लालू यादव के बेटे सेट पर दामाद दरबदर, भंवर में तेज प्रताप और चिरंजीव का सियासी भविष्य
हरियाणा चुनाव में कांग्रेस के साथ-साथ लालू यादव को भी झटका लगा है. लालू के दामाद चिरंजीव राव रेवाड़ी सीट से हार गए हैं. चुनाव हारने के बाद चिरंजीव के भविष्य को लेकर सवाल उठ रहे हैं. सवाल उठने की 2 वजहें भी हैं.
पहला, चिरंजीव कांग्रेस के जरिए सियासत कर रहे हैं और दूसरा हरियाणा में चिरंजीव के पिता अजय यादव की भूपिंदर सिंह हुड्डा गुट से अदावत जगजाहिर है. हरियाणा के हालिया चुनाव में हारने के बाद भी हुड्डा गुट का दबदबा कायम है. ऐसे में कहा जा रहा है कि चिरंजीव की आगे की राजनीति किस करवट लेगी?
हालांकि, चिरंजीव लालू के एकमात्र दामाद नहीं हैं, जिनका सियासी भविष्य भंवर में फंसा हुआ है. लालू के एक और दामाद तेज प्रताप भी सियासत में दरबदर हुए पड़े हैं. दिलचस्प बात है कि दामाद के साथ ही सियासत में आने वाले लालू के दो बेटे राजनीति में अब लगभग सेट हो चुके हैं.
तेज और तेजस्वी सियासत में मजबूत
2014 में लालू यादव ने अपने दोनों बेटे को सक्रिय राजनीति में लॉन्च किया था. 2015 में पहली बार तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव सियासी अखाड़े में उतरे. तेजस्वी बिहार की परंपरागत राघौपुर से और तेज प्रताप महुआ से चुनाव लड़े. दोनों जीतकर सदन पहुंचे.
नीतीश कैबिनेट में तेजस्वी को डिप्टी सीएम और तेज प्रताप को मंत्री बनाया गया. तेजस्वी इसके बाद बिहार की सियासत में मजबूत होते गए. 2020 के चुनाव में आरजेडी ने तेजस्वी को सीएम फेस घोषित किया. 2020 में भी लालू के दोनों बेटे विधायकी जीतने में कामयाब रहे.
2022 में जब लालू यादव की पार्टी से नीतीश ने गठबंधन किया, तब महागठबंधन की सरकार में तेजस्वी डिप्टी सीएम और तेज प्रताप मंत्री बनाए गए. वर्तमान में लालू यादव के दोनों बेटे बिहार की राजनीति में मजबूत स्थिति में हैं.
दो दामाद राजनीति में, दोनों दरबदर
लालू यादव के दो दामाद सक्रिय तौर पर राजनीति में हैं. अनुष्का यादव के पति चिरंजीव राव हरियाणा में कांग्रेस के जरिए राजनीति करते हैं, जबकि सबसे छोटी बेटी राजलक्ष्मी के पति तेज प्रताप समाजवादी पार्टी के जरिए यूपी की राजनीति करते हैं.
चिरंजीव विधायक और तेज प्रताप सांसद रह चुके हैं, लेकिन फिलहाल दोनों के फ्यूचर पर संकट है. तेज प्रताप 2019 के बाद से किसी भी सदन में नहीं जा पाए हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में तेज प्रताप को अखिलेश ने कन्नौज से मैदान में उतारा था.
कन्नौज सपा का गढ़ माना जाता है. हालांकि, आखिर वक्त में तेज प्रताप की जगह अखिलेश ने खुद नामांकन दाखिल कर दिया. सपा ने अब तेज प्रताप को करहल सीट से उम्मीदवार बनाया है. अखिलेश यहां से विधायक रहे हैं.
बात चिरंजीव राव की करें तो चिरंजीव 2019 में रेवाड़ी सीट से विधायक चुने गए थे. इस बार भी कांग्रेस ने उन्हें इसी सीट से उम्मीदवार बनाया था. हालांकि, वे जीत दर्ज नहीं कर पाए.
चिरंजीव के लिए लालू यादव और उनके बेटे तेज प्रताप ने प्रचार किया था. लालू ने वीडियो कॉल से अपने दामाद को वोट देने की अपील की थी. हालांकि, लालू की अपील भी काम नहीं आई.
लालू की बेटी भी सियासत में अनफिट
लालू यादव की दो बेटी राजनीति में हैं. मीसा भारती तीसरी बार चुनाव लड़कर पाटलीपुत्र लोकसभा सीट से जीत हासिल की है. वहीं 2024 के चुनाव में सारण से मैदान में उतरी रोहिणी आचार्य बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी से मात खा गईं.
लालू की बाकी बेटी अभी पॉलिटिक्स से दूर है. हालांकि, छोटी बेटी राज लक्ष्मी जरूर सोशल मीडिया पर सक्रिय रहती हैं. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के परिवार से वर्तमान में उनकी पत्नी, उनके दो बेटे, दो बेटी और दो दामाद सक्रिय हैं.
लालू यादव के दो साले भी राजनीति में रह चुके हैं. हालांकि, दोनों वर्तमान में किसी बड़े पद पर नहीं हैं.