शेख हसीना भारत आकर पूरी तरह सुरक्षित, लेकिन उनके मंत्रिमंडल और पार्टी के नेताओं का क्या हुआ?

बांग्लादेश की सत्ता में करीब 15 साल से सत्ता पर काबिज़ रही आवामी लीग के नेताओं के अब बुरे दिन शुरू हो चुके हैं. इसी साल 23 जून को पार्टी ने अपना 75वां स्थापना दिवस मनाया था, लेकिन बांग्लादेश के इतिहास की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी का ऐसा हश्र तब किसी ने सोचा भी नहीं होगा.
जून में आरक्षण के खिलाफ शुरू हुए विरोध प्रदर्शन देखते ही देखते आंदोलन में बदल गया और इस आंदोलन की आग ने किसी के घर जलाए तो किसी की बरसों पुरानी सत्ता छीन ली. 5 अगस्त को आंदोलन को उग्र होता देख शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और वह आनन-फानन में अपनी जान बचाकर भारत आ गईं.
आवामी लीग के नेताओं की धरपकड़ जारी
भारत पहुंचकर शेख हसीना पूरी तरह सुरक्षित हैं और यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने ऐसे नाजुक समय में भारत आकर शरण ली हो, इससे पहले पिता की मौत के बाद भी शेख हसीना ने भारत को ही अपना दूसरा घर बनाया था. हालांकि इस बार वह भारत में कब तक रुकेंगी इसका फैसला फिलहाल उन्हें ही करना है, क्योंकि बांग्लादेश में इस वक्त जो माहौल है वह उनके और उनकी पार्टी के लिए माकूल नहीं है. ऐसे में सवाल उठता है कि पूर्व प्रधानमंत्री तो भारत में सुरक्षित हैं लेकिन उनकी पार्टी के बाकी लोग कहां हैं और किस हाल में हैं?
कुछ दिन पहले ही शेख हसीना सरकार में मंत्री रहे हसन महमूद और जुनैद अहमद को ढाका एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था, जब वो देश छोड़कर भागने की कोशिश कर रहे थे. वहीं अब पूर्व प्रधानमंत्री के निवेश सलाहकार सलमान रहमान और पूर्व कानून मंत्री अनिसुल हक को ढाका के सदरघाट से गिरफ्तार किया गया है, बताया जा रहा है कि ये दोनों भी भागने की फिराक में थे. हैरानी की बात ये है कि दोनों पूर्व मंत्रियों को गिरफ्तारी के बाद अपराधियों की तरह रस्सियों से बांधकर नाव में बैठा दिया गया.
सेना की शरण में आवामी लीग के नेता!
इस बीच बांग्लादेश सेना के प्रमुख का बड़ा बयान सामने आया है. आर्मी चीफ जनरल वकार उज्जमां ने बताया है कि हसीना सरकार के कई प्रभावशाली लोगों को सेना ने शरण दे रखी है. उन्होंने बताया है कि इन लोगों की जान पर खतरा होने की आशंका के चलते इन्हें पनाह दी गई है, लेकिन अगर इनमें से किसी के भी खिलाफ कोई आरोप है या कोई मामला दर्ज है, तो एक्शन भी लिया जाएगा.
हसीना की पार्टी के नेताओं पर बढ़े हमले
दरअसल बांग्लादेश में शेख हसीना की सत्ता जाने के साथ-साथ उनकी पार्टी के नेताओं पर हमले भी बढ़े हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से जारी हमलों में आवामी लीग के 20 नेताओं के शव बरामद किए गए हैं. आक्रोशित लोग उनके घरों और परिवार को निशाना बना रहे हैं. वहीं एक के बाद एक अब इन नेताओं के खिलाफ केस भी दर्ज होने लगे हैं. मंगलवार को शेख हसीना और आवामी लीग के कुछ नेताओं समेत 7 लोगों पर एक दुकानदार की हत्या के केस में कोर्ट ने जांच के आदेश दिए हैं. वहीं सदरघाट से गिरफ्तार सलमान रहमान और अनिसुल हक के खिलाफ भी दोहरे हत्याकांड का मामला दर्ज होने की खबर है.
ऐसे में कहा जा सकता है कि आवामी लीग के नेताओं के लिए आने वाला समय और भी मुश्किलों से भरा हो सकता है. एक ओर शेख हसीना सरकार में जिन विपक्षी नेताओं पर केस दर्ज हुए या जिन्हें जेल में डाला गया था उनकी रिहाई हो रही है, विपक्षी नेताओं पर लगे केस वापस लिए जा रहे हैं. तो वहीं दूसरी ओर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी पार्टी के लोगों के खिलाफ नए मामले दर्ज किए जा रहे हैं.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *