लाइन पर आए चीन-पाक, मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में भारत से कर रहे ये उम्मीद
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में पाकिस्तान और चीन भारत से संबंध सुधारने की उम्मीद कर रहे हैं. पाकिस्तान ने तो यहां तक कह दिया है कि वो दुश्मनी में विश्वास नहीं करता है. पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने भारत को एक पॉजिटिव मैसेज भेजते हुआ कहा कि उनका देश शत्रुता में विश्वास नहीं करता है. उन्होंने मोदी सरकार से संबंधों में पर शांतिपूर्वक विचार करने की अपील की. 74 वर्षीय पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) नेता ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा पड़ोसियों से अच्छे संबंधों की मांग करता है.
उन्होंने कहा कि भारत के साथ संबंध ऐतिहासिक रूप से अशांत रहे हैं. पाकिस्तान सतत शत्रुता में विश्वास नहीं रखता. हम आपसी सम्मान, संप्रभु समानता और लंबे समय से चले आ रहे जम्मू-कश्मीर विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के आधार पर भारत के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं. विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने के पक्ष में रहा है. पाकिस्तान कभी भी एकतरफा दृष्टिकोण या भारत की इच्छा को लागू करने के प्रयासों पर सहमत नहीं होगा.
5 अगस्त 2019 को कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद भारत और पाकिस्तान के संबंधों में और कड़वाहट आई है. इस फैसले पर इस्लामाबाद का मानना था कि इसने पड़ोसियों के बीच बातचीत के माहौल को कमजोर कर दिया है. भारत कहता रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य संबंधों की इच्छा रखता है. वह इस बात पर भी जोर देता रहा है कि आतंकवाद और बातचीत दोनों एकसाथ नहीं हो सकती है.
पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान दक्षिण एशिया में रणनीतिक स्थिरता बनाए रखने के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा.
उन्होंने कहा कि हमारे विचार में यह भारत-पाकिस्तान संबंधों के भविष्य और पूरे क्षेत्र को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने का समय है.
एस जयशंकर की चीनी राजदूत से मुलाकात
उधर विदेश मंत्री एस जयशंकर की चीनी राजदूत जू फीहोंग से मुलाकात हुई है. बैठक के दौरान भारत-चीन संबंधों में स्थिरता और प्रगति में साझा हित पर जोर दिया. विदेश मंत्री लगातार कहते रहे हैं कि जब तक सीमावर्ती इलाकों में शांति नहीं होगी तब तक चीन के साथ भारत के रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते.
जयशंकर के साथ बैठक के बाद चीनी राजदूत ने कहा कि वह चीन-भारत संबंधों को सही दिशा में आगे बढ़ाने के लिए भारतीय पक्ष के साथ काम करने को उत्सुक हैं. भारत में चीनी राजदूत का पद लगभग 18 महीने तक खाली रहने के बाद जू 10 मई को दिल्ली पहुंचे. जून 2020 में गलवान घाटी में झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में गिरावट आई. दोनों देशों में कई दौर की सैन्य बातचीत भी हो चुकी है. दोनों पक्षों ने 2021 में पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी तटों और गोगरा क्षेत्र में सैनिकों की वापसी पर सहमति बनाई.