राहुल गांधी की वो विदेश यात्राएं, जो पिछले 7 सालों में अलग-अलग वजहों से रहीं विवादों में
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का विदेश जाना, बयान देना और फिर उस पर विश्लेषण और विवाद का एक नया दौर शुरू हो जाना. मिसाल के तौर पर:-
”आरएसएस मानता है कि भारत एक विचार है जबकि हम मानते हैं कि भारत कई विचारों से बना है”
2024 के चुनाव के बाद बीजेपी का डर समाप्त हो गया है.”
ये कुछ ऐसे ही बयान हैं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के. जो फिलहाल तीन दिन के अमेरिकी दौरे पर हैं. नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद वो पहली बार यूएस गए हैं. जहां यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के एक कार्यक्रम में वो बीजेपी और आरएसएस पर हमलावर दिखें. हालांकि विदेश यात्राओं के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और आरएसएस पर गांधी का ये पहला तंज नहीं है.
चाहे वह जर्मनी हो, ब्रिटेन या फिर सिंगापुर राहुल गांधी का ज्यादातर विदेशी दौरा विवादों में रहा है. बीजेपी या उसका आईटी सेल राहुल की बातचीत के किसी खास हिस्से को देश और लोकतंत्र का मजाक बताते हुए पेश करती रही है. जिसे भाजपा भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किरकिरी कहती है, कांग्रेस उसे कई बार तथ्य और बातों को तोड़-मरोड़ कर विवाद बनाने के आरोप जड़ती रही है.
आइए पिछले कुछ वर्षों में हुए राहुल गांधी के विदेशी दौरों पर एक नजर डालें, और यह भी समझें कि विवाद किस बात पर हुआ और राहुल ने कहा क्या था.
मार्च 2023, ब्रिटेन
राहुल गांधी पिछले साल मार्च महीने में ब्रिटेन दौरे पर थे. कैम्ब्रिज जज बिजनेस स्कूल में विजिटिंग फेलो के रूप में ‘लर्निंग टू लिस्निंग’ यानी सुनना सीखने के विषय पर छात्रों को लेक्चर दिया. इस दौरान उन्होंने बेरोजगारी, महंगाई, चीन, मीडिया सहित विवादास्पद पेगासस जासूसी मुद्दे का जिक्र किया.
राहुल ने आरोप लगाया कि इजरायली स्पाइवेयर पेगासस उनके सहित बड़ी संख्या में राजनेताओं के फोन पर इंस्टॉल किया गया था. ये भी दावा किया कि बहुत से खुफिया अधिकारियों ने उन्हें फोन पर सावधानी बरतने को कहा. उनके इस बयान के चलते बीजेपी समेत कई विपक्षी नेताओं से आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था.
मई 2023, अमेरिका
राहुल गांधी का ये अमेरिका दौरा ऐसे समय में हुआ था जब कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कामयाबी से पार्टी का मनोबल बढ़ा था. राहुल गांधी ने इस दौरे में भी हर मंच पर पीएम मोदी और उनकी सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है. उन्होंने अल्पसंख्यकों,दलितों और अन्य लोगों पर कथित हमलों का भी जिक्र किया. उस वक्त भी बीजेपी ने कहा कि राहुल गांधी ने भारत की छवि को बदनाम करना अपना काम बना रखा है.
सितंबर 2023, यूरोपीय देशों का दौरा
पिछले साल 2023 में ही राहुल सितंबर महीने में 5 दिन के यूरोप दौरे पर गए थे. जिसमें फ्रांस, बेल्जियम, नीदरलैंड और नॉर्वे शामिल था. राहुल गांधी का यह दौरा उस समय हुआ जब देश की राजधानी दिल्ली में जी20 समिट हो रहा था. शिखर सम्मेलन समाप्त होने के एक दिन बाद 11 सितंबर को वह भारत लौट आए.
मई 2022, ब्रिटेन, सीबीआई-ईडी की पाक से तुलना
राहुल गांधी उस वक्त भी ब्रिटेन के दौरे पर थे. यूके में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में आइडियाज फॉर इंडिया सम्मेलन के दौरान, राहुल गांधी बीजेपी और पीएम मोदी के खिलाफ कई हमले किए और देश में “निजी क्षेत्र के एकाधिकार” को बढ़ावा देने के लिए सरकार पर हमला बोला. उन्होंने CBI और ED का हवाला देते हुए भारत सरकार की तुलना पाकिस्तान सरकार से की थी. जिस पर भारत में काफी बवाल हुआ.
दिसंबर 2020, इटली, पार्टी के स्थापना दिवस में नहीं हुए शामिल
राहुल गांधी की आलोचना इस बात पर अक्सर होती है कि वो बार-बार ऐसे मौकों पर विदेश यात्राओं पर चले जाते हैं जब उनकी पार्टी को उनकी सख्त जरूरत होती है.उन पर आरोप लगता है कि वे व्यक्तिगत जीवन को राजनीतिक जीवन से ज्यादा तवज्जो देते हैं.
