वित्त मंत्री ने बैंकों के बीच पैदा हुए असंतुलन को लेकर की बैठक, अब ऐसे होगा समाधान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के प्रमुखों के साथ परफॉर्मेंस रिव्यू बैठक की और उनसे जमा वृद्धि में सुधार लाने को कहा है. पिछले कुछ महीनों में लोन में आई तेजी डिपॉजिट्स की तुलना में 3-4 प्रतिशत कम रही है, जिससे बैंकों के लिए एसेट लायबिलिटी का असंतुलन पैदा हो गया है.
इन सरकारी योजनाओं पर निर्मला का अधिक ध्यान
सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्री ने बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन के साथ ही पीएम आवास योजना, पीएम सूर्य घर और पीएम विश्वकर्मा योजना सहित सरकार की विभिन्न प्रमुख योजनाओं के कार्य में हुई प्रगति की समीक्षा की है. सीतारमण ने जमा वृद्धि, लोन-जमा अनुपात (सीडी अनुपात) और परिसंपत्ति गुणवत्ता का भी जायजा लिया. वित्त मंत्री ने बैंकों के प्रमुखों से मुख्य बैंकिंग कारोबार पर ध्यान केंद्रित करने और नवोन्मेषी उत्पादों को पेश करके जमा वृद्धि की गति बढ़ाने को कहा है.
उन्होंने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि जमा और कर्ज वृद्धि के बीच असंतुलन है. कर्ज देने में वृद्धि अधिक है. मैं विभिन्न कारणों से (19 अगस्त को) बैंकों से मिलूंगी और उनसे डिपॉजिट्स कलेक्शन के महत्व के बारे में बात करूंगी. सीतारमण ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों को ब्याज दर के मामले में स्वतंत्रता दी है, और इस आजादी का इस्तेमाल करके उन्हें जमा को अधिक आकर्षक बनाना चाहिए.
पहली बार कर रही थी बैठक
सूत्रों ने कहा कि बैठक के दौरान साइबर सुरक्षा और वित्तीय क्षेत्र के जोखिमों से संबंधित चिंताओं पर भी चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी और जानबूझकर चूक करने वालों से संबंधित मुद्दे और राष्ट्रीय संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी लिमिटेड (एनएआरसीएल) की प्रगति पर भी चर्चा हुई. बजट 2024-25 पेश होने के बाद यह पहली समीक्षा बैठक थी. सरकारी बैंकों का शुद्ध लाभ मार्च, 2024 को समाप्त वित्त वर्ष में 1.4 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है, जो इससे पिछले साल की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक है.

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