विनेश फोगाट के नाम है ये रिकॉर्ड, कुश्ती में लिखी कारनामों की बेमिसाल कहानी, विवादों के साथ भी खूब रहा ‘दंगल’
विनेश फोगाट ने कुश्ती के अपने करियर को अलविदा कह दिया है. अपने संन्यास का ऐलान करने के लिए उन्होंने पेरिस से इंडिया लौटने तक का भी इंतजार नहीं किया. विनेश फोगाट के अचानक लिए इस फैसले को पेरिस ओलंपिक में उनके डिस्क्वालिफिकेशन से जोड़कर देखा जा रहा है. पेरिस ओलंपिक में महिलाओं के 50 किलो कैटेगरी के फाइनल मुकाबले में पहुंच चुकी विनेश को ओवरवेट के चलते अयोग्य ठहराया गया, जिसके बाद उनके मेडल जीतने की सारी संभावनाएं खत्म हो गईं. विनेश फोगाट का करियर उपलब्धियों और विवादों का बेजोड़ मेल रहा है.
विनेश फोगाट के नाम है ये रिकॉर्ड
विनेश फोगाट ने रेसलिंग को अलविदा कहने से पहले एक ऐसा रिकॉर्ड कायम किया है, जिसे तोड़ना दूसरी किसी भी भारतीय महिला रेसलर के लिए बड़ी चुनौती रहेगी. विनेश ने ये रिकॉर्ड 3 ओलंपिक खेलकर बनाया है. दरअसल, वो 3 ओलंपिक में हिस्सा लेने वाली पहली भारतीय महिला रेसलर हैं.
विनेश ने रियो और टोक्यो के बाद पेरिस ओलंपिक में भाग लिया. हालांकि, मेडल वो कहीं भी नहीं जीत पाईं. रियो में मैच के दौरान हुई इंजरी उनके राह में रोड़ा बन गई तो पेरिस में डिस्क्वालिफिकेशन से जुड़ा विवाद. इस बीच टोक्यो ओलंपिक में उन्हें क्वार्टर फाइनल से बाहर होना पड़ा था.
विनेश फोगाट के कामयाबियों का किस्सा
ओलंपिक की मैट पर मेडल से चूकने वाली विनेश फोगाट ने एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स और वर्ल्ड चैंपियनशिप जैसे इवेंट में मेडल खूब जीते हैं. वो 2014, 2018 और 2022 में कॉमनवेल्थ चैंपियन बनीं. साल 2018 में वो एशियाई चैंपियन बनीं, जहां उन्होंने 50 किलो ग्राम के इवेंट में ही गोल्ड जीता था. विनेश ने वर्ल्ड चैंपियनशिप की मैट पर 2 ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं. ये कामयाबी उन्हें साल 2019 और 2022 में मिली थी. विनेश फोगाट ने अपने करियर की शुरुआत 2013 में यूथ रेसलिग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतकर की थी.
सबसे बड़े विवाद से खूब चला ‘दंगल’
29 साल की विनेश फोगाट ने अगर कुश्ती में सफलता की कई सारी कामयाब कहानी लिखी तो इस दौरान विवादों के साथ भी उनका दंगल खूब चला. विवादों के साथ विनेश का सबसे चर्चित दंगल जनवरी 2023 का है, जब उन्होंने अपने साथी रेसलरों के साथ बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला था. उन्हें हटाने की मांग की थी. विनेश और उनके साथियों ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला रेसलरों ने छेड़खानी, यौन शोषण और मनमानी का आरोप लगाया था.
इस दंगल ने जल्दी ही बड़े आंदोलन का रूप ले लिया था. खिलाड़ी सड़क पर उतर आए थे. इस दौरान पुलिस ने उनका टकराव भी हुआ. इस आंदोलन के दौरान विनेश को इंजरी भी हुई, जिसके चलते वो कई दिनों से कुश्ती से दूर रहीं. लेकिन, जब लौटीं तो पेरिस ओलंपिक में उनकी तैयारियों का शानदार नजारा देखने को मिला.
दर्द इधर भी था और उधर भी!
विनेश कुश्ती के लिए मशहूर फोगाट परिवार से ताल्लुक रखती हैं. उन्हें अपने करियर में जितने दर्द झेलने पड़े, उतने ही दर्द उन्होंने पारिवारिक जीवन में भी झेले हैं. वो जब 9 साल की थीं तभी उन्होंने अपने पिता को खो दिया था. पिता की मौत से दुखों का जो पहाड़ टूटा था उसके दिए घाव को मां के कैंसर ने और भी गहरा कर दिया. हालांकि, इन सबके बाद भी विनेश डिगी नहीं थी. उनके इरादे फौलादी थे, जिसका नतीजा है कि उनकी पहचान एक चैंपियन खिलाड़ी के तौर पर बन सकी.