विदेशों में क्यों नहीं बिक रहे भारत के गहने? ये है बड़ी वजह

भारत के गहने दुनियाभर में पहने जाते हैं. भारत जो गोल्ड इंपोर्ट करता है, उस गोल्ड को गहनों में बदलकर दुनियाभर के देशों में बेच भी देता है. भारतीय गहनों की डिमांड हमेशा पीक पर रही है. यही वजह है कि भारत के व्यापारी गोल्ड का इंपोर्ट भी खूब करते हैं. लेकिन बीते कुछ समय से विदेशों में भारत के गहनों का क्रेज कम हुआ है और खरीदारी में गिरावट आई है. विदेशों से डिमांड कम होने के कारण भारत के गहनों का एक्सपोर्ट काफी कम हो गया है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर एक्सपोर्ट के किस तरह के आंकड़ें सामने आए हैं?
19 फीसदी की गिरावट
जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के आंकड़ों के अनुसार सुस्त ग्लोबल डिमांड के कारण अगस्त में भारत का रत्न और आभूषण निर्यात 18.79 फीसदी घटकर 2.01 अरब डॉलर रहा है. अगस्त, 2023 के दौरान रत्न एवं आभूषण निर्यात 2.47 अरब डॉलर रहा था. जीजेईपीसी ने हालांकि कहा कि समीक्षाधीन महीने के दौरान निर्यात जुलाई से कहीं बेहतर रहा, जब यह 1.66 अरब डॉलर का रहा था. जीजेईपीसी के चेयरमैन विपुल शाह ने बताया कि हमें अमेरिका और चीन जैसे प्रमुख निर्यात बाजारों की मांग को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत है.
हीरों के निर्यात में 26 फीसदी की कमी
आंकड़ों से यह भी पता चला है कि अगस्त में तराशे और पॉलिश किए गए हीरों का निर्यात लगभग 26 फीसदी फीसदी एक अरब डॉलर का रह गया, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 1.36 अरब डॉलर रहा था. समीक्षाधीन महीने के दौरान सोने के आभूषणों का कुल निर्यात भी 1.15 फीसदी घटकर 68 करोड़ 76.9 लाख डॉलर का रह गया.
घरेलू बाजार का प्रदर्शन बेहतर
आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए, कामा ज्वेलरी के मैनेजिंग डायरेक्टर, कॉलिन शाह ने कहा कि ग्लोबल मार्केट परिदृश्य की तुलना में घरेलू स्तर पर रत्न और आभूषण क्षेत्र अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. उन्होंने कहा कि सीमा शुल्क में कटौती के बाद सोने की कीमत में आई कमी खरीदारों तक पहुंचेगी, जिससे अंततः बिक्री बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में सबसे लंबे समय से निर्यात में सुस्ती का दौर रहा है और इस त्योहारी मौसम के दौरान बिक्री से इससे कुछ राहत मिलेगी.

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