विशालगढ़ अतिक्रमण के विरोध में गिरफ्तारी देने पहुंचे संभाजी राजे, जानें क्या है पूरा केस

Vishalgad Fort: छत्रपति शिवाजी महाराज के पराक्रम के साक्षी विशालगढ़ किले से अतिक्रमण हटाने के लिए लोगों का आंदोलन रविवार को हिंसक हो गया. अतिक्रमण के खिलाफ हिंदू संगठनों और शिव भक्तों के लोग बड़ी संख्या में एकत्र हुए. वहीं, दूसरे पक्ष से भी लोगों का जमावड़ा बढ़ने लगा. और हालात इतने बिगड़ गए कि पथराव शुरू हो गया. दुकानों में तोड़फोड़ और आग लगाने की कोशिश की गई. फिलहाल इलाके में भारी पुलिस बल तैनात है और स्थिति नियंत्रण में है.
वहीं, इस सिलसिले में छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और पूर्व सांसद संभाजी राजे सोमवार को शाहूवाड़ी थाने में सरेंडर करने पहुंचे. संभाजी राजे भी कल अपने समर्थकों के साथ विशालगढ़ किले पर पहुंचे थे. उन्होंने कहा, ‘प्रशासन जानबूझकर शिवभक्तों को निशाना बना रहा है. मैं सभी शिवभक्तों के साथ खड़ा हूं और शाहूवाड़ी पुलिस स्टेशन में पेश होने जा रहा हूं.’ राजे कई सालों से विशालगढ़ किले को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
सांसद शाहू महाराज का जिला प्रशासन पर आरोप
वहीं, अब उनके पिता और कोल्हापुर से कांग्रेस सांसद शाहू महाराज मंगलवार को विशालगढ़ क्षेत्र का निरीक्षण करेंगे. सांसद की मांग है कि विशालगढ़ क्षेत्र में जिन लोगों को नुकसान हुआ है उन्हें सरकार तुरंत मुआवजा दे. उन्होंने कहा कि यह घटना जिला प्रशासन और पुलिस की विफलता है. हिंसा से संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
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उन्होंने कहा कि घटना से पहले वह कलेक्टर और जिला पुलिस प्रमुख को निर्देश दिये थे. शाहू छत्रपति ने जिला प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाते हुए यह कहा कि, ‘घटना से पहले हमने कलेक्टर और जिला पुलिस को चेताया था. बावजूद इसके सही समय पर कार्रवाई नहीं की गई, इसलिए घटना घटी.’
क्या है पूरा विवाद?
विशालगढ़ किला महाराष्ट्र के कोल्हापुर से 76 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित है. यह वही किला है, जहां छत्रपति शिवाजी महाराज बीजापुर की आदिलशाही सेना के जाल से बचकर पहुंचे थे. किले पर कुल 55 प्राचीन मंदिर थे, लेकिन आज केवल 20 से 24 हिंदू संरचनाएं और मंदिर ही बचे हैं. विशालगढ़ किले में हजरत सैयद मलिक रेहान मीर साहब की दरगाह भी है. जहां मुस्लिम आबादी ज्यादा है.
हिंदू समुदाय के लोग किले से अवैध अतिक्रमण हटाने और किले की मूल विरासत को बहाल करने की मांग कर रहे हैं. उनका आरोप है कि यहां अवैध निर्माण किए जा रहे हैं. दरगाह के पास अतिक्रमण कर अवैध मीट का कारोबार चलाया जाता है. वहीं, बॉम्बे कोर्ट ने इस पर प्रतिबंध लगाया था, जिसे समय-समय पर कुछ दिनों के लिए हटा दिया जाता है, जैसे बकरीद के मौके पर.

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