लाओस में अमेरिका के विदेश मंत्री ब्लिंकन से मिले प्रधानमंत्री मोदी …मिल्टन तूफान से हुई जनहानि पर व्यक्त की संवेदनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए लाओस के दौरे पर हैं. आज शुक्रवार को इस शिखर सम्मेलन के इतर उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की. प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका में तूफान मिल्टन के कारण हुई जनहानि पर ब्लिंकन को अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं.
मिल्टन तूफान के कारण अमेरिका में जान-माल का काफी नुकसान हुआ है. अभी तक इस तूफान से 14 लोगों की मौत हुई है. अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य में इस तूफान का सबसे ज्यादा असर देखने को मिला, जहां करीब 20 लाख लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं.
अमेरिकी राष्ट्रीय तूफान केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, फ्लोरिडा से टकराते समय मिल्टन स्तर पांच का तूफान था, जो सबसे खतरनाक होता है. इसकी गति 195 किलोमीटर प्रति घंटे थी, लेकिन जब यह तूफान फ्लोरिडा के सिएस्टा शहर से टकराया तो इसकी गति में कमी आई. गुरुवार की सुबह तक इसकी गति कम होकर 150 किलोमीटर प्रति घंटे हो गई है. फिलहाल इसका असर कम होता दिख रहा है और अब यह स्तर 1 के तूफान में बदल गया है.
तूफान यागी पर संवेदना व्यक्त की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में तूफान यागी से प्रभावित लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की. इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के महत्व पर जोर दिया और कहा कि एक स्वतंत्र, मुक्त, समावेशी, समृद्ध और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत पूरे क्षेत्र की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है. दक्षिण चीन सागर में शांति, सुरक्षा और स्थिरता पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र के हित में है.
म्यांमार पर आसियान का समर्थन
म्यांमार के हालात पर प्रधानमंत्री ने कहा कि हम म्यांमार की स्थिति पर आसियान के दृष्टिकोण का समर्थन करते हैं. हमारा मानना है कि मानवीय सहायता जारी रखना महत्वपूर्ण है. वैश्विक स्तर पर बढ़ती हिंसा पर अपने विचार रखते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में चल रहे संघर्षों का सबसे अधिक नकारात्मक प्रभाव ग्लोबल साउथ के देशों पर पड़ रहा है. इसलिए चाहे यूरेशिया हो या पश्चिम एशिया, हर कोई चाहता है कि जल्द से जल्द शांति और स्थिरता बहाल हो.
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि मैं बुद्ध की धरती से आता हूं, इसलिए बार-बार कहता रहा हूं कि यह युद्ध का युग नहीं है. समस्याओं का समाधान युद्ध के मैदान से नहीं निकल सकता. हमें संवाद और कूटनीति को प्राथमिकता देनी होगी और संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान करना जरूरी है. उन्होंने आतंकवाद को वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बताया और इसका सामना करने के लिए मानवता में विश्वास रखने वाली ताकतों को मिलकर काम करने की अपील की.
प्रधानमंत्री का लाओस दौरा
लाओस के प्रधानमंत्री सोनेक्साय सिपांडोन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी लाओस पहुंचे हैं. वह वहां पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं . प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा इस लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी साल भारत अपनी एक्ट ईस्ट पॉलिसी के 10 साल पूरे कर रहा है. 2014 में प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने इस नीति की शुरुआत की थी.
प्रधानमंत्री मोदी ने शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए 10 सूत्रीय एजेंडा पेश किया, जिसका उद्देश्य यह बताना था कि भविष्य में भारत और आसियान देशों का संबंध कैसा होगा और कैसे आसियान एशिया को भविष्य का रास्ता दिखा सकता है.
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर एक्ट ईस्ट पॉलिसी के दशक को मनाने की भी घोषणा की, जिसके तहत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें यूथ समिट और स्टार्टअप फेस्टिवल शामिल हैं. मोदी ने आसियान-भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास कोष के तहत आसियान-भारत महिला वैज्ञानिक सम्मेलन आयोजित करने की भी घोषणा की.