शरीफ सरकार नहीं, सिर्फ सेना से करेंगे बात, इमरान खान ने अटकलों को किया खारिज

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को शरीफ सरकार के खिलाफ बड़ा बयान दिया है. जेल से अपने दिए बयान में उन्होंने सरकार के साथ बातचीत की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि वह केवल ताकतवर संस्थान के साथ बातचीत करेंगे. बता दें कि शहबाज शरीफ सरकार के साथ बातचीत से इनकार करने का उनका फैसला ऐसे वक्त में आया है जब स्थानीय मीडिया ने हाल ही में सरकार और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के बीच संभावित चर्चा का दावा किया था.
वहीं इमरान खान के इस ताजा बयान से यह साफ है कि वह अपने इस फैसले पर कायम हैं कि वह देश को मौजूदा राजनीतिक अस्थिरता से बाहर निकालने के लिए बातचीत सेना के साथ की करेंगे.
सरकार की बीमा पॉलिसी
इमरान खान ने कहा कि जब भी बातचीत की बात सामने आती है, तो सत्तारूढ़ दल 9 मई को मुद्दा बनाकर माफी मांगता है. उन्होंने कहा कि 9 मई 2023 की हिंसा सरकार के लिए बीमा पॉलिसी की तरह है. अगर इसको हटा दिया जाए तो सरकार गिर जाएगी. पूर्व प्रधानमंत्री ने हिंसा की जांच करने के लिए एक आयोग बनाने का गठन करने का सुझाव दिया.
हिंसक विरोध प्रदर्शन
बता दें किया 9 मई 2023 को इस्लामाबाद हाईकोर्ट के परिसर से इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे. आरोप है कि पीटीआई कार्यकर्ताओं ने जिन्ना हाउस (लाहौर कोर कमांडर हाउस), मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में आईएसआई भवन समेत एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों में जमकर तोड़फोड़ की. साथ ही रावलपिंडी में सेना मुख्यालय पर भी अटैक किया.
ऑक्सफोर्ड चांसलर का चुनाव
वहीं इमरान खान ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के चांसलर के चुनाव पर कहा कि उनकी जीत पाकिस्तान के लिए गर्व की बात होगी. इस दौरान क्रिकेट और अपने अन्य उपलब्धियों का जिक्र करते हुए इमरान खान ने कहा कि उन्होंने दो हॉस्पिटल और दो यूनिवर्सिटी स्थापित किए हैं, और तीसरी यूनिवर्सिटी का निर्माण अभी चल रहा है. इमरान खान को 5 अगस्त 2023को पाकिस्तान के चुनाव आयोग की तरफ से दायर पहले तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया था.

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