शेख हसीना ही नहीं बांग्लादेश में बवाल ने इन चार ताकतवर लोगों की भी छीन ली कुर्सी
बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन की आंच अब देश की न्यायिक व्यवस्था तक पहुंच गई है. छात्रों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बांग्लादेश के चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन को इस्तीफा देना पड़ गया है. चीफ जस्टिस वो पांचवें शख्स हैं जिन्हें विरोध प्रदर्शन के बीच इस्तीफा देना पड़ा है. शेख हसीना पहले ही बांग्लादेश छोड़ चुकी हैं. उन्होंने भारत में शरण लिया हुआ है. चीफ जस्टिस के इस्तीफे के बाद अब देश की न्याय व्यवस्था के डगमगाने का खतरा पैदा हो गया है.
पड़ोसी मुल्क के चीफ जस्टिस ने इस्तीफा देने का फैसला शनिवार दोपहर करीब 1 बजे उस समय किया जब प्रदर्शन की अदालत परिसर में इकट्ठा हो गए. प्रदर्शनकारियों ने चीफ जस्टिस और अपीलीय डिवीजन के न्यायाधीशों के इस्तीफे की मांग करते हुए दोपहर 1 बजे तक का समय दिया था. इसके बाद चीफ जस्टिस ने इस्तीफा देने का फैसला किया. सीजेआई के इस्तीफे के बाद देश की न्यायिक व्यवस्था चरमरा गई है.
बांग्लादेश में तख्तापलट और शेख हसीना के इस्तीफे के बाद से अब तक चार बड़े चेहरे या तो इस्तीफा दे चुके हैं या फिर उन्हें पद से हटा दिया गया है. इसमें पहले नंबर बांग्लादेश के पुलिस प्रमुख चौधरी अल-मामुन रहे थे जिन्हें बर्खास्त कर दिया गया था. इसके बाद दूसरे नंबर पर बांग्लादेश इंटेलिजेंस प्रमुख मेजर जनरल जियाउल हसन को भी उनके पद से हटा दिया गया. तीसरे नंबर पर देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार तारीख अहम सिद्दिकी को पद से हाथ गंवाना पड़ा और अब चौथे नंबर पर देश के मुख्य न्यायाधीश रहे हैं, जिन्हें इस्तीफा देना पड़ा.
पहले हसीना ने देश छोड़ा
बांग्लादेश में उस समय सियासी भूचाल मच गया जब प्रदर्शनकारी छात्र प्रधानमंत्री आवास में घुस गए. आनन-फानन में शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा. तब उनके इस्तीफे की बात भी सामने आई थी. हालांकि, अब उनके बेटे सजीब वाजेद जॉय ने दावा किया है कि हसीना ने इस्तीफा नहीं दिया था. हसीना के देश छोड़ने के बाद अब बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बन चुकी है. मोहम्मद यूनुस प्रधानमंत्री बन गए हैं.
तारिक अहमद सिद्दीकी का पता नहीं
बांग्लादेश की जब शेख हसीना की सरकार थी तो तारिक अहमद सिद्दीकी की गिनती देश के दूसरे ताकतवर लोगों में होती थी. तारिक अहमद सिद्दीकी शेख हसीना के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे.माना जा रहा है कि जिस दिन से हसीना ने बांग्लादेश छोड़ा है उस दिन तारिक अहमद सिद्दीकी भी गायब हैं. देश में अंतरिम सरकार बन गई है ऐसे में उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पद से भी हाथ धो बैठे हैं. सिद्दीकी शेख हसीना की एकमात्र जीवित बहन शेख रेहाना के पति शफीक अहमद सिद्दीकी के छोटे भाई हैं.
पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून बर्खास्त
शेख हसीना के देश छोड़ने के ठीक अगले दिन यानी मंगलवार को सेना ने बांग्लादेश के पुलिस महानिरीक्षक (IGP) चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून को बर्खास्त कर दिया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, देश में अंतरिम सरकार की घोषणा के बाद कमांडेंट मोहम्मद मैनुल इस्लाम को नया पुलिस महानिरीक्षक बनाया गया है. शेख हसीना ने 30 सितंबर 2022 को अब्दुल्ला अल मामून को आईजीपी बनाया था. आईजीपी बनने से पहले मामून आरएबी के महानिदेशक थे जबकि उससे पहले आपराधिक जांच विभाग (CID) के प्रमुख थे.
इंटेलिजेंस हेड जियाउल हसन को हटाया गया
शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद सेना ने पूर्व प्रधानमंत्री के करीबी अधिकारी और देश के इंटेलिजेंस हेड जियाउल हसन को पद से हटा दिया. इसके बाद उन्हें हिरासत में भी ले लिया गया था. हसन को एयरपोर्ट से ही हिरासत में ले लिया गया. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हसन भी देश छोड़ने का प्लान कर रहे थे, इसके लिए उन्होंने ढाका एयरपोर्ट से विमान को उड़ान भरने के लिए रनवे पर जा चुका था, लेकिन बीच में ही उसे वापस बोर्डिंग ब्रिज के पास ला दिया गया. बाद में एयरपोर्ट से ही उन्हें हिरासत में ले लिया.
अब चीफ जस्टिस का इस्तीफा
बांग्लादेश में तख्तापलट के एक हफ्ते भी नहीं हुए है कि अब देश के चीफ जस्टिस को इस्तीफा देना पड़ा है. प्रदर्शनकारियों की मांग और उनके कोर्ट परिसर में घुसने के बाद चीफ जस्टिस हसन ने अपना पद छोड़ दिया. माना जा रहा है कि अगर वो पद नहीं छोड़ते तो उनके साथ कोई घटना भी हो सकती थी. चीफ जस्टिस ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के दोनों डिवीजन के सभी न्यायाधीशों के साथ पूर्ण न्यायालय की बैठक बुलाई थी. प्रदर्शनकारियों ने पूर्ण न्यायालय की बैठक को न्यायिक तख्तापलट के रूप में देखा. जिसके बाद भारी संख्या में लोग कोर्ट परिसर में घुसे गए और उसे चारों तरफ से घेर लिया.