ऐसा ही कुछ 2020 में हुआ जब राहुल गांधी नानी से मिलने इटली गए थे. 28 दिसंबर को हर साल कांग्रेस का स्थापना दिवस मनाया जाता है. 2020 में 136वें स्थापना दिवस था जिसमें राहुल शामिल नहीं हो पाए थे. वो इस कार्यक्रम के ठीक एक दिन पहले इटली के लिए रवाना हुए. सवाल पूछे जाने पर कांग्रेस के तमाम नेता इस पर बचाव की मुद्रा में नजर में आए. कहा कि राहुल की नानी बीमार है.
2022 के शुरूआती महीनों में पंजाब, गोवा, उत्तराखंड, मणिपुर और यूपी में चुनाव हुए. जिसमें कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा. इसके बाद कई कांग्रेस नेताओं ने इसे राहुल के विदेशी दौरे से जोड़ा. उस वक्त भी राहुल इटली गए थे. उन पर आरोप लगा कि उन्होंने इटली जाने के लिए लिए पंजाब में रैली को कैंसिल करवा दिया.
दिसंबर 2019, दक्षिण कोरिया
2019 में देश भर में सीएए यानी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे थे. कांग्रेस पार्टी इस मसले पर बीजेपी का विरोध कर रही थी लेकिन राहुल गांधी इस बीच साउथ कोरिया की यात्रा पर निकल गए. यही वजह रही कि कांग्रेस पार्टी को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. हालांकि, पार्टी की तरफ से सफाई दी गई कि ये यात्रा पहले से प्लांड थी.
अक्टूबर 2019, चुनाव से पहले कंबोडिया
हरियाणा और महाराष्ट्र में होने वाले चुनाव से सिर्फ 15 दिन पहले राहुल गांधी कंबोडिया चले गए थे. BJP ने कहा कि राहुल गांधी पर्सनल टूर पर बैंकॉक गए हैं. वहीं, कांग्रेस ने कहा कि वे मेडिटेशन के लिए कम्बोडिया गए हैं.
वहीं साल 2018 में भी कर्नाटक चुनाव के ठीक बाद राहुल गांधी पूर्व कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के साथ विदेश यात्रा पर गए जिसकी वजह से कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन में बनी सरकार को पोर्टफोलियो बंटवारे में देरी का सामना करना पड़ा.
जर्मनी, 2018 और मलेशिया 2018
राहुल गांधी उस साल जर्मनी के हैम्बर्ग में थे. जहां उन्होंने अपने भाषण के दौरान भारत में महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा और देश में बढ़ रही लिंचिंग का मुद्दा उठाया. राहुल गांधी ने देश में लिंचिंग की घटनाओं को ‘बेरोजगारी की वजह से लोगों में पैदा हुए गुस्से’ से जोड़ा था, जिस पर वो बीजेपी के निशाने पर थे. उसी साल राहुल मलेशिया के दौरे पर भी पहुंचे थे जहां उन्होंने कहा कि अगर मैं पीएम होता तो नोटबंदी की फाइल फेंक देता. नोटबंदी नहीं होनी चाहिए.
2018, सिंगापुर, बीजेपी पर साधा निशाना
ली कुआन यू स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी की सिंगापुर यात्रा के दौरान, राहुल गांधी ने एक और विवाद खड़ा कर दिया. उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि एक अलग तरह की राजनीति होती है जो न केवल भारत में हो रही है बल्कि कई जगहों पर हो रही है. लोगों को बांटने की और चुनाव जीतने के लिए उनके गुस्से का इस्तेमाल करने की और यह भारत में भी हो रहा है.
अगस्त 2018, लंदन, आरएसएस पर हुए हमलावर
सिंगापुर के दौरे के बाद लंदन दौरे पर गए थे. जहां उन्होंने आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा है कि आरएसएस भारत की संस्थाओं पर कब्जा करना चाहता है और आरएसएस की सोच अरब देशों की मुस्लिम ब्रदरहुड जैसी है. वहीं कांग्रेस भारत के लोगों को जोड़ने का काम करती है. भाजपा ने उस वक्त कहा था कि राहुल गांधी को सुपारी लेकर हिंदुस्तान को खत्म करने की कोशिश बंद करना चाहिए. और माफी की भी मांग की.
2017, 2 हफ्ते के अमेरिका दौरे पर
2017 में राहुल गांधी अमेरिका के 2 हफ्ते के दौरे पर गए थे. अमेरिका में राहुल ने भारत में बढ़ती हिंसक घटनाओं को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा. राहुल ने विदेश में जाकर यह बात इसलिए कही क्योंकि 2017 में सितंबर में बेंगलुरु में एक पत्रकार गौरी लंकेश कि उनके घर में ही हत्या कर दी गई थी. कुछ ही महीने बाद गुजरात, हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने थे. हालांकि, दोनों राज्यों में कांग्रेस पार्टी चुनाव हार गई थी.