विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में दिखाई दिलचस्पी, FPI की मार्केट में धमाकेदार वापसी

सितंबर महीने का पहला करोबारी सप्ताह बंद हो चुका है. सेलिंग प्रेशर होने की वजह से पहले सप्ताह मार्केट में गिरावट देखने का मिली लेकिन विदेशी निवेशकों ने इस महीने मार्केट में शानदार वापसी की है. फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर (FPI) ने सितंबर महीने के शुरुआती दिनों में 19000 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया है.
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के आंकड़ों के मुताबिक, फॉरेन इनवेस्टर्स ने बाजार में 6 सितंबर तक 19,087 करोड़ रुपए का निवेश किया है. सितंबर महीने के पहले सप्ताह का आखिरी कारोबार दिन शुक्रवार, 6 सितंबर था. वीकेंड के बाद मार्केट अब 9 सितंबर को फिर से खुलेगा.
विदेशी निवेशकों ने किन डिवीजन में किया निवेश
विदेशी निवेशकों ने डेट, हाइब्रिड, डेट-वीआरआर और इक्विटी डिवीजन में निवेश किया. FPI ने इंडियन इक्विटी में 10,978 करोड़ रुपए का निवेश किया है. दूसरी तरफ 1388 करोड़ रुपए प्राईमरी मार्केट में निवेश किया है. इस महीने डेट मार्केट में कुल निवेश घटकर 94 करोड़ रुपए तक सीमित हो गया है.
विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में क्यों की वापसी
अगस्त महीने में घरेलू इक्विटी बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी 50 ने ऐतिहासिक बढ़त दर्ज की. वहीं अमेरिका में ब्याज दरों के कटौती की उम्मीदें बढ़ने के वजह से वैश्विक बाजार ने भी मजबूत रुख लिया. भारतीय बाजार के इस लचीलेपन ने विदेशी निवेशकों को फिर से घरेलू बाजार के तरफ आकर्षित किया है.
भारतीय बाजार में साल दर साल निफ्टी 50 में 16 फीसदी की बढ़त देखी गई है वहीं सेंसेक्स में 14 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई.
विदेशी निवेशक क्यों है जरूरी?
फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर किसी भी मार्केट के लिए बहुत मायने रखते हैं. FPI मार्केट की में लिक्विडिटी को बढ़ाने में एक अहम भूमिका निभाते हैं. जब विदेशी निवेशक बड़ी रकम किसी देश के मार्केट में लगाते हैं तो उसका असर देश की अर्थव्यवस्था के विकास में देखने को मिलता है.
फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर के निवेश करने से उस देश की इंटरनेशनल मार्केट में पर साख भी मजबूत होती है और लोगों का विश्वास बढ़ता है.

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