विटामिन डी की कमी बच्चों में बढ़ा रही है रिकेट्स का खतरा, ऐसे करें विटामिन डी का सेवन
हमारे शरीर को हेल्दी रखने के लिए हमें सभी न्यूट्रिएंट्स की जरूरत होती है, किसी एक न्यूट्रिएंट की कमी भी कई समस्याएं पैदा कर सकती है. ऐसा ही शरीर के लिए एक जरूरी विटामिन है विटामिन डी. जो हमारी शरीर की हड्डियों और दांतों को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए बेहद जरूरी है. विटामिन डी हमें सूर्य की किरणों से मिलता है और शरीर में मौजूद कैल्शियम इसको एब्जार्ब कर हड्डियों को मजबूत करता है. इसलिए विटामिन डी को एब्जार्ब करने के लिए हमारे शरीर में कैल्यशियम भी पर्याप्त मात्रा में होना चाहिए.
लेकिन आज लोग पूरा पूरा दिन एसी के कमरों में काम करते हैं और धूप का एक्सपोजर न के बराबर होता है, अमूमन यही हाल बच्चों का है, बच्चे सुबह की धूप के समय स्कूल चले जाते हैं और शाम को ही घर से बाहर खेलने को निकलते हैं. यही कारण है कि आज हिंदुस्तान की आधी से ज्यादा आबादी विटामिन डी की कमी का शिकार हो रही है और ये बेहद ही गंभीर स्वास्थ्य चिंता बनकर उभर रही है.
विटामिन डी की कमी बेहद खतरनाक
देश के कई निजी अस्पतालों में किए गए सर्वे के मुताबिक, बच्चों में विटामिन डी की कमी रिकेट्स का खतरा बढ़ा रही है. रिकेट्स में आपकी हड्डियां बेहद कमजोर और नरम पड़ जाती है साथ ही हड्डियों का विकास नहीं हो पाता जिससे जरा से झटके से हड्डी टूटने का डर बना रहता है. हिंदुस्तान में जनसंख्या का 18.6 फीसदी हिस्सा 0 से 14 साल के बच्चों का है जो इस समय विटामिन डी की समस्या से जूझ रहे हैं, इस सर्वे के मुताबिक 0-10 साल के 46 फीसदी बच्चे रिकेट्स से ग्रस्त हैं.
रिकेट्स क्यों होता है
रिकेट्स होने का मुख्य कारण लंबे समय से विटामिन डी की कमी है. अतिश्योक्ति है कि भारत जैसे देश में जहां पूरे साल धूप रहती है वहां इतनी आबादी विटामिन डी का शिकार है. सर्वे के मुताबिक प्रत्येक 5 में से 1 व्यक्ति विटामिन डी की कमी का शिकार है. विटामिन डी की कमी के कई कारण है.
विटामिन डी कम क्यों होता है
– काफी कम लोग जानते हैं कि हमारे स्वस्थ रहने में विटामिन डी की कितनी बड़ी भूमिका है, न सिर्फ ये हमारी हड्डियों के लिए बल्कि हमारी ओवरऑल हेल्थ के लिए बेहद जरूरी है.
– घर में रहने का चलन भी इसकी कमी को बढ़ावा देता है, आजकल बच्चे पूरा दिन घर में मोबाइल, विडियो गेम्स खेलते हैं और बाहर जाकर खेलना लगभग बंद हो गया है, ये वजहें भी विटामिन डी की कमी को बढ़ा रही हैं.
– हमारी ज्यादातर आबादी शाकाहारी है यही कारण है कि अंडे, मछली, कॉड लिवर तेल का इस्तेमाल नहीं करती. ये भी इसके बढ़ने की एक बड़ी वजह है.
– वही बच्चों में रिकेट्स के लिए मां में विटामिन डी की कमी भी जिम्मेदार है. गर्भावस्था के दौरान मां और भ्रूण के बीच विटामिन डी का स्थानांतरण होता है लेकिन अगर मां में ही इसका स्तर कम होगा तो बच्चे की पूर्ति कैसे होगी.
विटामिन डी की पूर्ति कैसे करें
– विटामिन डी का सबसे बेहतरीन स्रोत सूर्य की किरणें है इसलिए रोजाना 15-20 मिनट सुबह की धूप में बिताएं.
– खाने-पीने का विशेष ध्यान रखें और मांसाहारी हैं तो अंडे, दूध, मछली आदि का सेवन करें.
– विटामिन डी की कमी के लिए विटामिन डी युक्त दवाई लें. ये भी तुरंत विटामिन डी बढ़ाने में कारगर है.