वो पहाड़ जो जंग के बाद इजराइल ने सीरिया से छीना, वहां क्यों पहुंचा हिजबुल्लाह?
लेबनानी मिलिशिया हिजबुल्लाह ने रविवार को कहा कि उसने गोलन हाइट्स में माउंट हर्मन पर ड्रोन हमले किए हैं. माउंट हर्मन में इजराइल सेना के सर्विलांस का मुख्य केंद्र है. हालांकि हिजबुल्लाह ने गोलन हाइट्स के दूसरे इलाकों में पहले भी हमले किए हैं, लेकिन इस हमले के बाद हिजबुल्लाह ने दावा किया कि यह इजराइल-नियंत्रित क्षेत्र में सबसे ऊंचाई पर किसी सैन्य ठिकाने पर किया गया पहला हमला है.
इजराइल और सीरिया के लिए गोलन हाइट्स रणनीतिक लिहाज से बेहद अहम है. इजराइल ने गोलन हाइट्स पर कब्जा कर लिया था. जहां से वह सीरिया की राजधानी, इराक, जॉर्डन और सऊदी अरब के कुछ हिस्सों पर नजर रखता है. हिजबुल्लाह के ड्रोन का यहां तक पहुंचना इजराइल के लिए बड़ी चिंता का सबब बन सकता है.
हिजबुल्लाह के बढ़ रहे हमले
गाजा में इजराइल की कार्रावाई तेज होने के बाद से ही हिजबुल्लाह ने अपने हमलों के तेज किया है. हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह चेतावनी दे चुके हैं कि वे गाजा युद्ध विराम होने तक अपने हमले जारी रखेंगे. इजराइल ने भी हिजबुल्लाह के कई ठिकानों को निशाना बनाया है. हाल के दिनों में दोनों के बीच तनाव चरम पर है. न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक लेबनान सीमा पर हिंसा में कम से कम 497 लेबनानी मारे गए हैं. इजराइली अधिकारियों के मुताबिक हिजबुल्लाह के हमलों में कम से कम 16 सैनिक और 11 इजराइली नागरिक मारे गए हैं. दक्षिणी लेबनान और उत्तरी इजराइल दोनों के सीमावर्ती क्षेत्रों से हजारों नागरिक जंग के डर से विस्थापित हो गए हैं.
क्या है गोलन हाइट्स?
गोलन हाइट्स दक्षिणी-पश्चिमी सीरिया की एक पहाड़ी है. ये पहाड़ी युद्ध और पानी की लिहाज से बेहद अहम है. 1967 में हुई सीरिया इजराइल जंग में इजराइल ने इस पहाड़ी पर कब्जा कर लिया था. जिसके बाद यहां रहने वाले हजारों सीरियाई अरब लोगों को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था. इसके बाद सीरिया ने कई बार गोलन पहाड़ी को वापस हासिल करना चाहा लेकिन उसे कभी कामयाबी नहीं मिली.
गोलान हाइट्स के ऊंचे पहाड़
1981 में इजराइल ने गोलन हाइट्स को अपने देश का हिस्सा करार दिया. लेकिन उसके इस कदम को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता नहीं मिली है.
क्यों अहम है गोलन हाइट्स?
कब्जे के बाद से इजराइल की लगभग 30 बस्तियां गोलन हाइट्स में हैं, जहां करीब 20 हाजार इजराइली सेटलर्स रहते हैं. इन बस्तियों को अंतरराष्ट्रीय कानून के हिसाब से गैर कानूनी माना गया है. सीरिया जोर देता रहा है कि इजराइल पूरी गोलन हाइट्स से अपनी सेना हटा ले. इजराइल इस पहाड़ी की ऊंचाई का सहारा लेकर सीरिया की राजधानी दमिश्क पर नजर रखता है. जोकि पहाड़ी से महज 271 किमी की दूरी पर है. इसके अलावा गोलन के ऊचे पहाड़ इजराइल को जॉर्डन, इराक और सऊदी अरब के कुछ हिस्से पर भी नजर रखने में मदद करता है.
यहीं नहीं गोलन पहाड़ी पर जमे रहने की इजराइल की दूसरी कई वजह है. ये पहाड़ी इजराइल के सूखे इलाकों के लिए पानी का अहम सोर्स है. गोलन की ज़मीन भी बहुत उपजाऊ है, यहां अंगूर और मेवों की खेती होती है. गोलन इजराइल का इकलौता स्की स्पोट भी है.