रोहित के एक फैसले ने तोड़ दिया इस खिलाड़ी का दिल, 7 साल के करियर में फिर नहीं मिला ये खास मौका
भारत और बांग्लादेश के बीच दो मैचों की टेस्ट का दूसरा मैच कानपुर में खेला जा रहा है. ग्रीन पार्क स्टेडियम में हो रहे इस मुकाबले में टीम इंडिया ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया है. बता दें, साल 2021 के बाद कानपुर में भारतीय टीम का ये पहला टेस्ट मैच है. सीरीज में 1-0 की बढ़ बना चुकी भारतीय टीम ने इस मुकाबले की प्लेइंग 11 में कोई बदलाव नहीं किया है. कप्तान रोहित शर्मा के इस फैसले से टीम के एक खिलाड़ी को बड़ा झटका लगा है.
रोहित के एक फैसले ने तोड़ दिया इस खिलाड़ी का दिल
कानपुर टेस्ट में उम्मीद की जा रही थी कि भारतीय टीम प्लेइंग 11 में बदलाव के साथ उतर सकती है. स्टार स्पिनर कुलदीप यादव इस मुकाबले में खेलने के बड़े दावेदार माने जा रहे हैं, क्योंकि ये उनका होम ग्राउंड भी है. लेकिन इस लोकल बॉय को मुकाबले में खेलने का मौका नहीं मिला, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया. कुलदीप यादव इससे पहले चेन्नई टेस्ट में भी अपनी जगह नहीं बना सके थे. इस बाद भी वह खेलने से चूक गए.
7 साल से इस खास पल का इंतजार
कुलदीप यादव कानपुर के ही रहने वाला हैं. वह भारतीय टीम के लिए तीनों फॉर्मेट खेलते हैं. लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि उन्होंने अपने होम ग्राउंड पर अभी तक एक भी इंटरनेशनल मैच नहीं खेला है. कुलदीप यादव पिछले 7 साल से टीम इंडिया का हिस्सा हैं, इस दौरान उन्होंने 12 टेस्ट मैच, 106 वनडे और 40 टी20 मैच खेले हैं. मगर वह कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में एक भी इंटरनेशनल मैच नहीं खेल सके हैं.
कुलदीप यादव का प्रदर्शन तीनों ही फॉर्मेट में काफी शानदार रहा है. टेस्ट में उन्होंने अभी तक 53 विकेट चटकाए हैं. वहीं, वनडे में वह 172 विकेट हासिल कर चुके हैं. टी20 की बात की जाए तो उन्होंने 69 विकेट अपने नाम किए हैं. वह टी20 वर्ल्ड कप 2024 की विजेता टीम का भी हिस्सा थे.
कानपुर में टीम इंडिया के शानदार आंकड़े
कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम में टीम इंडिया का ये 24वां टेस्ट मैच है. इससे पहले खेले गए 23 टेस्ट मैचों में टीम इंडिया का दबदबा देखने को मिली है. इस दौरान टीम इंडिया ने 7 मैच जीते हैं और 3 मैचों में उसे हार मिली है. वहीं, 13 मुकाबले ड्रॉ रहे हैं. टीम इंडिया ने इस ग्राउंड पर आखिरी टेस्ट मैच साल 1983 में हारा था. तब वेस्टइंडीज ने टीम इंडिया को पारी और 83 रनों हराया था. यानी टीम इंडिया पिछले 41 सालों में यहां एक भी टेस्ट मैच नहीं हारी है.