वायु प्रदूषण से घट रही दिल्लीवासियों की जिंदगी, 12 साल तक कम हो सकती है उम्र

वायु प्रदूषण के चलते दिल्ली के निवासियों की जीवन प्रत्याशा घट रही है. वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक 2024 रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में रह रहे लोगों की उम्र 12 साल तक की कमी आ सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली उत्तर भारत में सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में से एक के तौर पर है.
शिकागो विश्वविद्यालय (ईपीआईसी) के ऊर्जा नीति संस्थान की एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर भारत में सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में से एक दिल्ली में रहने वाले 1.8 करोड़ लोग विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा निर्धारित मापदंड की तुलना में औसतन 11.9 वर्ष जीवन प्रत्याशा खो सकते हैं.
इतनी कम हो रही भारतवासियों की उम्र
भारत के अपने राष्ट्रीय मानकों के अनुसार, यदि प्रदूषण का मौजूदा स्तर बना रहता है, तो देश में रहने वाले लोगों की जीवन प्रत्याशा 8.5 वर्ष कम हो सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की राजधानी और देश में सबसे अधिक आबादी वाला शहर दिल्ली, विश्व में सबसे प्रदूषित शहर भी है.
ऐसे हो सकता है सुधार
रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि भारत में वायु प्रदूषण कम करने के प्रयास किए जाएं तो इस स्थिति में सुधार हो सकता है. यदि भारत अपने पीएम 2.5 (हवा में मौजूद 2.5 माइक्रोमीटर से कम व्यास के कण) से जुड़े राष्ट्रीय मापदंड को पूरा करता है, तो दिल्ली के निवासियों की जीवन प्रत्याशा 8.5 वर्ष बढ़ सकती है. साथ ही, यदि यह डब्ल्यूएचओ के मानकों को पूरा करता है तो दिल्ली के निवासियों की जीवन प्रत्याशा लगभग 12 वर्ष बढ़ सकती है.
स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा है पीएम2.5
पीएम 2.5 श्वसन प्रणाली में गहराई तक प्रवेश कर सकता है और श्वसन संबंधी समस्याओं को जन्म देता है. यह स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा है और वायु प्रदूषण का एक प्रमुख कारक है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में वार्षिक पीएम 2.5 मानक 40 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर निर्धारित है, फिर भी 40 प्रतिशत से अधिक आबादी उस हवा में सांस ले रही है जो इस सीमा अधिक है.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *