रूस ने भारत को ‘शांतिदूत’ बताया, लेकिन अमेरिका को कड़ी चेतावनी दी

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका को यह समझना चाहिए कि यूक्रेन युद्ध में उसकी रेड लाइन क्या है. बुधवार को रूस की समाचार एजेंसी तास (TASS)से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका अब रूस के प्रति संयम की भावना खोता जा रहा है, जो कि दोनों देशों के रिश्तों के लिए सही नहीं है. इंटरव्यू में लावरोव ने आरोप लगाया कि अमेरिका ने यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति करने के मामले में रेड लाइन पार कर दी है.
अमेरिका को चेतावनी
रूस के विदेश मंत्री ने इंटरव्यू में कहा कि अमेरिका को यह समझ लेना चाहिए कि रूस की रेड लाइन ऐसी नहीं है ,जिससे खिलवाड़ किया जा सके और वे यह अच्छी तरह से जानते हैं. लावरोव ने कहा कि अमेरिका का यह कदम रूस और अमेरिका के बीच गंभीर तनाव को बढ़ावा दे सकता है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते है.
लावरोव ने कहा कि यदि अमेरिका यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई करता रहेगा और अपने रुख से पीछे नहीं हटेगा, तो रूस भी अपने हितों की रक्षा के लिए कठोर कदम उठाएगा, जो वैश्विक स्थिरता के लिए सही नहीं होगा.
रूस की नाराजगी का कारण
हाल के कुछ महीनों में, यूक्रेन ने अमेरिकी हथियारों का उपयोग करके रूस के अंदर हमला किया है, जिससे रूस को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. ये हमले अब बढ़ते ही जा रहे हैं. कुछ दिन पहले, यूक्रेन ने रूस की सीमा के अंदर कुर्स्क नामक टाउन को अपने कब्जे में ले लिया था, जिससे कि वैश्विक स्तर पर यह संदेह गया कि रूस इस युद्ध में पिछड़ रहा है. रूस के विदेश मंत्री का बयान को इन सब घटना क्रम से जोड़ के देखा जा रहा है.
यूक्रेन युद्ध और अमेरिका
यूक्रेन में जारी संघर्ष ने वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है. 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद से पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को व्यापक सैन्य और आर्थिक सहायता प्रदान की है. विशेष रूप से अमेरिका ने यूक्रेन को बड़े पैमाने पर सैन्य सहायता प्रदान की है, जिसमें हथियार, गोला-बारूद और अन्य उपकरण शामिल हैं. रूस ने इसे अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के लिए एक गंभीर खतरा माना है, अमेरिकी और यूरोपीय के सैन्य सहायता के कारण रूस को इस युद्ध में वह सफलता नहीं मिली जिसकी उसने उम्मीद की थी. ढाई साल बाद भी यह युद्ध जारी है.

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