लखनऊ अवैध धर्मांतरण मामले में 12 दोषियों को मिली उम्रकैद की सजा, NIA-ATS कोर्ट ने सुनाया फैसला

लखनऊ अवैध धर्मांतरण मामले में मौलाना उमर गौतम व मौलाना कलीम सिद्दीकी को मिलाकर कुल 12 आरोपियों को दोषी पाए जाने पर स्पेशल एनआईए-एटीएस कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है. इसके अलावा बाकी को 4 आरोपियों को अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई है. इन आरोपियों के नाम राहुल भोला, मन्नू यादव, कुणाल अशोक चौधरी और सलीम है. कोर्ट ने इन सभी को मंगलवार को दोषी करार दिया था.
ये सजा स्पेशल जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी आज सभी दोषियों को सजा सुनाएंगे. मामले में उत्तर प्रदेश एटीएस ने कहा था कि मौलाना कलीम सिद्दीकी, उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर आलम पूरे देश में अवैध धर्मांतरण का रैकेट चलाते थे. इस आरोप के तहत सभी को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 417, 120b, 153a, 153b, 295a, 121a, 123 और अवैध धर्मांतरण कानून की धारा कई धाराओं के तहत दोषी करार दिया गया.
एक आरोपी ने लिया था स्टे
इस मामले में कुल 17 आरोपी थे, जिनमें से 16 दोषी करार दिए गए हैं. 17वें आरोपी इदरीस कुरैशी को सजा इसलिए नहीं हुई क्योंकि उसे इलाहाबाद हाई कोर्ट से स्टे मिल हुआ है.
यूपी एटीएस ने सभी के खिलाफ जून 2021 में इस मामले पर एफआईआर दर्ज की थी. इसके बाद में उसी साल सितंबर में जांच के बाद एजेंसी ने सिद्दीकी को मेरठ से गिरफ्तार कर लिया था. वहीं एटीएस ने दावा किया था कि ये देश भर में सबसे बड़ा धर्मांतरण करने का सिंडिकेट चलाता है. इस पर एटीएस का कहना था कि एक ट्रस्ट में हवाला के जरिए चंदा आता है, इसे वो खुद ऑपरेट करता था.
धर्मांतरण के लिए कई देशों से मिला फंड
इसके साथ ही एटीएस को जांच में पता चला कि बहरीन से अवैध रूप से 1.5 करोड़ रुपए और अन्य खाड़ी देशों से 3 करोड़ रुपए का फंड भी आया है. एटीएस ने आगे बताया कि कलीम ने इस्लामिक दावाह सेंटर (IDC) में धर्मांतरण की गतिविधियों में उमर और मुफ्ती काजी की मदद भी की.
चल रहा था धर्मांतरण का रैकेट
मौलाना कलीम वलीउल्लाह नाम से एक ट्रस्ट भी ऑपरेट करता था. ये गिरोह पूरे देश में सामाजिक सद्भाव के नाम पर कार्यक्रम चलाता था. लेकिन इसकी आड़ में धर्मांतरण का रैकेट चलाता था. वहीं, ईडी ने भी एटीएस केस के आधार पर जून 2021 में मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी और इस्लामिक दावा सेंटर (आईडीसी) के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत मामला दर्ज कर लिया था.
ये भी पढ़ें- ज्ञानवापी मस्जिद के गुंबद के नीचे शिवलिंग है हिंदू पक्ष ने कोर्ट से की एएसआई सर्वे की मांग

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *