वो 5 वजहें, जिन्होंने प्रभास की Kalki 2898 AD को हिंदी पट्टी में हिट करा दिया!

प्रभास की फिल्म Kalki 2898 AD ने बॉक्स ऑफिस पर गदर मचा रखी है. फिल्म तगड़ी कमाई कर रही है. सात दिनों में दुनियाभर से फिल्म ने करीब 641 करोड़ का कलेक्शन कर लिया है. भारत में भी फिल्म ने एक हफ्ते में लगभग 392 करोड़ की कमाई की है.
फिल्म ने तेलुगु और हिंदी में अच्छा बिजनेस किया है. Kalki के हिंदी वर्जन ने पहले हफ्ते की कमाई के मामले में ‘फाइटर’ को भी पीछे छोड़ दिया है. ‘शैतान’ को पछाड़कर ये दूसरी सबसे बड़ी हिंदी फिल्म बन गई है. माने हिंदी पट्टी में फिल्म का जलवा लगातार कायम है. ऐसा क्यों है, आइए विस्तार से समझते हैं.
उससे पहले जान लेते हैं अब तक ‘कल्कि’ के हिंदी वर्जन ने किस दिन कितने रुपए कमाए हैं.

पहला दिन
22.5 करोड़

दूसरा दिन
23 करोड़

तीसरा दिन
26 करोड़

चौथा दिन
40 करोड़

पांचवां दिन
16.5 करोड़

छठा दिन
13 करोड़

सातवां दिन
11.3 करोड़

कुल कमाई
152.3 करोड़

अब आते हैं कि फिल्म हिंदी पट्टी में अच्छा प्रदर्शन क्यों कर रही है. यहां तक कि गेम ऐसा है कि लगातार चौथे दिन से फिल्म का हिंदी वर्जन तेलुगु वर्जन से भी ज़्यादा पैसा कमा रही है. जबकि तेलुगु पट्टी प्रभास का गढ़ है. आइए समझते हैं, ऐसा क्यों है.
# सबसे पहली वजह खुद प्रभास हैं. प्रभास की हिंदी बेल्ट में अच्छी फैन फॉलोइंग है. उनकी पिछली फिल्मों ने यहां खराब कंटेन्ट के बाद भी अच्छी ओपनिंग की थी. इसका सबसे बड़ा उदाहरण ‘आदिपुरुष’ ही है. इसने पहले तीन दिनों में ही 112 करोड़ कमा लिए थे. हालांकि भयानक ट्रोलिंग के बाद फिल्म की कमाई में भयंकर गिरावट आई थी. ‘बाहुबली’ के बाद से प्रभास ने नॉर्थ बेल्ट में अपना एक लॉयल फैन बेस बनाया है. वही बेस अब ‘कल्कि’ को बढ़िया पैसा कमाकर दे रहा है.
# फिल्म के नॉर्थ में अच्छी कमाई की दूसरी सबसे बड़ी वजह अमिताभ बच्चन हैं. यंग जेनेरेशन फिल्म देखने जा ही रही है, लेकिन अमिताभ बच्चन की वजह से बड़ी उम्र के लोग भी अपनी यादें ताजा करने जा रहे हैं. जिन्होंने उन्हें बतौर एंग्री यंग मैन देखा है, अब उन्हें एंग्री ओल्ड मैन के रूप में देखने का भी मजा उठा रहे हैं. इसमें कोई शक नहीं अमिताभ बच्चन ने ‘कल्कि’ में सबको ओवर शैडो कर दिया है. उनकी एक्टिंग के फैन ये फिल्म तो देखेंगे ही.
# तीसरी बड़ी वजह हैं दीपिका पादुकोण. इसमें कोई दो राय नहीं कि इस समय वो बॉलीवुड की सबसे बड़ी हीरोइन हैं. ऐसे में उनका इस फिल्म में होना भी ‘कल्कि’ के लिए वरदान साबित हो रहा है. पिछले कुछ समय से वो कुछ बड़ी हिंदी फिल्मों का हिस्सा रही हैं. ‘पठान’, ‘जवान’ और ‘फाइटर’ उन्हीं में से हैं. वो प्रभास की फिल्म के लिए हिंदी बेल्ट में बड़ी क्राउड पुलर साबित हो रही हैं.
# पिछले काफी समय से साउथ फिल्मों की नॉर्थ में लोकप्रियता बढ़ी है. ‘बाहुबली’ इस लोकप्रियता का पहला कदम था. इसके बाद से ‘पुष्पा’, KGF, RRR, ‘कांतारा’ जैसी फिल्मों ने इसे आगे बढ़ाया. अब कोई बड़ी साउथ फिल्म आती है, भले ही वो एवरेज ही क्यों न हों, उसका नॉर्थ में ठीकठाक बज होता है. ‘कल्कि’ को इसी का फायदा मिला है. इस वजह से अन्य भाषाओं के इतर ‘कल्कि’ हिंदी में भी ठीक पैसा पीट रही है.
# आखिरी वजह है फिल्म का क्लीन कंटेंट. दरअसल आजकल ऐसी फिल्में कम आती हैं, जो फैमिली के साथ देखी जा सकें. ‘कल्कि’ उनमें अपवाद है. चूंकि इसका कंटेन्ट थोड़ा हेवी VFX बेस्ड भी है. ऐसे में बच्चे भी इस फिल्म को देखना पसंद कर रहे हैं. अब बच्चों को फिल्म दिखाने के लिए मां-बाप को भी थिएटर जाना पड़ रहा है. ऐसे में ये चीज फिल्म के पक्ष में बैटिंग कर ही है. ‘कल्कि’ का फैमिली फिल्म होना इसे खूब पैसा कमवा रहा है. और ये सिर्फ हिंदी पट्टी में नहीं, बल्कि दूसरी भाषाओं पर भी लागू होता है.

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