लंदन से 100 टन सोना स्वदेश लाई RBI, ऐसे पहुंचा भारत, जानें कहां रखा जाएगा

भारत अपनी इकोनॉमी को मजबूत रखने के लिए लगातार अपना गोल्ड रिजर्व बढ़ाता रहता है. देश के गोल्ड रिजर्व को मेंटेन करने का काम भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) करता है, जो देश के विदेशी मुद्रा भंडार का ही हिस्सा होता है. भारत का गोल्ड रिजर्व इस समय 800 टन से ज्यादा है, लेकिन इसमें करीब 300 टन पहले से देश में है. तो फिर देश का बाकी गोल्ड कहां है? किस तिजोरी में इसे रखा गया है? तो हकीकत ये है कि ये गोल्ड मुख्य तौर पर ब्रिटेन और अमेरिका में रखा है. इसी में से करीब 100 टन सोने को आरबीआई ने लंदन से भारत लाने का काम किया है.
अब सवाल ये है कि 100 टन सोन को एक देश से दूसरे देश मूव कराना जरा भी आसान काम नहीं है. इसके लिए सिक्योरिटी भी जबरदस्त चाहिए. यकीन मानिए जब इस 100 टन सोने को लंदन से भारत लाया गया होगा, तब इसकी सिक्योरिटी किसी भी सूरत में अमेरिका के प्रेसिडेंट से कम नहीं रही होगी. चलिए बताते हैं कि आखिर ये सोना भारत कैसे पहुंचा?
33 साल पहले भारत ने मूव किया था इतना सोना
इससे पहले भारत ने इतनी बड़ी मात्रा में सोना 1991 में तब मूव किया था, जब भारत की अर्थव्यवस्था आजादी के बाद अपने सबसे बुरे दौर में थी. तब प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की सरकार को भारत का 47 टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ जापान के पास गिरवी रखना पड़ा था, ताकि आर्थिक संकट से निपटा जा सके. इस घटना के बाद ही देश में लिबरलाइजेशन जमीन तैयार हो सकी थी.
और, फिर जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री बने, तो देश की इकोनॉमी ने उदारीकरण का रास्ता अपनाया और इतिहास की करवट ही बदल गई. देश के लिए तरक्की की एक नई राह खुल गई. हालांकि मौजूदा घटना इससे उलट है. अबकी बार आरबीआई ने 100 टन सोने का मूवमेंट किसी आर्थिक संकट से निपटने के लिए नहीं किया है, बल्कि ये भारत की आर्थिक मजबूती को दिखाता है.
कैसे भारत पहुंचा 100 टन सोना?
भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के अधिकतर देश अपने गोल्ड रिजर्व को लंदन या अन्य देशों में रखते हैं. अब आरबीआई इसी को बदलने की कोशिश कर रहा है और अपने सोने को स्वदेश वापस लेकर आ रहा है. अब बात करें 100 टन गोल्ड की, तो ये इतना वजनी हो गया जितना कि 10 ट्रक का वजन. वहीं इसकी टोटल वैल्यू भी करीब 8.5 अरब डॉलर होगी.
ऐसे में जब इस सोने को एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जाएगा, तो दुनिया के बड़े-बड़े चोरों की नजर भी इस पर रहेगी. आप सभी ने ‘इटैलियन जॉब’ या अभिषेक बच्चन की ‘प्लेयर’ फिल्म तो देखी ही होगी, तो आपको अंदाजा होगा कि सोने की चोरी कैसे-कैसे की जा सकती है. इसलिए भारतीय रिजर्व बैंक ने 100 टन सोने को एक बार में नहीं, बल्कि कई छोटी-छोटी किस्तों में इसे मूव किया. जैसे हाल में आई करीना कपूर की नई ‘क्रू’ फिल्म में फ्लाइट अटेंडेंड के माध्यम से थोड़ी-थोड़ी मात्रा सोने को विदेश पहुंचाया जाता है.
रिपोर्ट्स बताती हैं कि आरबीआई का ये सोना भारत पहुंचाने में वायुसेना से लेकर वित्त मंत्रालय और अन्य कई सरकारी विभागों और अधिकारियों के बीच बेहतर तालमेल ने मदद की. भारत की वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर III एयरक्राफ्ट से ही इस सोने को हिंदुस्तान की सरजमीं पर लाया जा सका.
वैसे अगर इस गोल्ड को भारत लाने के दौरान की सिक्योरिटी की बात करें, तो निश्चित तौर पर बैंक ऑफ लंदन से लंदन के एयरपोर्ट तक इसे हाई सिक्योरिटी वॉल्ट में पहुंचाया गया होगा. वहीं इसे भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच ऐसे ट्रक्स में लोड करक ले जाया गया होगा, जो आर्मर्ड (बख्तरबंद टाइप) थे. इन ट्रकों पर गोली से लेकर बम तक का असर नहीं हो सकता है. भारत में भी इन्हें हाई सुरक्षा के बीच ही आरबीआई की तिजोरियों तक पहुंचाया गया. लंदन से लेकर भारत तक में भारतीय सुरक्षा कमांडोज ने इसकी सुरक्षा का काम किया, ये ठीक वैसा ही है जब अमेरिका के राष्ट्रपति के मूवमेंट से पहले सिक्योरिटी चेक होता है.
C-17 Globemaster III की ताकत
जिस C-17 Globemaster III एयरक्राफ्ट से इस सोने को भारत लाया गया, वह भारत का सबसे भारी मालवाहक है. ये एक बार में 80 टन वजन तक ला सकता है, जो 2 T-90 टैंक या 130 सैनिकों के बराबर होता है. भारतीय वायुसेना के पास ऐसे करीब 11 जहाज हैं. यमन, अफगानिस्तान से लेकर यूक्रेन तक संकट के हालातों में इस जहाज की मदद से ही भारतीयों की स्वदेश वापसी कराई जा सकी.
नोटबंदी के दौरान जब भारी मात्रा में 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों का अंबार लग गया था. तब भी आरबीआई ने इन्हीं जहाजों की मदद से पुराने नोटों का मूवमेंट किया था. ऐसे में उसके इस ‘सुनहरे मिशन’ के लिए इससे बेहतर सारथी कौन हो सकता था.
किस तिजोरी में रखा है भारत का सोना?
भारतीय रिजर्व बैंक देश में सोने को मुख्य तौर पर मुंबई और नागपुर के वॉल्ट (तिजोरी) में रखता है. जो 100 टन सोना भारत वापस लाया गया है उसे भी इन्हीं सोने की तिजोरियों में रखा गया है. इस तरह भारत में उसका कुल 408 टन सोना है. आरबीआई ने लंदन से सोने को भारत वापस लाने का निर्णय इसलिए किया, क्योंकि विदेशों में उसका गोल्ड रिजर्व बढ़ रहा था. वहीं इस कदम से उसे अपने सोने के स्टोरेज को डायवर्सिफाई करने में भी मदद मिलेगी.
दुनिया के अधिकतर देश इस समय सोने में अपना निवेश बढ़ा रहे हैं. खासकर के जब से रूस पर पश्चिमी देशों ने प्रतिबंध लगाए हैं, तब से चीन से लेकर सिंगापुर तक ने अपने सोने के भंडार को बढ़ा दिया है.

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