लाओस में शांति-समृद्धि का मंत्र देकर दिल्ली लौट रहे पीएम, दो दिवसीय दौरे में क्या-कुछ रहा खास?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दो दिवसीय लाओस दौरा पूरा हो चुका है. पीएम लाओस की राजधानी वियनतियाने से नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं. प्रधानमंत्री ने गुरुवार को 21वें आसियान-भारत समिट में हिस्सा लिया. उन्होंने 21वीं सदी को भारत और आसियान देशों की सदी बताया. वहीं शुक्रवार को पीएम मोदी ने 19वें ईस्ट एशिया समिट में शिरकत की.
ईस्ट एशिया समिट के लिए नए अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद पहला संबोधन पीएम मोदी ने दिया. इस दौरान पीएम ने शांति और प्रगति के लिए स्वतंत्र, खुला और नियम आधारित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र पर जोर दिया. उन्होंने दक्षिणी चीन सागर में चीन के आक्रामक रुख की ओर इशारा करते हुए कहा कि हमें विकास पर ध्यान केंद्रित करना है न कि विस्तारवाद पर.
पीएम ने आसियान की एकता का समर्थन करते हुए कहा कि आसियान भारत के इंडो पैसिफिक विजन और क्वाड सहयोग का प्रमुख बिंदु है.वहीं विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री के दौरे को कामयाब बताते हुए लिखा है कि भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी, इंडो-पैसिफिक विजन को मजबूती देने और लाओस के साथ दशकों पुराने संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में पीएम का दौरा महत्वपूर्ण रहा.
थाईलैंड की पीएम शिनावात्रा से मुलाकात
प्रधानमंत्री ने इन दो दिनों में कई देशों के प्रमुखों से मुलाकात की. पीएम मोदी ने शुक्रवार को ईस्ट एशिया समिट के इतर थाईलैंड की पीएम पेतोंगतार्न शिनावात्रा के साथ मुलाकात की. उन्होंने थाईलैंड को एक्ट ईस्ट पॉलिसी का मजबूत स्तंभ बताया और दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के क्षेत्र और BIMSTEC के जरिए करीबी क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की.
थाईलैंड की पीएम शिनावात्रा और प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात.
जापान-थाईलैंड के PM के साथ बैठक
इससे पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने 21वें आसियान-भारत समिट के इतर जापान के पीएम शिगेरु इशिबा के साथ द्विपक्षीय मुलाकात की थी. दोनों नेताओं ने टेक्नोलॉजी, डिफेंस, व्यापार, सुरक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में आपसी साझेदारी को और गहरा करने पर चर्चा की.
न्यूजीलैंड और जापान के पीएम से मिले प्रधानमंत्री मोदी.
वहीं पीएम मोदी ने न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन के साथ भी मुलाकात की. दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने को लेकर चर्चा की. विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक दोनों लीडर्स ने व्यापार, निवेश, रक्षा और सुरक्षा, शिक्षा, एग्री-टेक, क्लाइमेट चेंज, खेल, टूरिज्म और अंतरिक्ष के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की है.
लाओस के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय वार्ता
वहीं मेजबाज देश लाओस के राष्ट्रपति थोंगलुन सिसुलिथ से भी पीएम मोदी ने राजधानी वियनतियाने में मुलाकात की. दोनों देशों के ऐतिहासिक सभ्यतागत संबंधों को रेखांकित करते हुए पीएम ने कहा कि वह दोनों देशों के बीच करीबी साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं.
भारत-लाओस के बीच कई अहम समझौते हुए.
पीएम मोदी और सिसुलिथ ने दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की. साथ ही दोनों देशों को करीब लाने में किस तरह से सांस्कृतिक सहयोग ने भूमिका निभाई इस पर भी चर्चा की गई. प्रधानमंत्री मोदी ने लाओस के राष्ट्रपति को आसियान-इंडिया और ईस्ट एशिया समिट की सफलतापूर्वक मेजबानी के लिए बधाई भी दी.
भारत और लाओस के बीच हुए अहम समझौते
भारत और लाओस के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर MoU पर हस्ताक्षर हुआ.
Lao नेशनल टेलीविजन, लाओस के सूचना संस्कृति और टूरिज्म विभाग और भारत के प्रसार भारती के बीच प्रसारण में सहयोग को लेकर MoU साइन हुआ.
कस्टम मामलों में दोनों देशों के बीच आपसी मदद और सहयोग बढ़ाने पर समझौता हुआ है.
लुआंग प्रबांग प्रांत में लाओ रामायण के फलक-फालम प्रस्तुति के विरासत के संरक्षण को लेकर एक त्वरित-प्रभावशाली प्रोजेक्ट साइन हुआ है.
लुआंग प्रबांग प्रांत के वात फाके मंदिर के पुनिर्निमाण को लेकर क्विक इम्पैक्ट प्रोजेक्ट साइन हुआ.
चाम्पासक प्रांत में शैडो पपेट थियेटर के संरक्षण को लेकर क्विक इम्पैक्ट प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर हुआ.
फूड फोर्टिफिकेशन के जरिए लाओस की न्यूट्रिशन सिक्योरिटी को बेहतर बनाने के लिए भी एक प्रोजेक्ट की घोषणा की गई है, इसके तरहत भारत की ओर से भारत-UN डेवलपमेंट पार्टनरशिप फंड से 1 मिलियन डॉलर की सहायता भेजी जाएगी.