शेयर बाजार पर अमेरिकी संकट का साया, निवेशकों के 5.48 लाख करोड़ का हुआ सफाया
शेयर बाजार में लगातार तीसरे दिन गिरावट देखने को मिली. सेंसेक्स में इस दौरान 1400 से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल चुकी है. जानकारों की मानें तो अमेरिका जिस आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. आंकड़ें बेहतर नहीं आ रहे हैं. उसकी वजह से दुनिया भर के बाजारों में गिरावट देखने को मिल रही है. हालिया जॉब डाटा हो या फिर कुछ दिन पहले आए मैन्युफैक्चरिंग आंकड़ें या फिर फेड की संभावित कटौती पर संशय ये वो तमाम फैक्टर है, जिसकी वजह से शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल रही है.
दूसरी ओर रुपए में गिरावट के कारण भी एक अहम कारण है. विदेशी निवेशकों की ओर शेयर बाजार से लगातार पैसा निकाला जा रहा है. वहीं दूसरी ओर शेयर बाजार की ओवर वैल्यूएशन भी मुनाफावूसली का अहम कारण है. इन तमाम कारणों की वजह से शुक्रवार को शेयर बाजार निवेशकों के 5.48 लाख करोउ़ रुपए साफ हो गए हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर शुक्रवार को शेयर बाजार में किस तरह के आंकड़ें देखने को मिले हैं.
सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट
बांबे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 1,017.23 अंक या 1.24 फीसदी की बड़ी गिरावट के साथ 81,183.93 अंक पर बंद हुआ. यह दो सप्ताह का सबसे निचला बंद स्तर है. कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स 1,219.23 अंक फिसलकर 80,981.93 अंक पर आ गया था. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी 292.95 अंक यानी 1.17 फीसदी गिरकर 24,852.15 अंक पर आ गया. यह निफ्टी में गिरावट का लगातार तीसरा सत्र रहा.
सेंसेक्स की 30 कंपनियों में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में सर्वाधिक चार प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. इसके अलावा एनटीपीसी, आईसीआईसीआई बैंक, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एक्सिस बैंक और आईटीसी के शेयरों में भी नुकसान रहा. दूसरी तरफ बजाज फाइनेंस, एशियन पेंट्स, जेएसडब्ल्यू स्टील और मारुति सुजुकी के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए.
क्या कहते हैं जानकार
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि एफआईआई खुलासा मानकों पर सेबी की समयसीमा के कारण घरेलू बाजार में घबराहट रही. हालांकि, इससे दीर्घावधि में एफआईआई के बीच भारत को लेकर आकर्षण पर कोई असर पड़ने की आशंका नहीं है. नायर ने कहा कि बाजार को तेजी देने वाले नए कारकों के अभाव और ऊंचे मूल्यांकन की वजह से अल्पावधि में एक निष्क्रिय रुझान जारी रहने की उम्मीद है. वैश्विक बाजार भी अमेरिका के गैर-कृषि रोजगार आंकड़े आने से पहले सतर्क रुख अपना रहे हैं.
बिकवाली के इस व्यापक दौर में बैंकिंग और ऊर्जा क्षेत्र को सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ. व्यापक सूचकांकों में भी गिरावट देखी गई, जिनमें से प्रत्येक को एक प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ. रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट अजित मिश्रा ने कहा कि अमेरिकी बाजारों में हालिया कमजोरी ने भारतीय बाजारों की रफ्तार धीमी कर दी है. इसकी वजह से बाजार प्रतिभागी नौकरियों के आंकड़ों से पहले सतर्क हो गए हैं.
ग्लोबल मार्केट में भी गिरावट
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग के हैंगसेंग में भी गिरावट दर्ज की गई. यूरोप के अधिकांश बाजार दोपहर के सत्र में गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे. अधिकांश अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को नकारात्मक दायरे में बंद हुए थे. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 688.69 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की. इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.14 प्रतिशत बढ़कर 72.79 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया.
बाजार निवेशकों को मोटा नुकसान
शेयर बाजार में आई बड़ी गिरावट का असर बीएसई में लिस्टिड कंपनियों के मार्केट कैप पर पड़ा और यह 5,49,925.16 करोड़ रुपए की बड़ी गिरावट के साथ 4,60,18,976.09 करोड़ रुपये (5.48 लाख करोड़ डॉलर) रह गया. एक दिन पहले बीएसई का मार्केट कैप 4,65,54,886.40 करोड़ रुपए था. यही बाजार निवेशकों का नुकसान है. जब बीएसई के मार्केट कैप में इजाफा देखने को मिलता है तो शेयर बाजार निवेशकों को फायदा होता है. बीएसई के मार्केट कैप में गिरावट आने पर बाजार निवेशकों को नुकसान का सामना करना पड़ता है.