विनेश फोगाट की वजह से भारत को हुआ नुकसान, रेसलिंग में कम हुए 4 ओलंपिक मेडल? WFI के बयान ने मचाई सनसनी

भारतीय पहलवान ने 2008 में रेसलिंग में मेडल जीतने का सिलसिला शुरू किया था. इसके बाद से अब तक हर ओलंपिक में भारत के रेसलर्स कोई ना कोई मेडल जीतते हुए आए हैं. पिछले 16 सालों में कुश्ती में भारत का दबदबा भी बढ़ा है. कई रेसलर्स निकलर्स निकलकर सामने आए हैं. उन्होंने ओलंपिक, वर्ल्ड चैंपियनशिप और एशियन गेम्स जैसे बड़े मंच पर भारत का नाम रोशन किया है. पेरिस ओलंपिक में 6 रेसलर्स भारत की ओर से दावेदारी पेश करने गए थे, लेकिन केवल अमन सहरावत मेडल जीतने में कामयाब हुए. वहीं विनेश फोगाट को 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के कारण डिस्क्वालिफाई कर दिया गया. इसके अलावा बाकी के 4 रेसलर्स मेडल राउंड तक नहीं पहुंच सके. पहलवानों के इस खराब प्रदर्शन से भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष संजय सिंह काफी नाराज दिखे हैं. उन्होंने देश में हुए रेसलर्स के धरने को जिम्मेदार ठहराया है.
विनेश फोगाट के धरने से हुआ नुकसान?
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने स्पोर्ट्सकीड़ा को दिए इंटरव्यू में ब्रॉन्ज जीतने वाले अमन सहरावत की जमकर तारीफ की. हालांकि, इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि पेरिस ओलंकि में भारतीय पहलवानों के प्रदर्शन से वो खुश नहीं हैं, क्योंकि WFI को कम से कम 5 मेडल की उम्मीद थी. संजय सिंह के अनुसार, रेसलर्स काफी अच्छे तरीके से प्लानिंग कर रहे थे और सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन शोषण मामले को लेकर हुए विरोध ने तैयारी को पटरी से उतार दिया. इससे मेडल जीतने का मौका छिन गया.
कुश्ती संघ के अध्यक्ष ने सीधे तौर पर किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका बयान विनेश फोगाट की तरफ इशारा करता है. विनेश, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया की अगुवाई में ही जंतर मंतर पर कई रेसलर्स ने धरना दिया था. उन्होंने 5 मेडल का दावा किया, यानी भारत को इस धरने से 4 मेडल का नुकसान हुआ. संजय सिंह का ये भी मानना है कि भाग्य ने भी भारत का साथ नहीं दिया. उनके इस बयान ने देशभर में सनसनी मचा दी है.
विनेश फोगाट के मामले पर क्या कहा?
संजय सिंह ने फाइनल मुकाबले से पहले डिस्क्वालिफिकेशन को लेकर विनेश फोगाट को ही दोष दिया. उन्होंने कहा कि वजन को मेन्टेन करना किसी भी रेसलर की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होती है. उन्होंने आगे कहा कि विनेश ने जो सुविधाएं मांगी थी, उन्हें सब कुछ उपलब्ध कराया गया था.

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