वेनेजुएला के राष्ट्रपति का प्लेन अमेरिका ने किया जब्त, जानिए क्या है पूरा मामला?
अमेरिका ने वेजेनुएला के विवादित राष्ट्रपति निकोलस मादुरो का विमान जब्त कर लिया है. अमेरिकी अधिकारियों ने इसे लैटिन अमेरिकी देश डोमिनिकन रिपब्लिक से जब्त किया और फ्लोरिडा लेकर रवाना हो गए.
अमेरिकी अधिकारियों का आरोप है कि इस लग्जरी विमान को अमेरिका फर्जी तरीके से खरीदा गया था और तस्करी कर इसे यूएस से बाहर ले जाया गया. अमेरिका ने वेनेजुएला पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं, इन प्रतिबंधों के तहत दोनों देशों के बीच किसी भी तरह का लेन-देन प्रतिबंधित है.
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि इस कार्रवाई से दुनियाभर को यह संदेश जाएगा कि कोई भी व्यक्ति या देश अमेरिका के नियमों और प्रतिबंधों से बच नहीं सकता.
शेल कंपनी के जरिए खरीदा गया विमान
US के अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने कहा है कि अमेरिका के न्याय विभाग ने एयरक्राफ्ट को जब्त किया है. 13 मिलियन डॉलर (करीब 110 करोड़ रुपये) की कीमत के इस प्लेन को मादुरो और उनके करीबियों ने पहचान छिपाकर अवैध तरीके से खरीदा, इसके लिए उन्होंने शेल कंपनी का इस्तेमाल किया और बाद में तस्करी कर अमेरिका से जाया गया. जानकारी के मुताबिक अमेरिका ने धांधली का पता लगते ही जनवरी 2023 में इस विमान का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया था.
कब और कैसे खरीदा गया था विमान?
अमेरिकी न्याय विभाग ने जानकारी दी है कि दसॉल्ट फाल्कन 900EX फ्लोरिडा की एक कंपनी से 2022 के अंत में खरीदा गया था और अप्रैल 2023 में इसे अमेरिका से कैरिबियाई देश के जरिए वेनेजुएला ले जाया गया. यह प्लेन मादुरो की विदेश यात्राओं के दौरान इस्तेमाल होता था, जो सिर्फ वेनेजुएला की मिलिट्री बेस से ही उड़ान भरता था.
रिकॉर्ड्स से पता चलता है कि आखिरी बार इस प्लेन ने मार्च में वेनेजुएला की राजधानी काराकस से डोमिनिकन रिपब्लिक की राजधानी सैंटो डोमिंगो के लिए उड़ान भरी थी.
डोमिनिकन रिपब्लिक ने क्या कहा?
डोमिनिकन रिपब्लिक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि मादुरो का विमान उनके क्षेत्र में रख-रखाव के लिए मौजूद था जब उसे अमेरिकी अधिकारियों ने जब्त किया. उन्होंने कहा कि डोमिनिकन सरकार को इस विमान जब्त होने से पहले तक यह जानकारी नहीं थी कि मादुरो का विमान उनके क्षेत्र में मौजूद है.
डोमिनिकन रिपब्लिक के विदेश मंत्री ने कहा है कि उनकी सरकार ने अमेरिकी जांच में हिस्सा नहीं लिया, दोनों देशों के द्विपक्षीय समझौतों के तहत केवल अंतरराष्ट्रीय कानूनी सहयोग की जरूरत थी.
जानकारी के मुताबिक अमेरिका की कई एजेंसियां इस कार्रवाई में शामिल थीं. होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टीगेशन, कॉमर्स एजेंट, ब्यूरो ऑफ इंडस्ट्री एंड सिक्योरिटी और न्याय विभाग ने मिलकर विमान जब्त करने की कार्रवाई की है.
मादुरो सरकार ने बताया ‘डकैती’
CNN के मुताबिक वेजेनुएला की सरकार ने अमेरिका की कार्रवाई को ‘डकैती’ बताया है. मादुरो सरकार का आरोप है कि जुलाई में हुए चुनाव के बाद अमेरिका उनके खिलाफ आक्रामकता को बढ़ा रहा है.
मादुरो सरकार ने कहा है कि, ‘अमेरिकी अधिकारियों की कार्रवाई को डकैती के अलावा कोई दूसरा नाम नहीं दिया जा सकता, अमेरिका ने राष्ट्रपति मादुरो द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले विमान को अवैध तरीके से जब्त कर लिया है. यह बलपूर्वक अपनी अवैध कार्रवाई को उचित ठहराने की कोशिश करता है और इसे दुनियाभर में एकतरफा लागू करता है.”
अमेरिका-वेनेजुएला के बीच टकराव क्यों?
वैसे तो अमेरिका और वेनेजुएला के बीच तनाव दशकों पुराना है, लेकिन ताज़ा विवाद वेनेजुएला राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को लेकर हुआ. दरअसल चुनाव में राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने जीत का दावा किया है, वहीं वेनेजुएला का विपक्ष चुनाव में धांधली का आरोप लगा रहा है. वेनेजुएला के विपक्षी गठबंधन का दावा है कि चुनाव में उनकी जीत हुई है और मादुरो अवैध तरीके से सरकार में बने हुए हैं.
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वहीं अमेरिका समेत कई देशों ने राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को मान्यता नहीं दी है. अमेरिका ने मादुरो की आलोचना करते हुए चुनावी नतीजों को सार्वजनिक किए जाने की मांग भी की है.
वेनेजुएला में 28 जुलाई को हुए चुनाव के बाद नतीजों को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. हाल ही में वेनेजुएला की एक कोर्ट ने मादुरो सरकार गिराने की साज़िश को लेकर विपक्षी नेता एडमुंडो गोंजालेज के खिलाफ अरेस्ट वारंट भी जारी किया है.