विरोध में लिखी कविता तो गिरफ्तार हुआ PoK का कवि, कोर्ट ने पेश करने का दिया आदेश
पाकिस्तान की एक शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को कश्मीरी कवि अहमद फरहाद की बरामदगी के मामले को समाप्त करने की याचिका को खारिज कर दिया और अधिकारियों को निर्देश दिया कि उन्हें पहले उसके समक्ष पेश किया जाना चाहिए. फरहाद 14 मई को रावलपिंडी से लापता हो गए थे, जिसके एक दिन बाद उनकी पत्नी उरूज जैनब ने उन्हें खोजने के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) में याचिका दायर की थी.
अपनी विद्रोही कविताओं के लिए मशहूर फरहाद को उनके घर से अगवा कर लिया गया था. इससे पहले बुधवार को अटॉर्नी जनरल मंसूर उस्मान अवान ने उच्च न्यायालय को सूचित किया कि कवि को गिरफ्तार कर लिया गया है और वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की पुलिस की हिरासत में है.
विद्रोदी कविता लिखते हैं फरहाद
पीओके क्षेत्र की पुलिस ने कहा कि कवि उनकी हिरासत में है और उसके खिलाफ धीरकोट इलाके में मामला दर्ज किया गया है. शुक्रवार को आईएचसी के न्यायमूर्ति मोहसिन अख्तर कयानी ने जैनब के वकीलों की मौजूदगी में मामले की सुनवाई की.
सुनवाई में सरकार का प्रतिनिधित्व करने के लिए उपस्थित अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल मुनव्वर इकबाल ने अदालत को बताया कि कवि 2 जून तक रिमांड पर है और कवि के परिवार को उससे मिलने की अनुमति दी गई है. इसके बाद इकबाल ने अदालत से अवैध कारावास के मामले को समाप्त करने का आग्रह किया.
पुलिस ने कवि का किया अरेस्ट
हालांकि, फरहाद के वकील ने तर्क दिया कि कवि का परिवार पीओके के धीरकोट पुलिस स्टेशन गया था, लेकिन वह वहां नहीं मिला. बाद में परिवार को सूचित किया गया कि कवि को जांच के लिए मुजफ्फराबाद ले जाया गया है.
जस्टिस कयानी ने दलीलें सुनने के बाद मामले को समाप्त करने की याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि जिस दिन फरहाद को अदालत में पेश किया जाएगा, उसी दिन मामला समाप्त हो जाएगा. बाद में, अदालत ने सुनवाई 7 जून तक के लिए स्थगित कर दी.
अहमद फरहाद शाह की पत्नी सईदा उरूज ज़ैनब ने अदालत में दायर याचिका में कहा था कि उनके पति पर कई महीनों से “सरकारी एजेंसियों का दबाव” है क्योंकि वे ‘ऐतिहासिक फ़ैसला’ चाहती हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि 38 वर्षीय शाह, जिनकी जड़ें पीओके के बाग जिले में हैं, को उनके सत्ता-विरोधी रुख के कारण 15 मई को रावलपिंडी के गैरीसन शहर में उनके घर से आईएसआई ने अगवा कर लिया था.