म सिटी का नाम आप सबने सुना होगा. ‘बाहुबली’ से लेकर ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ जैसी फिल्मों की शूटिंग यहीं पर हुई है. हर साल यहां 300 फिल्म तक की शूटिंग होती है. करीब 15 लाख पर्यटक सिर्फ यहां घूमने आते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके फाउंडर रामोजी राव ने दुनिया के इस सबसे बडे़ फिल्म प्रोडक्शन प्लेस को कैसे खड़ा किया और कैसे वह भारत के सबसे बड़े मीडिया मुगल बन गए? 87 साल की आयु में शनिवार को उनका निधन हो गया. चलिए जानते हैं उनकी इस लीगेसी के बारे में…
अगर बात रामोजी फिल्म सिटी की करें, तो यहां किसी भी समय में 15 फिल्म की शूटिंग चल रही होती है. ये 1666 एकड़ में फैली है. यहां फिल्म बनाने से जुड़ी लगभग हर फैसिलिटी मौजूद है. यहां तक कि फिल्म स्टार्स के रहने के लिए लग्जरी होटल, फिल्म यूनिट्स को खाना खिलाने के लिए इंटीग्रेटेड किचन और सेट बनाने से लेकर फिल्म प्रोडक्शन और डबिंग की सभी फैसिलिटी.
रामोजी राव ने जब इस फिल्म सिटी को डेवलप करने का प्लान बनाया था, तो उनका विजन इसे एक ‘सिंगल विंडो सिस्टम’ या ‘वन स्टॉप शॉप’ की तरह बनाने का था. जहां लोग अपनी फिल्म की स्क्रिप्ट लेकर आएं और फिल्म बनाकर बाहर जाए. लेकिन रामोजी राव के फिल्म प्रोड्यूसर या मीडिया मुगल बनने की कहानी काफी अलग तरह से शुरू हुई.
रामोजी राव ऐसे बने मीडिया मुगल
साल था 1974, जब देश में इंदिरा गांधी की सरकार के प्रति लोगों रोष बढ़ रहा था. उसी समय आंध्र प्रदेश के लोगों के घर पर एक नया तेलुगू अखबार ‘इनाडु’ पहुंचना शुरू हुआ. इसकी अनोखी पेशकश, डिजाइन और आसान भाषा ने लोगों का ध्यान खींचा. इतना ही नहीं इस अखबार की हेडलाइंस ही अपने आप में सुर्खियां बन गईं.
‘इनाडु’ कुछ समय बाद आंध्र प्रदेश में लोगों की सुबह की चाय का हिस्सा बन गया. इसने दक्षिण भारत में वैसा ही काम किया, जैसा हिंदी पट्टी में एक समय में ‘जनसत्ता’ ने किया. इसके पीछे का पूरा दिमाग रामोजी राव का ही था, जिन्होंने बाद में एक अंग्रेजी दैनिक ‘Newstime’ भी शुरू किया. लेकिन उनका बिजनेस सेंस सिर्फ यहीं नहीं रुका.
अचार से लेकर फ्रूट ड्रिंक तक का कारोबार
‘द हिंदू’ की एक खबर के मुताबिक रामोजी राव का बिजनेस सिर्फ मीडिया तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने ऊषोदय एंटरप्राइजेज के तहत प्रिया आचार और सोमा फ्रूट ड्रिंक जैसे बिजनेस भी खड़े किए. प्रिया आचार भी इनाडु की तरह आंध्र प्रदेश के हर घर का हिस्सा बन गया. वहीं सोमा फ्रूट ड्रिंक, भारत का पहला ऐसा पेय बना जो छोटे पैकेट में बिकने लगा.
उतरे फिल्मों के कारोबार में
रामोजी राव 1983 में फिल्म कारोबार में एंट्री ली. उनकी बनाई कई फिल्मों ने इतिहास रचा, तो कई एक्टर्स को दुनिया का सबसे बड़ा स्टार बना दिया. एक्ट्रेस सुधा चंद्रन के जीवन पर 1985 में बनी तेलुगू फिल्म ‘मयूरी’ ने उनके फिल्म कारोबार में चार-चांद लगा दिए. ये फिल्म इतनी बड़ी हिट हुई कि उन्होंने 1986 में ही इसका हिंदी रीमेक ‘नाचे मयूरी’ भी बनाया.
उनकी फिल्म प्रोडक्शन कंपनी का नाम ‘ऊषा किरण मूवीज’ है. वहीं उन्होंने मीडिया कारोबार का विस्तार करते हुए 1995 में इनाडु टेलीविजन नेटवर्क (ETV) का विस्तार किया. इसी दौरान उन्हें रामोजी फिल्म सिटी बनाने का आइडिया आया, जो 1996 में साकार भी हुआ.
ऐसे खड़ी हुई रामोजी फिल्म सिटी
जैसा कि रामोजी राव एक ऐसी फिल्म सिटी बनाना चाहते थे, जहां फिल्म बनाने से जुड़ी सारी फैसिलिटी मौजूद हों. दरअसल वह इसे हॉलीवुड का देसी विकल्प बनाना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने हैदराबाद को चुना और पहले वहां फिल्मों के सेट बनने शुरू हुए. बाद में इसे थीम पार्क और वन स्टॉप डेस्टिनेशन के तौर पर डेवलप करने का काम किया.
रामोजी राव ने फिल्म सिटी को डिजाइन करने की जिम्मेदारी मशहूर आर्ट डायरेकटर नीतीश रॉय को दी. 1997 में यहां तेलुगू फिल्म ‘मां नानाकू पेल्ली’ की शूटिंग हुई, जो यहां शूट हुई पहली फिल्म थी. अब तक यहां करीब 2500 से ज्यादा फिल्म की शूटिंग हो चुकी है.
इस तरह अपना कारोबार खड़ा करने वाले रामोजी राव की टोटल नेटवर्थ 2021 में करीब 4.5 अरब डॉलर यानी करीब 37,584 करोड़ रुपए आंकी गई थी.