रिजल्ट जारी करते समय छात्रों की पहचान छिपाएं… NEET पेपर मामले में सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बातें

नीट पेपर मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा कि नए सिरे से परीक्षा कराने के लिए ठोस आधार होना चाहिए कि पूरी परीक्षा की शुचिता प्रभावित हुई है. पूरा देश इस मामले पर सुनवाई का इंतजार कर रहा है. इसके सामाजिक प्रभाव हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को 20 जुलाई दोपहर 12 बजे तक सेंटर और सिटी वाइज रिजल्ट घोषित करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने ये भी कहा है कि सेंटर वाइज परिणाम घोषित करते समय छात्रों की पहचान छिपाई जानी चाहिए. इस मामले में आगे की सुनवाई सोमवार सुबह 10.30 बजे से होगी. आइए जानते हैं गुरुवार को हुई मामले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?

सीजेआई ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि हजारीबाग और पटना में पेपर लीक हुआ है. याचिकाकर्ताओं से कहा कि आपको बताना है कि पेपर लीक हुआ या नहीं. आप हमें कुछ ठोस आधार दें. याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि 550 से 720 अंक पाने वाले छात्रों की संख्या में 77 हजार की वृद्धि हुई है.
सीजेआई ने याचिकाकर्ताओं ने पूछा कि 2022 में कितने छात्र परीक्षा में शामिल हुए थे? इस पर जवाब दिया गया कि 17 लाख 54 से ज्यादा छात्रों ने परीक्षा में शामिल हुए थे.
सुप्रीम कोर्ट ने ने एनटीए से पूछा कि दो दिन के लिए फिर से फॉर्म भरने के लिए खोले गए नए विंडो के लिए समय क्यों दिया गया? इस पर एसजी ने कहा कि तीन हजार फिजिकल और 900 मेल के जरिए अर्जी मिलीं, जिसमें लोगों ने कहा था कि तकनीकी वजह से वो फॉर्म नहीं भर पाए. इसलिए यह विंडो खोला गया.
सीजेआई ने एनटीए के वकील एसजी तुषार मेहता से राजस्थान हाईकोर्ट के उस आदेश के बारे में पूछा, जिसका हवाला देते हुए एनटीए ने नए आवेदनों के लिए नई विंडो खोलने का आदेश दिया था. एसजी ने कहा कि हमें लगभग 15 हजार नए आवेदन प्राप्त हुए थे. इन नए 15,094 छात्रों में से, एक लाख आठ हजार मेरिट वाले छात्रो की संख्या में प्रवेश पाने वाले केवल 44 थे. सही प्रक्रिया तो यही थी कि इस प्रक्रिया को 1 लाख 8 हजार लोगों पर लागू किया जाता.
याचिकाकर्ता ने कहा कि हम IIT मद्रास की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं कर सकते. कोर्ट ने पूछा कि क्या IIT मद्रास में काम करने वाला कोई एनटीए का पार्ट है. इस पर एसजी ने कहा की वर्तमान में काम करने वाला कोई नहीं है.
याचिकाकर्ता ने कहा कि IIT मद्रास का एक निदेशक एनटीए की गवर्निंग बॉडी में है. सीजेआई ने पूछा कि एनटीए की IIT-JEE में क्या भूमिका है? इस पर एसजी ने कहा कि कोई भूमिका नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप हमें इस बात के लिए संतुष्ट कीजिए कि पेपर लीक सुनियोजित और बड़े पैमाने पर हुआ है. परीक्षा रद्द होनी चाहिए. याचिकाकर्ता के वकील संजय हेगड़े ने कहा कि मैं ऐसे व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करता हूं, जो दोबारा परीक्षा चाहता है.
सीजेआई ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि पहले फैक्ट्स पर बात करें. अगर 1 लाख 8 हजार लोगों को एडमिशन मिलता है और बाकी 22 लाख लोगों को नहीं मिलता तो इसका मतलब ये तो नहीं कि पूरी परीक्षा को रद्द कर दिया जाए? मामले में जांच जारी है. CBI ने जो हमें बताया है अगर वो सार्वजनिक होता है तो इसमें शामिल लोग जांच को लेकर सावधान हो जाएंगे.
नीट-यूजी से जुड़ी याचिकाओं से पहले सूचीबद्ध मामलों की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने स्थगित कर दी. कोर्ट ने कहा कि आज हम मामले पर सुनवाई करेंगे. लाखों छात्र इसका इंतजार कर रहे हैं. हमें सुनवाई करने और निर्णय लेने दीजिए.
सीजेआई ने कहा कि दोबारा परीक्षा कराने के लिए ठोस आधार होना चहिए कि पूरी परीक्षा की शुचिता प्रभावित हुई है.

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने 5 मई को नीट-यूजी परीक्षा कराई थी. इसमें 23.33 लाख से अधिक छात्रों ने 571 शहरों के 4 हजार 750 केंद्रों पर परीक्षा दी थी. इसमें 14 विदेशी शहर भी थे.

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